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चरमपंथियो से रिश्तों पर चार पाक मेजरों से पूछताछ

२३ जून २०११

पाकिस्तान सेना ने अपने चार सेवारत मेजरों से चरमपंथी संगठन हिज्बुल तहरीर से कथित रिश्तों के संबंध में पूछताछ की है. पाकिस्तानी सेना में चरमपंथियों से हमदर्दी रखने वाले अफसरों के कई मामले सामने आए हैं.

तस्वीर: AP

मंगलवार को ही सेना के एक सेवारत ब्रिगेडियर को हिरासत में लिया. लभगभ एक दशक में यह किसी बड़े सैन्य अफसर की पहली गिरफ्तारी है. इसके बाद बुधवार को चार मेजरों से चरमपंथियों से रिश्तों को लेकर पूछताछ की गई. सेना के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. हिज्बुल तहरीर अहिंसक आंदोलन चला रहा है जिसका मकसद पाकिस्तान में धार्मिक इस्लामी शासन व्यवस्था कायम करना है.

इस संगठन के सदस्य रहे माजिद नवाज का कहन है, "हिज्बुल तहरीर लंबे समय से सेना के लोगों को अपने साथ मिलाने की नीति पर चल रहा है." नवाज अब ब्रिटेन में कट्टरपंथ से निपटने के लिए काम कर रहे हैं, जहां हिज्बुल तहरीर खासा सक्रिय रहा है. नवाज नहीं मानते कि हिज्बुल तहरीर सत्ता पर काबिज होने में सफल रहेगा. लेकिन संगठन पर कार्रवाई करने के लिए सेना को बुलाया जाना था. इस गुट का एजेंडा ऐसे समय में पाकिस्तान को बांट रहा है जब उसे चरमपंथ के खिलाफ एकजुट होना है.

तस्वीर: AP

ब्रिगेडियर अली खान को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया है लेकिन उनकी गिरफ्तारी का एलान मंगलवार को किया गया. उनकी पत्नी और वकील, दोनों ने इस बात को खारिज किया है कि उनके हिज्बुल तहरीर के साथ संबंध हैं. सेना के प्रवक्ता अतहर अब्बास ने बुधवार को रॉयटर्स को बताया कि चार मेजरों से पूछताछ की गई है लेकिन उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है. उनके मुताबिक, "उनसे ब्रिगेडियर के मामले में पूछताछ हो रही है."

2 मई को एबटाबाद में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के बाद से पाकिस्तान सेना पर अपने उन अफसरों से निटपने के लिए अमेरिकी दबाव पड़ रहा है जो चरमपंथियों से हमदर्दी रखते हैं. अमेरिका सरकार का मानना है कि बिन लादेन को पाकिस्तान में सुरक्षा प्रतिष्ठानों के कुछ तत्वों की मदद जरूरी मिली हुई थी. एबटाबाद ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान सेना को बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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