कहते हैं कि चीता पीछे हो तो इंसान और भी तेज भागता है. लेकिन तेज भागने वाले शिकारी जानवरों से बचने के लिए सिर्फ तेज भागना ही काफी नहीं है. एक रिसर्च ने इस बारे में कुछ नई जानकारियां सामने आई हैं.
विज्ञापन
पर्यावरण से जुड़ी पत्रिका नेचर ने जंगल के शिकारी जीवों और उनके शिकार के बारे में एक रिपोर्ट छापी है. शेर और चीता काफी तेज, मजबूत और अपने शिकार की तुलना में स्फूर्तिमान होते हैं लेकिन जेब्रा और मृग अपनी अकस्मात रणनीतियों से इसकी भरपाई कर लेते हैं. रिसर्चरों का कहना है कि अधिकतम रफ्तार पर भागना एक घातक गलती हो सकती है, इसकी बजाय थोड़ा धीमे भागना और शिकारियों को अपने अगले कदम के बारे में सोचते रहने पर विवश करना ज्यादा कारगर है.
रिपोर्ट के प्रमुख लेखक एलन विल्सन यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के रॉयल वेटरिनरी कॉलेज में प्रोफेसर हैं. प्रोफेसर एलन विल्सन कहते हैं, "अगर शिकार एक ही रफ्तार से भाग रहा है तो वह अपनी गति नहीं बढ़ा पाएगा और उसकी चाल का अंदाजा लगाया जा सकता है, कम रफ्तार शिकार के बचने के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह जानवरों को युक्ति लगाने का मौका देता है." इसका सबूत मिलता है शिकार की दर से. शेर जेब्रा का शिकार करते हैं जबकि चीता मृग को निशाना बनाते हैं. इनके शिकार के तीन प्रयासों में दो नाकाम रहे.
कैसे बचें इन जानवरों से
दुआ करें कि शिकारी जंगली जानवरों से आपका सामना अकेले कभी न हो. अगर सामना हो जाए तो फिर हिम्मत न हारें, क्योंकि हिम्मत हारने का मतलब मौत होगा.
तस्वीर: Lewis Rowland-Coman
शेर
शेर की आंखों में आंखें डालें. नजर मिलाएं रखें. ऐसा करते हुए बहुत धीमे धीमे पीछे हटें. लेकिन पीठ न दिखाएं और न ही दौड़े. बस उल्टे कदम पीछे हटें. अगर शेर तब भी आपकी ओर बढ़े तो रुक जाएं और खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश करें. तेज आवाज निकालें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Anka Agency International
बाघ
ये शेर से कहीं ज्यादा खतरनाक है. उसमें ताकत और फुर्ती का जबरदस्त संतुलन होता है. बाघ से नजरें न मिलाएं. लेकिन उस पर नजर रखते हुए धीमे धीमे पीछे हटें. मौका मिले तो पेड़ पर चढ़ जाएं, लेकिन बेहतर होगा कि बाघ के इलाके में पैदल चलने का दुस्साहस न करें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Scheidemann
तेंदुआ
ये सबसे चालाक और घातक शिकारी है. तेंदुए से कभी नजर न मिलाएं, बिल्कुल नहीं. आंखें मिलाने को तेंदुआ चुनौती की तरह देखता है. तेंदुआ शेरों की तरह हमला करने का नाटक भी नहीं करता है. वह सीधा हमला करता है. तेंदुए से सामना होने पर पीठ को पेड़ या दीवार पर लगा दें और शोर करते हुए खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश करें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Khan
हाथी
हाथी से सामना हो तो संकरे और उबड़ खाबड़ रास्तों की तरफ आड़े तिरछे अंदाज में भागना चाहिए. अगर हाथी बहुत ही करीब हो और कोई चारा न हो तो हिम्मत के साथ उसके सामने खड़े हो जाइये. हाथी चेतावनी देता हुआ अपने कान फटकायेगा. हमला करने का नाटक भी करेगा. उसे ध्यान से देखें, अगर वह हमला करने लगे तो भागें और दौड़ते समय अपनी टोपी, कमीज या कोई और चीज फेंके ताकि उसका ध्यान भटके.
तस्वीर: Reuters/P. Bulawayo
दरियाई घोड़ा
शांत माना जाने वाला दरियाई घोड़ा अफ्रीका में सबसे ज्यादा लोगों की जान लेता है. भारी भरकम दरियाई घोड़ा करीब 48 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ता है. अगर वो पीछे पड़े तो तुंरत पेड़ खोजिये.
तस्वीर: picture-alliance/dpa-Zentralbild
भैंस
खुली भैंस को बिल्कुल मत भड़काइये. भैंस को गुस्सा आया तो वह बिना चेतावनी दिये हमला करती है. उसके हमले से बचना बहुत मुश्किल होता है. बेहतर है कि भैंस से निश्चित दूरी बनाए रखें.
तस्वीर: Reuters/E. Al-Sudani
कुत्ता
कुत्ता काटने के लिए आए तो दौड़ बिल्कुल न लगाएं. बस अपनी जगह पर खड़े हो जाएं. कुत्ते से नजर न मिलाएं. जोर से चीखते हुए कुत्ते पर पलटवार करें. अगर आप गिर जाएं तो अपनी गर्दन बचाएं और जैसे ही मौका मिले, कुत्ते के कान दबोच लें.
न तो पेड़ पर चढ़ें और न ही भागें. भालू इन दोनों में माहिर होता है. भालू के सामने शांत रहें. धीरे धीरे बाहें फैलाकर खुद को बड़ा दिखाएं. धीमी आवाज में कुछ कहें ताकि उसे पता चले कि आप आम जानवर नहीं हैं. धीरे धीरे पीछे हटें. इसके बावजूद अगर भालू हमला करे तो किसी तरह उसकी नाक पर जोरदार वार करें.
तस्वीर: picture-alliance/EPA/M. Nelson
सांप
रास्ते में सांप आ जाए तो धीरे से अपना रास्ता बदल लें. अगर आपको लगे कि सांप पीछा कर रहा है तो जोर जोर से कदम पटखें, इससे कंपन होगी और सांप को पता चल जाएगा कि आप विशाल जीव हैं. दुर्भाग्य से अगर सांप डस ले तो डसन वाली जगह को कसकर बांध लें. तुरंत अस्पताल जाएं और काटने वाले सांप को याद रखने की कोशिश करें.
तस्वीर: Bosse Jonsson
मगरमच्छ
मगरमच्छ के हमले से बचना बहुत मुश्किल है. पानी में करीब करीब नामुमकिन. मगरमच्छ से बचने का सबसे अच्छा तरीका है बचाव. जहां मगर होने का शक भी हो, वहां पानी के करीब पैदल न जाएं, तैरने से भी बचें.
तस्वीर: Lewis Rowland-Coman
10 तस्वीरें1 | 10
उत्तरी बोत्सवाना के सावन्ना मैदान से रिसर्च के लिए आंकड़े जुटाए गए. इसके लिए नौ शेरों, पांच चीतों, सात जेब्रा और सात मृगों में उच्च तकनीक वाले कॉलर लगाए गए. सारे जानवर जंगली थे और मुक्त रूप से विचरण करने वाले. करीब 5,500 किलोमीटर की तेज रफ्तार दौड़ में कॉलर ने जगह, गति, फुर्ती, कदमों की संख्या, हर सेकेंड में मुड़ने की क्षमता को दर्ज किया और इन आंकड़ों से बहुत सी जानकारी मिली है. इसके साथ ही रिसर्चरों ने मांसपेशियों की ताकत को नापने के लिए बायोप्सी किया जैसे कि दुनिया के शीर्ष एथलीटों की जाती है.
नतीजे बताते हैं कि शेर और चीता अपने शिकार की तलुना में ज्यादा हट्टे कट्टे हैं, उनकी गति 38 फीसदी तेज है, फुर्ती 37 फीसदी बेहतर है और तेजी से धीमे होना हो तो वो 72 फीसदी बेहतर हैं. उनकी मांसपेशियां भी 20 फीसदी ज्यादा ताकतवर हैं. इन सब मामलों में बेहतर होने के बावजूद जेब्रा और मृग उनसे बच निकलते हैं क्योंकि उनकी चाल का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. महज एक या दो कदम की दूरी से वो अपने शिकारियों को चकमा दे जाते हैं. विल्सन ने कहा, "वे शिकार का सीमांकन करते हैं और जानते हैं कि केवल भागना नहीं है बल्कि आखिरी क्षण में मुड़ जाना है."
अफ्रीकी सावन्ना में पिछले हजारों सालों या फिर शायद लाखों सालों से शिकार और शिकारी मौजूद हैं और विकास की होड़ में हिस्सा ले रहे हैं. गुजरते समय के साथ शेर, चीते, बाघ बेहतर शिकारी बन गए हैं तो उनका आहार बनने वाले जीवों ने उनके जबड़े में जाने से बचने के लिए खुद को नए तरीके से ढाल लिया है. हालांकि जाति के आधार पर शिकारी और शिकार का रिश्ता अब भी वैसा ही है जैसा सदियों पहले था यानि कि शेर मृग के पीछे नहीं भागते और चीते जेब्रा को देख अपना मुंह फेर लेते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि जेब्रा चीते से अपना बचाव कर सकता है जबकि मृग अगर बीमार ना हों तो शेरों को चकमा दे सकते हैं.
जानवरों से सीखिए जिंदगी के गुर
जानवर सिर्फ मनुष्य के अच्छे दोस्त ही साबित नहीं होते बल्कि इनके साथ रहते रहते इंसान इनसे काफी कुछ सीख सकता है...
तस्वीर: picture alliance/dpa/S. Meyers
टेंशन से क्या फायदा
यह बिल्लियों की खूबी होती है. बिल्लियों से हम खुद को शांत रखना सीख सकते हैं. उनकी नजर उनके खाने और आराम पर होती है. उनके चेहरे पर गुस्से और तनाव के भाव आपको बहुत कम ही परिस्थितियों में देखने को मिलेंगे.
पानी में रहने वाली डॉलफिन रिश्ते बनाने में माहिर होती हैं. वे बड़ी आसानी से दोस्त बना लेती हैं. यहां तक इंसान के साथ भी दोस्ती इनके लिए मुश्किल बात नहीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
कोई शिकायत नहीं
यह कुत्तों की खूबी होती है. मालिक दिन भर घर पर ना रहे तो इन्हें शिकायत नहीं होती. हां मालिक के वापस आने पर ये इतनी उम्मीद जरूर करते हैं कि उनके साथ थोड़ा दुलार कर लिया जाए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F.Hörhager
वैभवी घोड़े
तहजीब और तमीज इन्हें देखते ही पता चलती है. अगर कोई बड़ी परेशानी ना हो तो ये खुद को शांत रखते हैं. देखने में किसी अच्छे नेता जैसे.
तस्वीर: Andreas Sten-Ziemons
टीम का ख्याल
एक और एक ग्यारह कैसे हो जाते हैं ये पक्षी बेहतर समझते हैं. पक्षियों को समूह में उड़ते देख आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं. सामूहिकता की भावना कोई इनसे सीखे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
संयम जरूरी है
भविष्य में क्या होगा, यह चिंता अक्सर रातों की नींद उड़ा देती है. इसपर समय बर्बाद करना बेकार है. खासकर आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में युवा वर्ग के लिए यह सीखना जरूरी है.
तस्वीर: picture alliance/blickwinkel/J. Fieber
ध्यान से सुनें
जानवरों की सुनने की क्षमता इंसान के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है. यह सीखने वाली बात है कि लोगों को शांति से कैसे सुना जाए. अक्सर लोग सुनने से ज्यादा बोलने पर ध्यान देते हैं.