वीडियो गेम कंपनी यूजू के संस्थापक और चीनी अरबपति लिन छी की मौत गेम ऑफ थ्रोन्स के थ्रिलर से कम नहीं हैं. उन्हें जहर देकर मारे जाने का संदेह है. यह मौत अपने पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई है.
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लिन की मौत के बाद शंघाई में पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. चीनी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है उसका नाम शू याओ हो सकता है जो लिन की कंपनी यूजू की फिल्म निर्माण शाखा के प्रमुख हैं.
चीन के सरकारी अखबार पीपल्स डेली की साप्ताहिक पत्रिका चाइना इकोनॉमिक वीकली ने इस मौत के पीछे आपसी खींचतान होने की संभावना जताई है. पत्रिका का कहना है कि लिन ने शू का वेतन कम कर दिया था क्योंकि वह उन्हें कंपनी से निकलना चाहते थे.
लिन की मौत के बाद यूजू के नौ सदस्यीय बोर्ड में एक जगह खाली हो गई है. कंपनी का कहना है कि वह जल्द ही इस पद को भर लेगी और कंपनी का काम पहले की तरह ही चलता रहेगा.
क्या है यूजू
2009 में स्थापित यूजू कंपनी को चीन के बाहर सबसे ज्यादा 'गेम ऑफ थ्रोन्स: विंटर इज कमिंग' बनाने वाली कंपनी के तौर पर जाना जाता है. यह स्मार्टफोन और कंप्यूटरों के लिए एक स्ट्रैटजिक गेम है. यह गेम इतना मशहूर हुआ कि इस साल के शुरू के छह महीनों में कंपनी का लगभग आधा राजस्व चीन के बाहर से आया. यूजू चीन की उन चुनिंदा गेमिंग कंपनियों में शामिल है जिन्होंने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है.
खुद लिन एक अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक थे. वह कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर थे. उनके पास 23.99 प्रतिशत शेयर थे. 39 साल के लिन की मौत क्रिसमस वाले दिन हुई. इससे पहले उन्हें 17 दिसंबर को अस्पताल ले जाया गया. संभवतः उन्हें जहर दिया गया था. मीडिया में अटकलें लग रही हैं कि शायद उन्हें एक चीनी ड्रिंक में जहर मिलाकर दिया गया था.
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ये हैं दुनिया के 10 सबसे मशहूर वीडियोगेम
वीडियोगेम्स की दुनिया में हर साल लाखों नए गेम आते हैं. लेकिन कुछ गेम सालों बाद आज भी उतने ही लोकप्रिय बने हुए हैं. डालते हैं एक नजर 10 मशहूर वीडियोगेम्स पर.
द सिम्स: इन ए वर्ल्ड ऑफ इट्स ओन
सिम्स काल्पनिक दुनिया में रहने वाला एक खास समुदाय है. जो सिम्लिश भाषा बोलता है और वस्तुओं और सेवाओं के लिए सिमोलींस में भुगतान करता है. यह सैंडबॉक्स कैटेगिरी का बेहद ही मशहूर गेम रहा है. इस कैटेगिरी के गेम में प्लेयर्स के पास खेलने की पूरी तरह से आजादी होती है.
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काउंटर-स्ट्राइक: द अल्टीमेट शूट-एम-अप
साल 1999 में काउंटर स्ट्राइक ने दुनिया के गेमिंग सीन को बदल कर रख दिया. इस गेम में आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम छेड़ी जाती है. प्लेयर बंदूक उठाकर इनका सामना करता है. लेकिन यह गेम भी आलोचना से दूर नहीं रहा. कहा गया कि इस गेम में बहुत अधिक हिंसा है जो किशोरों के मन पर बुरा प्रभाव डाल सकती है. .
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जीटीए: गेंगस्टर गेम विद ए मैसेज
जीटीए एक रोल प्लेयिंग गेम है. इसमें प्लेयर को एक मिशन पूरा करने के लिए दिया जाता है. इस खेल के अलग-अलग नाम है. लेकिन मोटे तौर पर इसमें प्लेयर को एक ट्रक चला कर किसी खास जगह पहुंच कर वहां बंदूकों के साथ लड़ाई करनी होती है. इसके बाद वह दूसरे किसी दूसरे मिशन के लिए निकल जाता है. इस गेम को पूरा खत्म करने में कई महीने तक लग जाते हैं.
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पैक-मैन: द आरकेड स्टैपल
साल 1980 के दशक में जापान में जन्मे इस खेल में एक लालची, गोल मुंह का राक्षस नजर आता था. जिससे दूर रहते हुए अधिक से अधिक अंक हासिल करने होते हैं. साधारण से नजर आने वाले इस खेल की लोगों में जमकर लत थी. लोग बार-बार इसे प्वाइंट्स बढ़ाने के लिए खेलते.
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सुपर मारियो: निनटेंडोंज सेलिब्रिटी मैसकॉट
नीली डंगरी, लाल टोपी, मोटी मूंछों के साथ नजर आने वाला इतालवी आदमी मारियो को वीडियो गेम की दुनिया का सबसे जाना-माना चेहरा कहा जा सकता है. इस खेल में मारियो को हर लेवल पर कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता. मारियो के साथ इस गेम में उसका दोस्त ल्यूगी भी नजर आता है. इन दिनों मारियो रेसिंग ट्रैक पर "मारियो कार्ट" में देखा जा सकता है.
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पोकिमॉन गो: रियल्टी गेट्स ऑग्यूमेंटिड
साल 2016 की सुर्खियों में छाया रहा "पोकिमॉन गो" पहला लोकेशन आधारित गेम था. डिजिटल दुनिया के इस गेम में वास्तविक दुनिया की ही जगहों को शामिल किया गया था. मोबाइल पर इसकी ऐप साल 2016 में करीब 50 करोड़ बार डाउनलोड की गई. पोकिमॉन को पकड़ने के लिए इसमें स्मारकों और कब्रगाहों जैसी जगहों को भी दिखाया गया था, जिसके चलते इसकी काफी निंदा भी हुई.
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माइनक्रॉफ्ट: द पॉसिबिल्टी ऑर एंडलेस
माइनक्रॉफ्ट, ओपन-वर्ल्ड गेम का एक बढ़िया उदाहरण माना जाता है. ओपन-वर्ल्ड गेम का अर्थ होता है जिसमें प्लेयर पूरी तरह से स्वतंत्र होता है और स्क्रीन के किसी भी कोने में, किसी भी जगह जाकर खेल सकता है. इसमें यूजर्स खेलते-खेलते एक वर्चुअल थ्रीडी लैंडस्कैप बना देते हैं. लेकिन जिन प्लेयर्स को समझ नहीं आता कि क्या करें तो वह तय मिशन पर जा सकते हैं.
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टेटरिस: ए सोवियत क्लासिक
80 के दशक में मशहूर हुआ यह खेल साल 1984 में सोवियत संघ के एक युवा इंजीनियर ने तैयार किया था. लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि घरों के कंप्यूटर पर इसका कब्जा हो गया. यह एक पहेलीनुमा गेम था जिसमें अलग-अलग आकार के ब्लॉक को सही क्रम में लगाना होता था.
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फीफा: स्पोर्टिंग ग्लोरी
वीडियोगेम का यह फुटबॉल मैच चाहे मैदान में न खेला जाता हो लेकिन इसे खेलने वालों और देखने वालों की भावनाएं असली फुटबॉल प्रेमी की तरह ही होती हैं. साल 1993 में इसे सबसे पहले बाजार में उतारा गया था. जिसके बाद से हर साल इसके नए वर्जन बाजार में पेश किए जाते रहे हैं.
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एंग्री बर्ड्स: रफलिंग फेदर्स
एंगरी बर्ड्स के गेम को काफी पसंद किया गया. इस खेल में पक्षी अपने अंडों को हरे रंग के सुअर से बचाते नजर आते हैं. मोबाइल ऐप पर इसकी सफलता को देखते हुए इस पर टीवी कार्यक्रम और फीचर फिल्म भी तैयार होने लगी. लेकिन इसके मालिकों को तब झटका लगा जब एनएसए की जासूसी गतिविधियों को उजागर करने वाले एडवर्ड स्नोडेन ने खुलासा किया कि कैसे राज्य की सुरक्षा एजेंसियां इस गेम के जरिए यूजर्स का डाटा जुटा रहीं है.
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थ्री बॉडी प्रॉब्लम
लिन एक साइंस फिक्शन सीरीज थ्री बॉडी प्रॉब्लम के फिल्म एडैप्शन पर काम कर रहे थे जिसे नेटफ्लिक्स के लिए बनाया जाना था. यूजू में फिल्म निर्माण शाखा का नेतृत्व शू के हाथ में है. बताया जाता है कि मार्च 2019 में अमेजन ने इस फिल्म के अधिकार एक अरब डॉलर में खरीदने के लिए यूजू से संपर्क किया. यूजू ने अमेजन की पेशकश ठुकरा दी और अधिकार नेटफ्लिक्स को बेच दिए गए. कितने में, यह नहीं बताया गया.
सितंबर में नेटफ्लिक्स ने कहा कि वह गेम ऑफ थ्रोन्स के क्रिएटर डेविडन बेनिहोफ और डीबी वाइस के साथ मिलकर थ्री बॉडी प्रॉब्लम सिरीज की बेस्ट सेलिंग किताबों पर अंग्रेजी में एक सीरीज बनाएगा. लिन एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के तौर पर इस प्रोजेक्ट का हिस्सा थे. जैसे जैसे कंपनी मोबाइल गेम की तरफ बढ़ती गई, उसके लिए फिल्म बनाना मुश्किल होता गया.
द हॉलीवुड रिपोर्टर का कहना है कि यूजू ने 2015 में जब अपनी प्रोडक्शन टीम के साथ थ्री बॉडी प्रॉब्लम सीरीज को डेवलप करने के अधिकार खरीदे तो कंपनी को कई तरह की दिक्कतें आईं. कंपनी के कई सीनियर कर्मचारी काम छोड़कर चले गए. कंपनी ने 2015 में कहा कि वह द थ्री बॉडी पार्ट प्रॉब्लम उपन्यास को छह अलग अलग फिल्मों में तब्दील करने पर 18.3 करोड़ डॉलर खर्च करेगी.
द थ्री बॉडी प्रॉब्लम के सामने उस समय भी समस्याएं आईं जब इसे लिखने वाले लियू सिशिन ने 2019 में शिनचियांग प्रांत में चीन सरकार के कदमों को सही ठहराया. वहां चीनी सरकार ने लाखों उइगुर मुसलमानों को शिविरों में कैद कर रखा है. विवाद बढ़ता गया और कई अमेरिकी सांसदों ने नेटफ्लिक्स ने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट को छोड़ दे.