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चिली का निराला वन-अभियान, सबके लिए हो पहाड़

२९ जनवरी २०२१

चिली में एक नागरिक अभियान राजधानी संतियागो के पास राष्ट्रीय पार्क बनाने की मांग कर रहा है. देश की संसद ने भी इस मांग का समर्थन किया है, लेकिन इस राह में बाधाएं भी हैं. वहां जाने का रास्ता निजी खनन के इलाके से जाता है.

Bildergalerie 500 Jahre Weltumrundung Magellanstraße
तस्वीर: picture-alliance/robertharding/A. Robinson

मध्य चिली की एंडीस पर्वत ऋंखला के ग्लेशियरों से ढके साढ़े चार हजार मीटर ऊंचे पहाड़ सेरो अलबार्को की पहली चढ़ाई अपने नाम करने वाली पर्वतारोहण गाइड विवियाना कलाहान और उनके साथी पर्वतारोही फेलिप कैनिकिनो के पास ऐसा कर गुजरने की दो वजहें थीं. पहली वजह थी, उनका पर्वतारोहण का अनुभव जिसकी बदौलत वो देश के दक्षिणी बर्फीले पहाड़ों की बहुत सी चोटियों पर इंसानी कदमों की छाप छोड़ पायीं. दूसरी वजह थी, क्वेरेमोस पार्के, हमें पार्क चाहिए नाम का जन-अभियान जिसके तहत संतियागो से 60 किलोमीटर दूर इस खूबसूरत कुदरती जंगल को एक विशाल राष्ट्रीय पार्क में तब्दील करने की मांग की जा रही है ताकि बेशुमार भीड़ वाली राजधानी को कुछ निजात मिले और  निवासियों को एक संरक्षित हरित इलाका. चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित और अपेक्षाकृत सुरक्षित बर्फीले टीले पर उतरते हुए और बर्फ काटने की अपनी कुल्हाड़ी को नीचे रखकर विवियाना ने बताया, "मुझे नहीं पता था कि इतना बड़ा इलाका ग्लेशियरों से ढका हुआ है. इसी वजह से लगता है कि उन्हें रौंदे जाने से बचाया जाना चाहिए."

अर्जेटीना की सीमा से लगे इस इलाके में 1420 वर्ग किलोमीटर का राष्ट्रीय पार्क बनाने की मांग के साथ अप्रैल 2019 में शुरु हुए क्वेरेमोस पार्के अभियान ने एक लाख 92 हजार नागरिकों के हस्ताक्षर जुटा लिए हैं. संसद के निचले और ऊपरी सदन में उसे बहुमत का समर्थन भी मिल गया है. अभियान के संचालकों का कहना है कि लक्ष्य ये है कि इस इलाके में जहां अभी सिर्फ पर्वतारोही ही आ पाते हैं, उसे आम शहरियों के लिए भी सुगम बना दिया जाए. जहां वे छोटी पैदल यात्राएं कर सकें, पिकनिक मनाने जा सकें और बानोस एजुलेस यानी कुदरती झीलों में नहाने का मजा उठा सकें. चिली के राष्ट्रीय वन निगम (सीओएनएएफ) के मुताबिक देश की करीब एक चौथाई जमीन को संरक्षित जमीन का दर्जा हासिल है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Bernetti

मुश्किल है नेशनल पार्क तक जाना

अधिकांश संरक्षित राष्ट्रीय पार्क आबादी से बहुत दूर, बहुत कम आबादी वाले इलाकों में बनाए गए हैं जहां घूमने जाना चिलीवासियों के लिए कठिन और महंगा पड़ता है. क्वेरेमोस पार्के अभियान की संयोजक पिलाकर वालेनजुएला का कहना है, "पार्क का मतलब ये नहीं है कि उसे दूर कहीं ताले में बंद कर दो. पार्क ऐसा होना चाहिए जिसका इस्तेमाल भी किया जा सके." उनका इशारा पैटागोनिया के कुछ दुर्गम संरक्षित क्षेत्रों की ओर था.

इस अभियान से रियो कोलाराडो बेसिन के 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले ग्लेशियरों की हिफाजत भी की जा सकेगी क्योंकि वे राजधानी की जलापूर्ति के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं. उन्हें खनन उद्योग से खतरा है जो न सिर्फ अपने पांव पसार रहा है बल्कि प्रस्तावित ग्लेशियर सुरक्षा कानून के खिलाफ भी लॉबिंग कर रहा है. वालेनजुएला का कहना है कि नये राष्ट्रीय पार्क के निर्माण की दिशा में आखिरी कदम होगा, राष्ट्रपति सेबास्टियान पिन्येरा की मंजूरी. सरकार ने इस बारे में कोई तारीख नहीं बतायी है कि राष्ट्रपति कब तक इस प्रस्ताव पर फैसला करेंगे.

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) से जुड़े जेम्स हार्डकासल का कहना है, "ये पार्क करोड़ों लोगों के संभावित उपयोग का जरिया बनेगा, ग्लेशियरों की हिफाजत भी करेगा, यानी ये जान लीजिए कि चिली के संरक्षण के इतिहास में ये ये सबसे बड़ी उपलब्धि होगी."

कोविड-19 के समय में राष्ट्रीय पार्क

सत्तर लाख लोग यानी देश की चालीस प्रतिशत आबादी चिली के महानगरीय इलाकों में रहती है. लेकिन महानगर का दो प्रतिशत से कम हिस्सा ही संरक्षित है. वालेनजुएला का कहना है कि "एंडीज के इस हिस्से में पार्क बनेगा तो वो पहाड़ों का भी लोकतंत्रीकरण कर देगा." शारीरिक और मानसिक फायदों के अलावा, शहरवासियों को एक हरी भरी जगह की नियमित सुगमता हासिल होने से और भी लाभ होंगे. पार्क बन जाने से धरती की सेहत भी सुधरेगी. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण एजेंसी के पेट्रन ऑफ प्रोटेक्टेड एरियाज से जुडीं क्रिस्टीन टोम्पकिन्स कहती हैं, "जलवायु संकट के एक कुदरती समाधान के तौर पर ऐसे विशाल पार्कों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. खासकर कोविड के दौर में. संतियागो के लोगों के लिए...ये जीवनरेखा है."

तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

एंडीज पर्वत ऋंखला के 82 प्रतिशत ग्लेशियर चिली में हैं. करीब करीब सभी पिघल रहे हैं और देश जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से जूझ रहा है जैसे कि बाढ़, लू और सब कुछ खत्म कर देने वाली जंगल की आग. वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती गरम होती जाएगी तो ये घटनाएं और तेज होंगी. हार्डकासल के मुताबिक पार्क में लू से बचाव और कार्बन को जब्त कर लेने की सामर्थ्य होती है जिसके लिए दुनिया भर में कोशिशें चल रही हैं.

सैलानियों की आवाजाही का मुद्दा

रियो कोलोराडो बेसिन ऐतिहासिक रूप से एक चरागाह रहा है. 1976 में तानाशाह अगस्तो पिनोशे ने सैन्य उद्देश्यों के लिए इस जगह को हड़प लिया था. 1990 में लोकतंत्र की बहाली के बाद, चिली की सेना ने इलाके पर अपना नियंत्रण बनाए रखा. यूं तो ये देश के नागरिकों की संपत्ति है, लेकिन इसकी देखरेख सरकार का राष्ट्रीय संपत्ति मंत्रालय करता है. प्रस्तावित पार्क का एक बड़ा हिस्सा अल्फाल्फाल शहर के संकुचित प्रवेश से भी आगे फैला हुआ है. उससे आगे की घाटी का रास्ता, 200 मीटर ऊंची पहाड़ी चट्टानों से घिरा हुआ है. सड़क के दोनों ओर आल्टो माइपो जलबिजली परियोजना की तारों वाली बाड़ लगी है और परियोजना के निजी सुरक्षाकर्मी वहां पहरा देते हैं.

कोई आगंतुक अगर इस इलाके में जाना चाहे तो उसे चिली सरकार के एक जटिल प्रवेश प्रोटोकोल से गुजरना होगा. आवाजाही पर अड़चनें चिली की सीमेंट कंपनी सेमेन्टोस बियो बियो की ओर से भी हैं. कंपनी ने खनन के लिए इस बेसिन का दस प्रतिशत हिस्सा 1996 में सरकार से खरीद लिया था. खनन की साइट, घाटी के कॉरीडोर में बीचोंबीच पड़ती है, ये राष्ट्रीय पार्क में तो नहीं आएगी. लेकिन आगंतुकों को पहाड़ तक जाने के लिए इस साइट से गुजरना होगा और इसके लिए कंपनी की अनुमति चाहिए होगी. सेमेन्टोस बियो बियो ने इन सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया था कि क्या वो पार्क के आगंतुकों की बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करेगी.

तस्वीर: picture-alliance/Arco Images

सीमेंट की खदान के अलावा, चिली की विभिन्न सरकारों ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को रियो कोलोराडो बेसिन में जगह जगह खनन के अस्थायी अधिकार दिए हुए हैं. इन कंपनियों में ऐंग्लो अमेरिकन पीएलसी भी एक है. कंपनी ने ईमेल से भेजे बयान में कहा कि उसे अभियान के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है इसलिए वो पार्क के प्रस्ताव पर टिप्पणी नहीं कर सकती है.

'अच्छी सरकार, अधिकार और आवाजाही'

प्रस्तावित राष्ट्रीय पार्क के बीचोंबीच, सीमेन्टोस बियो बियो की साइट के पास रहने वाला मिगुएल फजार्दो चरवाहा है. इलाके के दूसरे चरवाहों की तरह फजार्दो कंपनी की जमीन पर अपने मवेशियों को चराने के लिए उसे फीस चुकानी होती है. उसे डर है कि राष्ट्रीय पार्क से उसकी जीविका खतरे में पड़ जाएगी. एक चिंता ये है कि पार्क बन जाने से शेरों की आबादी में भी इजाफा हो सकता है, जिनसे उसके मवेशियों को खतरा होगा. उसका कहना है कि, "पार्क तो हमारे हित में नहीं होगा." वालेनजुएला ने कहा कि क्वेरेमोस पार्के चरवाहों के हितों पर कोई आंच नहीं आने देगा, ये तय है. 

हार्डकासल को यकीन है कि नीतियों और क्षेत्रीकरण को मिलाजुलाकर सही ढंग से लागू किया जाए तो खनन कार्य और चरवाहों की गतिविधियां बनी रह सकती हैं और आगंतुकों की आवाजाही भी. "पार्क लोगों को भला उनके अधिकारों से बेदखल क्यों करेगा. अच्छी सरकार, अधिकार और आवाजाही, संरक्षण की कुंजी है." उधर पर्वतारोही कल्लाहान का मानना है कि इलाके में आवाजाही अगर सुगम होती है तो बेसिन से जुड़े बहुत से फायदों के बारे में चिली के लोगों को पता चल पाएगा. कल्लाहान कहती हैं, "इस इलाके को बचाने के लिए हमें लोगों को इससे जोड़ना ही होगा."

एसजे/एमजे (रॉयटर्स थॉमसन फाउंडेशन)

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