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चीन का हाई प्रोफाइल कत्ल और उलझा

१० अगस्त २०१२

चीन के लिए पिछले तीन दशकों में सबसे ज्यादा राजनीतिक सरगर्मी वाले मुकदमे की सुनवाई तेज हो गई है. मुख्य आरोपी ने हत्या के आरोपों को चुनौती न दे कर सनसनी पैदा कर दी है. कारोबार और राजनीति के रिश्तों पर मचा है बवाल.

तस्वीर: dapd

बो जिलाई की बीवी गु काइलाई ने ब्रिटिश कारोबारी नील हेवुड की हत्या के सिलसिले में लगे आरोपों को चुनौती न देने का मन बना लिया है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी ने आरोपों को चुनौती नहीं दी. सुनवाई करीब सात घंटे चली. आरोपी के पति और पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य बो जिलाई की किस्मत इस मुकदमे के फैसले से तय होगी. कोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक बंद दरवाजों के पीछे चल रही सुनवाई में आधिकारिक फैसला बाद की किसी तारीख को सुनाया जाएगा.

हेवुड और मियां बीवी के बीच कथित खुफिया लेनदेन की बातों ने देश में खूब बवाल मचाया है. इसके जरिए पैसा और ताकतवर लोगों के बीच संबंधों की बात सामने आ गई है. एक नाटकीय घटनाक्रम में जहर से हुई हेवुड की मौत बो के राजनीतिक भविष्य के ताबूत में आखिरी कील भी साबित हो सकती है. हालांकि उनसे सहानुभूति रखने वालों का मानना है कि वामपंथी रुझान वाले एजेंडे पर चलने की वजह से उन्हें रास्ते से हटाया जा रहा है.

तस्वीर: Reuters

कोर्ट के अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, "आरोपी गु काइलाई और झांग जियाओजुन ने जान बूझ कर हत्या के आरोपों पर आपत्ति नहीं जताई है." सरकारी टीवी पर गु को गहरे रंग के पैंट और सफेद शर्ट में कोर्ट ले जाते और फिर डॉक में बैठे दिखाया गया. इसी साल के शुरू में गिरफ्तार की गई गु का वजन कुछ बढ़ गया है. कोर्ट अधिकारी ने अभियोजन पक्ष के हवाले से कहा कि गु और झांग ने हेवुड को कुछ जहरीली चीज पिला कर पिछले साल नवंबर में दक्षिण पश्चिमी चोंगिंग में मार डाला. अभियोजन पक्ष का कहना है कि उनके बीच कारोबार को लेकर विवाद हुआ था. बो लंबे समय से नगर निगम के प्रशासक रहे हैं और मार्च में इस हत्याकांड के सामने आने के बाद उन्हें पद से हटाया गया.

कोर्ट में मौजूद पर्यवेक्षकों के हवाले से अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि अभियोजकों ने हेवुड पर बो के बेटे गुआगुआ को "खत्म" करने की धमकी दी थी. दोनों के बीच संपत्ति के करार को लेकर अनबन हुई और हेवुड ने ईमेल से धमकी देकर पैसे मांगे. हेवुड की यह धमकी गु तक भी पहुंची. बो के बेटे गुआगुआ ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को लिखे ईमेल में इस बारे में कोई ब्यौरा देने से इनकार किया है. साथ ही कहा, "मैं साफ कर दूं कि ऐसी कोई बात नहीं थी कि 13 करोड़ पाउंड की रकम रखनी या भेजनी है." अभियोजन पक्ष ने दोनों पक्षों के बीच विवाद में इस रकम का जिक्र किया है.

तस्वीर: Reuters

कोर्ट के अधिकारी ने इसके साथ ही कहा, "गु काइलाई का मानना था कि नील हेवुड ने उनके बेटे की जिंदगी खतरे में डाल दी है और इसलिए उन्होंने उसे मारने का फैसला किया." अधिकारियों के मुताबिक बो के सहयोगी झांग हेवुड को अपने साथ गाड़ी में बीजिंग से चोंगिंग ले कर गए और वो जहर तैयार किया जिसे बाद में हेवुड को पिलाने के लिए पानी में मिला कर रख दिया गया.

उसी दिन बाद में हेवुड की गु से मुलाकात एक होटल में हुई. इस दौरान वह जब शराब पी कर नशे में धुत्त हो गया तो उसने पानी मांगा. अधिकारी ने कहा, "गु ने जहर वाला पानी उसके मुंह से लगा दिया."

फांसी से बच सकती है गु

गु और झांग को दोषी साबित होने पर मौत की सजा मिल सकती है. हालांकि कानून के जानकार मान रहे हैं कि गु को केवल लंबे समय के लिए कैद की सजा होगी. जानकार इसके पीछे बेटे की जान बचाने की मंशा को आधार बना रहे हैं. गु का बेटा इशी साल हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ कर आया है. बेटे को बचाने का मामला मुकदमे को कमजोर कर सकता है.

तस्वीर: Reuters

सरकार की तरफ से गु को मिले वकील ने गुरुवार को अदालत में कहा कि हेवुड अपनी मौत का खुद जिम्मेदार है. उधर लंदन में हेवुड के परिवार वालों ने इस मामले में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने भी फैसला आने से पहले कुछ कहने से इनकार कर दिया है. सुनवाई के दौरान पुलिस बो के दो समर्थकों को गाड़ी में बिठा कर ले गई. ये लोग कोर्ट के बाहर देशभक्ति गीत गा रहे थे और मुकदमे को शर्मनाक बता रहे थे.

बो को बचाने के आरोप

गु के खिलाफ केस तैयार करने के दौरान कोर्ट के अधिकारियों ने पहली बार यह भी बताया कि चार पुलिसकर्मियों पर बो को जांच से बचाने के आरोप लगे हैं. अगर यह आरोप साबित हो जाते हैं तो बो के लिए खतरा हो सकता है. बो पर अभी तक किसी भी आपराधिक गतिविधि का आरोप नहीं लगा है. चोंगिंग इलाके के एक पुलिस सूत्र ने जानकारी दी है कि पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य बो ने जांच बंद कराने की कोशिश की है. बो और गु दोनों फिलहाल हिरासत में हैं और दोनों ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. बो के समर्थकों का कहना है कि यह उनकी लोकप्रिय अंदाज की राजनीति पर हमला करने की कोशिश है. पार्टी के वामपंथी रुझान वाले लोगों को उनकी नीति खूब भाती है लेकिन उनके दुश्मन इसे खतरनाक बताते हैं.

चीन में सत्ताधारी पार्टी के उच्चवर्गीय लोगों के बीच से आने वाली खूबसूरत गु के मुकदमे ने करीब 30 साल पहले हुए गैंग ऑफ फोर के सनसनीखेज मुकदमे की याद ताजा कर दी है. इस मुकदमे में 1966-77 की क्रांति के दौरान हुए अपराधों की सुनवाई हुई थी.

एनआर/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)

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