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चीनी फुटबॉल में लंबी पारी मुश्किल

२६ दिसम्बर २०१२

चीन के बड़े बाजार में सबकी दिलचस्पी है. फुटबॉल क्लबों और खिलाड़ियों की भी. चीनी फुटबॉल में बहुत पैसा है, लेकिन फीस के विवादों, मैदान से बाहर के झगड़ों और अंजान संस्कृति के कारण विदेशी सितारे वहां जम नहीं पा रहे हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

फ्रांस की राष्ट्रीय टीम के स्ट्राइकर अनेल्का चीन में खेलने वाले पहले असली अंतरराष्ट्रीय सितारे थे जिन्हें शंघाई शेन्हुआ ने दस महीने पहले प्रति हफ्ते पौने दो लाख पाउंड की कीमत पर खरीदा था. गर्मियों में उनके साथ ड्रोग्बा भी शामिल हो गए जिन्हें हफ्ते में 2 लाख पाउंड की फीस पर खरीदा गया.

लेकिन 33 वर्षीय अनेल्का ने जल्द ही समझ लिया कि उनका फैसला गलत था और वे इस समय क्लब छोड़ने के लिए बात कर रहे हैं. खबर है कि ड्रोग्बा भी क्लब छोड़ने की योजना बना रहे हैं. ओरिएंटल स्पोर्ट डेली के अनुसार बोर्ड रूम के झगड़े के कारण ड्रोग्बा को अभी तक दिसंबर की फीस नहीं मिली है. शेन्हुआ क्लब का कहना है कि अनेल्का के साथ करार खत्म करने की बातचीत चल रही है.

ज्यां टिगानातस्वीर: AP

अनेल्का के विपरीत ड्रोग्बा मैदान पर सफल रहे हैं. हाल में समाप्त हुए टूर्नामेंट में शेन्हुआ 16 टीमों में 9वें स्थान पर रहा है. ड्रोग्बा ने 11 मैचों में 8 गोल किए हैं जबकि अनेल्का सिर्फ तीन गोल कर पाए हैं. फरवरी में चीन पहुंचने पर अनेल्का का भारी स्वागत हुआ था, हालांकि अपने खानाबदोशी करियर में अनेल्का को हमेशा अपने समर्थकों का प्यार नहीं मिला है. उन्होंने कहा था कि वे सिर्फ पैसे के लिए चीन नहीं जा रहे हैं.

उनके पहुंचने के बाद हालात बदलने लगे. क्लब के मुख्य कोच ज्यां टिगाना को, जो पहले फुलहैम के प्रमुख रह चुके हैं, पांच मैचों के बाद ही खिलाड़ियों के विद्रोह के कारण निकाल दिया गया. आम तौर पर खामोश रहने वाले और मीडिया से शर्माने वाले अनेल्का भी उतने ही चकित हुए थे जब उन्हें टिगाना की जगह दी गई. कुछ ही हफ्ते बाद अनेल्का ने क्लब छोड़ने की धमकी दे दी जब उन्हें अर्जेंटीना के पूर्व मैनेजर सेर्जियो बतिस्ता के लिए जगह खाली करने को कहा गया.

ड्रोग्बातस्वीर: picture-alliance/dpa

इसके अलावा अर्जेंटीना के दारियो कोंचा का भी मामला है. मिडफील्डर कोंचा लगातार दो साल ब्राजील में लीग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रह चुके हैं. चीनी चैंपियनशिप में गुआंगझू एवरग्रैंड क्लब के लिए वे लगातार दो बार यह सफलता दोहरा चुके हैं. 2011 की गर्मियों में वे 1 करोड़ डॉलर की ट्रांसफर फीस पर क्लब में शामिल हुए थे. सीना स्पोर्ट वेबसाइट के अनुसार उन्हें 13 लाख डॉलर की मासिक फीस पर तीन साल का करार मिला था.

अब वे भी क्लब छोड़ने की राह पर हैं. पिछले महीने उन्होंने क्लब के लिए एक नोट छोड़ा जिसमें लिखा था, "मैं गया, और मैं वापस नहीं लौटने जा रहा." उन्होंने सीमा स्पोर्ट्स को बताया कि वे क्लब में होने वाली बहुत सी अजीब चीजों से नाखुश हैं. उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया लेकिन क्लब के साथ उनके मतभेद बने हुए हैं. सिर्फ अंतरराष्ट्रीय सितारों की मौजूदा पौध ही चीन से परेशान नहीं है. इंगलैंड के पूर्व मिडफील्डर पॉल गैसक्वाइन का मामला सबसे प्रसिद्ध है जो 2003 में गांसू तियानमा क्लब में शामिल हुए थे, लेकिन चार मैच के बाद पैसे नहीं मिलने के कारण क्लब छोड़ गए थे.

फ्रैंक लैम्पर्डतस्वीर: Reuters

34 वर्षीय फ्रैंक लैम्पर्ड को चेल्सी ने अब तक नया कांट्रैक्ट नहीं दिया है. उनके अगले सीजन में चीन जाने की बात चल रही है. लेकिन उससे पहले शायद उन्हें शंघाई शेन्हुआ के एक कोच इएन वॉकर से बात करनी चाहिए जिन्होंने पूरी तरह अनजान संस्कृति में जम पाने की मुश्किलों के बारे में खुलकर बात की है. स्पर्स टीम के पूर्व गोलकीपर ने हाल में कहा, "सबसे बुरी चीज खाना है. मुझे अबतक कुत्ते का मीट नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा है कि अब वे यह नहीं बनाते लेकिन एक बार मुझे बहुत संदेहास्पद बर्गर मिला था." वॉकर को चीन की गर्मी और नमी भी परेशान करती है. इसके अलावा सड़क पर होने वाला शोर भी उन्हें अजीब लगता है.

चीन की लीग में खेलने वाले यूरोपीय खिलाड़ियों की सफलता की कहानियां कम ही हैं. एवरटन और ब्लैकबर्न के लिए खेलने वाले स्ट्राइकर याकूबू ने गुआंगझू के लिए पिछले सीजन खेले गए 14 मैचों में 9 गोल किए. एस्टन विला के पूर्व स्ट्राइकर मार्लन हेयरवुड का करियर भी सफल रहा. 2011 में 10 मैच खेलने के बाद वापस इंग्लैंड लौटने से पहले उन्होंने चार गोल किए.

एमजे/एनआर (एएफपी)

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