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चीनी अधिकारियों ने कराया था गूगल को हैक

५ दिसम्बर २०१०

चीन के पोलित ब्यूरो के कहने पर दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल को हैक किया गया. विकीलीक्स के दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिका के राजनयिकों का कहना है कि चीन के प्रोपेगंडा तंत्र ने गूगल के खिलाफ अभियान चला दिया.

तस्वीर: picture alliance/dpa

इसी साल के शुरू के एक केबल संदेश में कहा गया है, "हमारे एक विश्वस्त सूत्र का कहना है कि चीन की सरकार ने गूगल सिस्टम पर हाल के हमले कराए. सूत्र के मुताबिक यह काम पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के स्तर पर किया गया."

चीन ने इन बातों को बेबुनियाद बताया है. अमेरिका के न्यू यॉर्क टाइम्स ने ढाई लाख दस्तावेजों में से कुछ को शनिवार को प्रकाशित किया है. केबल संदेशों को जारी करने के बाद विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज भूमिगत हो गए हैं.

केबल संदेश के मुताबिक चीन के पोलित ब्यूरो में प्रोपगंडा के इंचार्ज ली चंगचुन को इसका जिम्मेदार बताया गया है. कहा गया है कि ली की देख रेख में ही गूगल और अमेरिका की दूसरी 20 कंपनियों पर साइबर हमले किए गए.

18 मई, 2009 के एक केबल संदेश में कहा गया है कि ली ने एक बार अपना नाम ही गूगल में टाइप कर लिया तो उनके बारे में जबरदस्त निगेटिव कमेंट मिले. इस साल के शुरू में भेजे एक केबल संदेश में कहा गया है कि ली ने अपने स्तर पर इस बात को पक्का किया कि अमेरिका में गूगल के सर्वरों पर साइबर हमला हो.

गूगल ने इस साल जनवरी में दावा किया कि दिसंबर में उसके सर्वरों पर जबरदस्त साइबर हमला हुआ और उसके जीमेल अकाउंटों की जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई. इनमें कई चीन के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के जीमेल अकाउंट हैं.

गूगल ने इस साल चीन को चेतावनी दी कि वह अपना कारोबार समेट रहा है. बाद में उसने अपने चीनी सर्वर को हांग कांग में रीडायरेक्ट कर दिया. गूगल विवाद की वजह से चीन और अमेरिकी सरकारों में भी ठन गई थी.

केबल संदेशों में कहा गया है कि चीन के अधिकारियों ने गूगल अर्थ को लेकर भी अमेरिका से विरोध जताया था. चीन को खतरा है कि गूगल अर्थ की वजह से उसके सभी ठिकाने इंटरनेट पर देखे जा सकते हैं. एक अधिकारी ने कहा था कि अगर गूगल अर्थ का इस्तेमाल कर चीन के किसी हिस्से में आतंकवादी हमला हुआ, तो इसके बेहद खराब नतीजे होंगे.

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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