चीन ने एक प्रमुख मानवाधिकार वकील जियांग तियानयोंग को राज्य के खिलाफ विद्रोह उकसाने के आरोप में दो साल की सजा दी है. वकील ने अदालत में सरकार विरोधी मुवक्किलों का बचाव किया था.
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दक्षिण चीन में एक अदालत ने जियांग तियानयोंग को राज्य के खिलाफ विद्रोह उकसाने का दोषी पाया. नागरिक अधिकार एक्टिविस्टों ने इस फैसले को अनुचित बताया है. वकील के रूप में अपने करियर मे जियांग ने ऐसे मुकदमे लड़े हैं जिन्हें चीन की सरकार संवेदनशील मानती है. चांगशा की लोक अदालत ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट वाइबो पर एक बयान में कहा है कि जियांग को तीन साल के लिए राजनैतिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया जायेगा.
अदालत का कहना है कि जियांग ने चीन की सरकार, न्यायपालिका और न्यायिक व्यवस्था को बदनाम किया और विदेशों में यह सीखने के लिए वर्कशॉपों में हिस्सा लिया कि चीन की राजनीतिक व्यवस्था को कैसे नष्ट किया जाए. अदालत ने जियांग पर अपने साथी नागरिक अधिकार समर्थक शी यांग को हिरासत में उत्पीड़ित किये जाने की अफवाह फैलाने का आरोप भी लगाया. अदालत ने कहा है कि जियांग इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे.
जब शी जिनपिंग के पिता को जेल में डाला गया था..
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विचारधारा अब चीन में पार्टी संविधान का हिस्सा है. माओ के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता बताये जा रहे शी जिनपिंग ने यहां तक पहुंचने के लिए लंबा सफर किया है. डालते एक नजर.
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परिवार
जन्म 1953 में हुआ. उनके पिता शी चोंगशुन कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक थे. वह करिश्माई नेता माओ त्सेतुंग के करीबी थे और चीन के उप प्रधानमंत्री भी रहे.
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राजकुमार
इस तरह, शी जिनपिंग को एक "राजकुमार" की तरह देखा जाता है जिनका संबंध एक जाने माने परिवार से है और वे चीनी सत्ता के शिखर तक पहुंचे. लेकिन उनके लिए सब कुछ इतना आसान भी नहीं था.
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पिता को जेल
शी के परिवार को 1962 में उस वक्त नाटकीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा जब सांस्कृतिक क्रांति से पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उनके पिता को पद से हटाकर जेल में डाल दिया गया.
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सांस्कृतिक क्रांति
एक दशक लंबी सांस्कृतिक क्रांति के तहत सरकार, शिक्षा और मीडिया में पूंजीवादी प्रभावों और बुर्जुआ सोच को खत्म करने की मांग की गयी. बहुत से पार्टी नेताओं को काम करने खेतों और कारखानों में भेज दिया गया.
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सात साल की मेहनत
15 साल की उम्र में शी जिनपिंग को "फिर से शिक्षित होने" के लिए देहाती इलाके में भेजा गया. एक गांव में उन्होंने सात साल तक कड़ी मेहनत की. इस अनुभव ने उनकी राजनीति सोच को आकार दिया.
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पार्टी ने किया खारिज
शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ जाने की बजाय उसे अपना लिया. उन्होंने कई बार पार्टी में शामिल होने की कोशिश की, लेकिन उनके पिता की वजह उन्हें खारिज किया गया.
आखिरकार 1974 में वह समय आया जब पार्टी ने उनके लिए अपने दरवाजे खोले. सबसे पहले वह हुबेई प्रांत में पार्टी के स्थानीय सचिव बने. उन्होंने कड़ी मेहनत की. इसी का नतीजा है कि उन्हें बाद में शंघाई का पार्टी मुखिया बनाया गया.
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सत्ता के शिखर पर
लगातार बढ़ते राजनीतिक कद ने उन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में जगह दिलायी और फिर 2012 में वह कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने और 2013 में चीन के राष्ट्रपति.
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फर्स्ट कपल
सिंगहुआ यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले शी जिनपिंग की पत्नी पेंग लीयुआन एक जानी मानी गायिका हैं. दोनों की तस्वीरें चीनी मीडिया में खूब छपती हैं. इससे पहले के राष्ट्रपतियों की पत्नियां बहुत ही कम सार्वजनिक तौर पर दिखती थीं.
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एक बेटी
शी जिनपिंग को चीन में बेहद लोकप्रिय बनाया जाता है. उनकी एक बेटी है जिसका नाम शी मिंगत्से है. उनके बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन इतना जरूर बताया जाता है कि वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं.
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सख्त प्रशासक
बतौर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की छवि एक सख्त प्रशासक की है जिसे भ्रष्टाचार बिल्कुल मंजूर नहीं है. उनके दौर में अहम पदों पर बैठे कई नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई हुई है.
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विरोध की जगह नहीं
अपने विरोधियों से भी वह सख्ती से निपटने के लिए जाने जाते हैं. उनके दौर में जहां इंटरनेट पर सेंसरशिप लगातार सख्त हो रही है, वहीं चीन के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाया जा रहा है.
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कार्रवाई
कई आलोचक उन्हें "चेयरमैन माओ के बाद सबसे अधिनायकवादी नेता" मानते हैं. उनके कार्यकाल में कई विद्रोहियों और मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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सुपरवापर चीन
शी जिनपिंग चीन को दुनिया का सबसे अग्रणी देश बनाना चाहते हैं. वन बेल्ट वन रोड जैसी महत्वकांक्षी परियोजनाओं के जरिए चीन दुनिया तक अपनी पहुंच और प्रभाव कायम करने में जुटा है.
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बढ़ता प्रभाव
चीन की बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक ताकत सुपरवापर बनने के सपने को साकार करने में मदद कर रही है. चीन दुनिया भर में निवेश परियोजनाओं के जरिए अपने पांव पसार रहा है.
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संविधान में शी
शी की विचारधारा को चीनी संविधान का हिस्सा बना दिया गया है. इससे पहले सिर्फ माओ और चीन में आर्थिक सुधारों का रास्ता खोलने वाले देंग शियाओपिंग की विचारधारा को संविधान में जगह मिली है.
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46 वर्षीय वकील ने अगस्त में चले मुकदमे में अपनी गलती मान ली थी. एक्टिविस्टों का कहना है कि उनसे दबाव में अपराध कबूल कराया गया है. जियांग की पत्नी जीन बियानलिंग ने कहा है कि वे इस फैसले को कभी वैध नहीं मानेंगी. 15 साल की बेटी के साथ अमेरिका में रह रही जिन ने एक संदेश में कहा, "मैं सोच भी नहीं सकती कि मेरे पति से कैसे अपराध कबूल कराया गया, किस तरह की यातना और धमकियों के जरिये." जिन ने कहा कि वे अपने पति के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं. उन्होंने जियांग को परिवार से मिलने की अनुमति देने की मांग की.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिसर्चर विलियम नी ने कहा है कि जियांग ने कोई अपराध नहीं किया है. उन्हें दी गयी सजा आज के चीन में मानवाधिकारों के लिए लड़ने की बहादुरी दिखाने वालों को चीनी अधिकारियों द्वारा व्यवस्थित तरीके से उत्पीड़ित किये जाने की एक और मिसाल है. जियांग जर्मन नेताओं से भी मिलते रहे हैं. उन्हें तत्कालीन जर्मन वाणिज्य मंत्री जिगमार गाब्रिएल से मुलाकात के तीन हफ्ते बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. वे जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से भी मिले थे. चीन के मौजूदा नेता शी जिनपिंग के कार्यकाल में सरकार विरोधियों के खिलाफ कार्रवाइयों में तेजी आयी है.
एमजे/ओएसजे (डीपीए)
पोलितब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी में किस किसको मिली जगह
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी नई पोलितब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी की घोषणा कर दी है. ये चीन की सबसे शक्तिशाली कमेटी है. कमेटी में सात लोग हैं जिसकी अध्यक्षता शी जिनपिंग करेंगे. जानिए 7 लोगों की कमेटी में कौन कौन है.
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शी जिनपिंग
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के संविधान में "चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद" के बारे में शी जिनपिंग के विचार को शामिल किये जाने के साथ उन्होंने 2022 से आगे अपने नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. पार्टी के महासचिव के रूप शी को पांच साल का दूसरा कार्यकाल सौंपा गया है.
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ली केचियांग
62 वर्षीय ली इस वक्त मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक मुद्दों के लिए जिम्मेदार हैं. प्रधानमंत्री के तौर पर ली वायु प्रदूषण को कम करने पर भी काम करते रहे हैं. शी के अलावा स्टैंडिंग कमेटी में अपनी जगह बनाये रखने वाले वे इकलौते इंसान हैं.
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ली झानशू
ली झानशू राष्ट्रपति शी के सबसे करीबी लोगों के तौर पर जाने जाते हैं. वह कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यालय में जनरल ऑफिस के प्रमुख हैं और एक तरह से शी जिन पिंग के चीफ ऑफ स्टाफ हैं. पूर्वोत्तर प्रांत के राज्यपाल रहे ली अक्सर विदेश यात्राओं पर शी के साथ जाते हैं.
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वांग यांग
नए सदस्यों में 62 साल के उप प्रधानमंत्री वांग यांग भी शामिल हैं. 2013 में केंद्रीय सरकार में शामिल होने से पहले वह गुआंगदोंग प्रांत के पार्टी सचिव भी रहे हैं. उन्हें गुआंगदोंग विकास मॉडल के लिए जाना जाता है.
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वांग हूनिंग
62 वर्षीय राजनीतिक वैज्ञानिक वांग हूनिंग ने राष्ट्रपति जियांग जेमिन और हू जिंताओ के साथ नीति शोधकर्ता के रूप में काम किया. शी के साथ भी वांग ने केंद्रीय नीति अनुसंधान कार्यालय के प्रमुख के रूप में अपनी स्थिति को बरकरार रखा है.
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झाओ लेजि
इनके अलावा कमेटी में शामिल 60 वर्षीय जाओ लेजि पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी संस्था का नेतृत्व करेंगे. पार्टी के संगठन विभाग के प्रमुख के रूप में उन्होंने शी समर्थक नेताओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभायी है.
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हान झेंग
शंघाई में पार्टी सचिव रहे 63 साल के हान झेंग को चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कांफ्रेंस का नेतृत्व दिया गया है. उन्होंने 15 साल तक शंघाई के मेयर के तौर पर काम किया है. वे शंघाई में शी जिनपिंग के डिपुटी रह चुके हैं.