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चिली में फंसे खदानकर्मियों का पहला वीडियो

२७ अगस्त २०१०

चिली में जमीन से 700 मीटर नीचे फंसे खदान मजदूरों की सलामती को दिखाने वाला वीडियो टेप मिला गया है. इसे देखकर इन 33 मजदूरों के घरवालों ने राहत की सांस ली है. बाद में टेप का टीवी पर भी प्रसारण किया गया.

तस्वीर: AP

वह बहुत खुश और उत्साहित है...वह गा रहा है...उसने अपने माता पिता, परिवार और बच्चों को सलाम भेजा है. दूसरा है कि नीचे वह काफी दुबला दिखाई दे रहा है. उसका वजन काफी कम हो गया है लेकिन वह इसे दोबारा बढ़ा लेगा.

ये शब्द चिली के उन मजूदरों के परिवार वालों के हैं, जो पिछले 21 दिन से जमीन के सात सौ मीटर नीचे एक शेल्टर में शरण लिए हुए हैं. इनका एक वीडियो बाहर आया है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि शेल्टर में नमी और उमस भरी गर्मी के भभके को झेलकर भी इन मजदूरों का मौत से लड़ने का जज्बा बरकरार है.

45 मिनट के वीडियो में एक मजदूर बता रहा है कि किस तरह उन सबने इस कालकोठरी में जिंदगी को हालात के मुताबिक ढालने की शानदार कोशिश की है. मानो उन्हें इस बात का अहसास हो कि लंबा वक्त अभी हजार गज जमीन के नीचे ही गुजारना है. सरकार की ओर से मजदूरों को अभी यह नहीं बताया गया है कि उनकी सकुशल वापसी में कम से कम चार महीने लगेंगे. पहले टेलीफोन संदेश में इन्हें सिर्फ यही बताया गया कि बचाव अभियान दो महीने में पूरा हो सकेगा.

वीडियो में खुश होते, खदान में फंसे मजदूरतस्वीर: AP

राशन पानी के साथ कैप्सूल के जरिए भेजे गए सूक्ष्म कैमरे के फुटेज में एक मजदूर शेल्टर में अलग अलग कामों के लिए नियत की गई जगह को इशारे से बता रहा है. राहत एवं बचाव अभियान के तहत भेजी गई दवाएं अलग कोने में रख दी गई हैं. साथ ही इस मुसीबत से निकलने की योजना बनाने के वास्ते होने वाली रोजाना बैठकों और योजना को कामयाब बनाने में मददगार पूजा पाठ के लिए भी शेल्टर में अलग जगह तय कर दी गई है. इसमें पखवाड़े भर से ज्यादा दिनों की बढ़ी हुई दाढ़ी में दर्जन भर अन्य मजदूर भी हाथ हिलाकर अपनी कुशलता का संदेश देते दिखाई दे रहे हैं.

इस बीच संकटग्रस्त परिवारों ने कल खदान कंपनी सेन इस्टबान माइनिंग के खिलाफ उत्तरी शहर कोपियापो की अदालत का दरवाजा खटखटा दिया है. अदालत ने स्थानीय प्रशासन को कंपनी मालिक के खाते से 18 लाख डॉलर जब्त करने का आदेश दिया है जिससे 26 परिवारों को भविष्य में हर्जाना दिया जा सके. मुकदमे में कंपनी से आफत में फंसे मजदूरों को लंबे समय तक मौत के मुंह में पड़े रहने के कारण होने वाली मानसिक और शारीरिक पीड़ा के लिए हर्जाने की मांग की गई है.

जानकारों का कहना है कि इमरजेंसी शेल्टर तक पंहुचने के लिए नई सुरंग खोदने में चार महीने लगेंगे. इस काम को जल्द पूरा करने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के विशेषज्ञों को भी मदद के लिए बुलाया गया है. इस बीच चिली के स्वास्थ्य मंत्री जेम मेनलिच ने वीडियो फुटेज देखने के बाद बताया कि मजदूर तनाव में दिख रहे हैं. इसका कारण शेल्टर की उमसभरी गर्मी में भय और चिंता की वजह से ठीक से नींद न आना हो सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल

संपादनः वी कुमार

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