सुकून भरी नींद के लिए गोली से लेकर योग तक न जाने कितने जतन किए जाते है, लेकिन अब चमेली की सुगंध लीजिए और चैन की नींद सो जाइए.
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वैज्ञानिकों की मानें तो अब अनिद्रा के शिकार लोगों को नींद की गोलियां खाने की कोई जरूरत नहीं है. बल्कि चमेली के फूल की सुगंध इसका आसान, सुरक्षित और कुदरती उपाय हो सकता है. जर्मन वैज्ञानिकों की ताजा शोध रिपोर्ट के मुताबिक पूरी सांस भरकर ली गई चमेली की सुगंध नींद आने में मददगार होती है. इससे नींद की गोलियों, खासकर वेलियम के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है.
ऑनलाइन पत्रिका बायोलोजिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार चमेली को सूंघने से दिमाग में होने वाली आण्विक हलचल तनाव को दूर कर सोने के लिए प्रेरित करती है. यही काम वेलियम भी करती है. डूसलडॉर्फ स्थित हाइनरिष हाइने विश्वविद्यालय और रूअर विश्वविद्यालय बोखुम के वैज्ञानिकों की इस साझा खोज को पेटेंट भी मिल गया है.
खूबसूरत ही नहीं स्वादिष्ट भी हैं फूल
सुनने में अजीब जरूर लगता है लेकिन कई फूल खाने के काम आते हैं, जैसे गुलाब के फूल को सुखा कर गुलकंद बनाया जाता है और केसर मिठाई और बिरयानी की शान बढ़ाता है.
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लैवेंडर
जामुनी रंग के लैवेंडर की खुश्बू कमाल की होती है. जुलाई के महीने में इटली और फ्रांस के कई इलाकों में लैवेंडर की खेती होती है. जामुनी रंग के फूलों से भरे खेतों का नजारा अद्भुत होता है. कई लोग इन्हें चाय में मिला कर पीना पसंद करते हैं.
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जलकुंभी
लाल और पीले रंग के इन फूलों को बहुत चाव से खाया जाता है. यूरोप में अक्सर पांच सितारा रेस्त्रां खाने को इन फूलों से सजाना पसंद करते हैं. इनका स्वाद कुछ कुछ मूली जैसा होता है और इन्हें चीज से भर कर परोसा जाता है.
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कुकरौंधा
जो लोग खरगोश पालते हैं, वे इस फूल से वाकिफ हैं. इसका स्वाद कड़वा होता है लेकिन खरगोश इसे खाना पसंद करते हैं. बढ़िया शेफ वो है जो इस कड़वाहट का भी इतनी चतुराई से इस्तेमाल करे कि खाने वाले अंगुलियां चाटते रह जाएं. वाइन, जेली और कुकीज में इसे मिलाया जाता है.
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पैंजी
यह फूल दुनिया के कई देशों और कई रंगों में मिलता है पर इसके बीच का हिस्सा हमेशा काला ही होता है. इसीलिए इसे केक और कुकीज में डाला जाता है. साधारण से दिखने वाले पीले चीजकेक में इस फूल के कारण रंग आ जाते हैं.
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गेंदा
अक्सर मंदिरों में दिखने वाला गेंदे का फूल खाया भी जा सकता है. गेंदे की कई किस्में होती हैं. इसका इस्तेमाल तरह तरह की क्रीम और लोशन में किया जाता है. साथ ही बेकरी के उत्पादों में भी गेंदे का फूल काम आता है. कभी गेंदे के रस से भरा मफिन चख कर देखें!
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गुलनार
इन फूलों का इस्तेमाल ज्यादातर पूजा में किया जाता है. लेकिन असल में इनसे स्वादिष्ट जेली और शरबत भी बनते हैं. मक्खन में मिला कर भी इसका आनंद लिया जा सकता है. स्वाद कुछ कुछ लौंग से मेल खाता है.
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बबूने
इस फूल को पानी में उबाल कर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है. स्वाद हल्का सा कड़वा होता है लेकिन ग्रीन टी के शौकीनों में यह काफी लोकप्रिय है. माना जाता है कि इसकी सुगंध सिरदर्द से भी निजात दिलाती है.
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ग्लैडीओलस
लंबी डंडी वाले ये फूल अक्सर गुलदस्तों में दिखाई देते हैं. कम ही लोग जानते हैं कि इन्हें खाया भी जा सकता है, वह भी यूं ही सलाद में मिला कर.
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प्रो. हेंस हाट की अगुवाई में सम्पन्न इस अहम शोध के मुताबिक नियमित तौर पर नींद की गोली खाने से न सिर्फ इन पर निर्भरता बढ़ जाती है बल्कि अवसाद, चक्कर आना, तनाव, मांसपेशियां कमजोर होना और सामंजस्य न बिठा पाने जैसी दिक्कतें भी स्वभाव में शुमार हो जाती हैं. यह बात दीगर है कि गोली खाने और चमेली की सुगंध से दिमाग में होने वाली रासायनिक क्रिया एक समान है लेकिन इसके बावजूद कुदरती तरीके से नींद लेने का कोई साइडइफेक्ट नहीं है.
गौरतलब है कि नींद, अवसाद और तनाव के लिए दुनिया भर में आमतौर पर वेलियम और बेंजोडायजापाम की गोलियां ली जाती हैं. इसका 20 प्रतिशत इस्तेमाल पश्चिमी देशों में होता है. शोध के नतीजों तक पंहुचने से पहले चूहों और फिर मनुष्यों पर लंबे समय तक तमाम तरह की खुशबुओं के परीक्षण किए गए. प्रो. हाट बताते हैं कि चमेली की खुशबू सांस के जरिए फेफड़ों तक जाती है और फिर खून में मिलकर दिमाग में नींद के लिए जिम्मेदार तंत्रिकाओं को सक्रिय कर देती है. उनके मुताबिक शोध के नतीजों को तनाव दूर करने के लिए आजकल प्रचलित अरोमाथेरेपी के वैज्ञानिक प्रभावों की कसौटी पर भी कसा जा सकता है.