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चावेज जीते, और अच्छे बनेंगे

८ अक्टूबर २०१२

वेनेजुएला के राष्ट्रपति हूगो चावेज ने फिर से चुनाव जीत लिया है. उनके प्रतिद्वंद्वी हेनरिक काप्रीलेस से उन्हें कड़ी चुनौती मिली है लेकिन चावेज का कहना है कि वे अपनी तरह की सामाजिक क्रांति को आगे बढ़ाएंगे.

तस्वीर: Reuters

चावेज के हजारों समर्थकों ने काराकास में राष्ट्रपति महल के सामने चावेज की जीत का जश्न मनाया और "चावेज नहीं जा रहे" के नारे लगाए. अगर चावेज इस कार्यकाल को पूरा कर लेते हैं तो वे 20 साल तक वेनेजुएला में सत्ता में बने रहेंगे. कांटे के चुनाव में चावेज ने 54 प्रतिशत वोट जीते हैं लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी काप्रीलेस ने भी 45 प्रतिशत वोटों के साथ चावेज को कड़ा टक्कर दिया है.

पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगले छह सालों में चावेज वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था पर अपनी पकड़ और मजबूत करेंगे. माना जा रहा है कि देश में कंपनियों का राष्ट्रीयकरण जारी रहेगा और वे दक्षिण अमेरिका और विश्व भर में अपने वामपंथी समर्थकों को सहयोग देते रहेंगे. रविवार को राष्ट्रपति महल के बाहर दक्षिण अमेरिकी क्रांतिकारी सिमोन बोलिवार की तलवार लहराते हुए उन्होंने एलान किया, "सही में, यह एक असली लड़ाई है. एक लोकतांत्रिक लड़ाई. वेनेजुएला लोकतंत्र और 21वीं सदी में बोलिवार के समाजवाद के पथ पर आगे बढ़ेगा."

चावेज दक्षिण अमेरिका के प्रमुख अमेरिका विरोधी के रूप में देखे जाते हैं. ईरान और क्यूबा के साथ उनके गहरे संबंध हैं. पिछले दस सालों में तेल के खनन ने उन्हें सामाजिक निवेशों के लिए अपार राशि दी है. वेनेजुएला विश्व का चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक देश है. तेल से कमाए पैसों का इस्तेमाल गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और घरों में किया गया है. लेकिन उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और मीडिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने के आरोप हैं. चावेज देश के बैंकों, खाद्य उद्योग और स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं. 2006 में जीत के बाद उन्होंने बिजली, टेलिकॉम और तेल सेक्टरों को निजी नियंत्रण से वापस ले लिया. लेकिन हो सकता है कि कैंसर के मरीज चावेज को अपनी बीमारी के चलते इन योजनाओं को टालना पड़े.

2006 की जीत के मुकाबले चावेज का इस साल चुनाव जीतना कुछ फीका रहा. पिछली बार वे 25 प्रतिशत के अंतर से जीते थे तो इस बार केवल नौ प्रतिशत से जीते हैं. इससे पहले उन्हें कैंसर भी हुआ था और इलाज की वजह से वे चुनाव प्रचार में अपना सबकुछ नहीं दे पाए. चावेज की इतनी कम सीमा से जीत इस बात का भी संकेत है कि उनके समर्थकों में महंगाई, बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर आक्रोष बढ़ता जा रहा है. इन शिकायतों पर चावेज ने वादा किया कि वे एक नई सरकार शुरू कर रहे हैं जो बेहतर तरीके से इन समस्याओं का समाधान ढूंढेगी, "मैं आपको एक बेहतर राष्ट्रपति होने का वादा देता हूं."

विपक्ष के नेता चावेज की जीत से हतोत्साहित हैं. 40 साल के काप्रीलेस का चुनाव प्रचार अभियान काफी सफल रहा, लेकिन जीत फिर भी उनके हाथ नहीं आई. उन्होंने कहा, "मैंने इसके लिए अपना सबकुछ दिया है और जो हमने हासिल किया है, इस पर मुझे गर्व है. मैं वेनेजुएला के लिए काम करता रहूंगा."

काप्रीलेस अब तक के चावेज के सबसे गंभीर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं लेकिन विपक्ष के कई नेताओं को पूरी चुनाव प्रणाली से आपत्ति है. चावेज ने राष्ट्रीय मीडिया का पूरा इस्तेमाल किया और 47 घंटे सीधे प्रसारण किए. कई टेलिविजन चैनलों को उनके राजनीतिक भाषण प्रसारित करने पड़े. चावेज के सामाजिक कार्यक्रमों ने देश की अर्थव्यवस्था पर काफी बोझ डाला है. विश्लेषकों का मानना है कि 2013 में मुद्रा का अवमूल्यन करना होगा.

एमजी/एमजे(रॉयटर्स, एएफपी)

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