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"घूस देना कानूनी जायज बनाया जाए"

२० जुलाई २०११

भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के अध्यक्ष नारायण मूर्ती ने कहा है कि घूसखोरी को कानूनी दर्जा दे देना चाहिए. उनके अनुसार भ्रष्टाचार से निपटने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता.

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तस्वीर: Fotolia/Natalia D.

मूर्ती ने अर्थशास्त्री कौशिक बासु के एक प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यदि घूस देना अपराध न रहे तो इससे दक्षिण एशियाई देशों में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सकती है. रोमांचक बात यह है कि कौशिक बासु के प्रस्ताव में घूस लेने को नहीं, बल्कि केवल घूस देने को कानूनी बनाने की बात कही गई है. अहमदाबाद में समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में मूर्ती ने कहा, "यदि घूस देना अपराध न रहे तो घूस देने वाला व्यक्ति घूस लेने वाले अधिकारियों को पकड़वाने में सरकार की मदद कर सकता है. यह एक बहुत शानदार तरीका है और मेरे ख्याल में इसे लागू करना चाहिए."

मूर्ती ने कहा कि रिश्वत लेने वाले लोगों के कारण भारत ठीक विकास नहीं कर पा रहा है और यदि सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में सफल हो पाती तो देश का विकास कई गुणा अधिक होता. लंबे समय से यूपीए सरकार कई तरह के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों से जूझ रही है. एक तरफ टेलीकॉम घोटाला तो दूसरी ओर कॉमनवेल्थ खेलों में हुआ करोड़ों का घोटाला. भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में आवाजें भी उठ रही हैं. पहले अन्ना हजारे ने अनशन करके सरकार और जनता का ध्यान खींचा और बाद में बाबा रामदेव ने. अब तक इन में से किसी की भी कोशिश रंग नहीं लाई. अब घूसखोरी को कानूनी जायज बनाने के प्रस्ताव से देश में भ्रष्टाचार पर काबू पाया जाएगा, इस पर बहस हो रही है. बासू के प्रस्ताव पर कई लोगों ने नाराजगी जताई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ईशा भाटिया

संपादन: ए जमाल

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