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गोल्ड मेडल जीतकर मचाई सनसनी

१५ फ़रवरी २०१४

सोची ओलंपिक में जर्मनी के स्लेज खिलाड़ियों की सफलता पर खेल की दुनिया चकित है. लेकिन सच कहें तो जर्मनी के बैर्स्टेसगाडेन के एकमात्र ट्रेनिंग ग्रुप ने अकेले चार चार गोल्ड मेडल जीत लिया और ओलंपिक गांव में सनसनी मचा दी.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

सवा चार बजे सारा विषाद खत्म हो चुका था और ट्रेनिंग ग्रुप में सहिष्णुता लौट आई थी. नताली गाइजेनबर्गर ने टोबियास आर्ल्ट को पीठ पर लादा और उनके साथ पार्टी के मेहमानों की भीड़ में घुस गईं. कुछ देर पहले माहौल में थोड़ा तनाव था क्योंकि फेलिक्स लॉख ने गाइजेनबर्गर को शैम्पेन में नहा दिया था और उन्हें लंबे समय के लिए चेंज के लिए टॉयलेट में घुसना पड़ा था. लेकिन गुरुवार को साथ साथ सोने का पदक जीतने वाले स्लेज दौड़ के इन खिलाड़ियों में बहुत दोस्ती है और उनके बीच कुछ होता भी है तो वह ज्यादा देर नहीं टिकता. हाइजेनबर्गर ने बाद में कहा, "मैं उस पर नाराज नहीं हूं. मेरे लिए ये बस बहुत ज्यादा था. मुझे शैम्पेन में नहाना अच्छा नहीं लगता."

लेकिन ट्रेनिंग ग्रुप के उनके तीन पुरुष साथियों को ऐसा करना बहुत पसंद है. वे जीत की खुशी में बार बार कार्बोनेटेड वाइन छिड़क रहे थे. इसके बाद लॉख, आर्ल्ट और टोबियास वेंडल क्रासनाया पोल्याना के केंद्र में स्काई क्लब गए जहां उन्होंने रात को दिन में बदल दिया. अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में थकान उनके चेहरे पर दिख रही थी और वे पानी की चुस्की ले रहे थे. लेकिन जीत के बाद जश्न मनाना उनका हक था.

चार प्रतियोगिताओं में चार स्वर्ण पदक जीत कर बवेरिया के खिलाड़ियों ने अकेले ही जर्मनी के बॉब और स्लेज संघ को ओलंपिक में ऐतिहासिक नतीजे दिलाए. टीम क्रॉस कंट्री रेस में गाइजेनबर्गर, लॉख और डबल सीटर के वेंडल और आर्ल्ट की जीत ने वर्चस्व के झंडे लहरा दिए. स्लेज के हीरो शॉर्श हाकेल ने टिप्पणी की, "इसे दिमाग में ठीक से बिठा लेना होगा, ऐसा कुछ हम फिर से जल्द नहीं देखेंगे."

गाइजेनबर्गर और हूफनरतस्वीर: Getty Images

विदेशी पत्रकार भी बार बार यही सवाल कर रहे हैं कि ट्रेनिंग ग्रुप सनसाइन की सफलता का राज क्या है? जर्मन ट्रेनर नॉर्बर्ट लॉख का कहना है कि सनसाइन का मतलब यह है कि कड़ी ट्रेनिंग के बावजूद उन्हें मजा भी आता है. बेटे फेलिक्स के अलावा तीनों अन्य खिलाड़ी बचपन से ही उनसे ट्रेनिंग पा रहे हैं. वे बताते हैं, "जब एक कमजोर पड़ता है तो दूसरे उसे अपने साथ खींच लेते हैं." लॉख का कहना है कि आपसी सहयोग और ट्रेनिंग की अच्छी शर्तों के अलावा उन्होंने अपनी प्रतिभा को बैर्स्टेसगार्डेन में तराशा है जहां स्लेज के लिए बड़ा उत्साह है. स्लेज वहां स्कूली खेल है और बच्चों को क्रिसमस में तोहफे में दिया जाता है.

लॉख और उनके साथियों की सफलता का एक और राज है उच्चतम क्वालिटी का मैटेरियल. उन चारों को शॉर्श हाकेल की कला और कारीगरी का लाभ मिला, जिसकी वजह से ओलंपिक में कुछ नाराजगी भी रही. दूसरे नंबर पर आने वाली फ्रीडरिष रोडा की खिलाड़ी तात्याना हूफनर ने जर्मन स्लेज संगठन में गैरबराबरी के बर्ताव की शिकायत की. और इसके साथ उन्होंने स्लेज के मैटेरियल को लेकर बरती जा रही गोपनीयता पर बरसों से चल रहे विवाद को भी सामने ला दिया है.

एमजे/एजेए (एसआईडी)

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