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चीन की इंटरनेट सेंसर दुनिया में आपका स्वागत है..

२९ सितम्बर २०१७

कांच की दीवारों वाली इमारत में सैकड़ों स्त्री पुरुष कंप्यूटर स्क्रीन पर उन इंटरनेट वीडियो और संदेशों की पड़ताल में जुटे हैं जो कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांतों से बेमेल हो. चीन में इसी तरह इंटरनेट को सेंसर किया जाता है.


China Büros der Toutiao-Tochtergesellschaft Tianjin
तस्वीर: Reuters/C. Cadell

चीन के पूर्वी शहर तियानजिन की इस इमारत में बैठे लोग तियानमेन क्रांति के जिक्र पर किसी बेहद सेक्सी या हिंसक सामग्री जैसी प्रतिक्रिया दिखाते हैं. इस दफ्तर में काम करने वाले युवा सेंसरों को ऑडिटर कहते हैं और ये लोग बीजिंग की बाइट डांस टेक्नोलॉजी कंपनी के लिए काम करते हैं. चीन में यह तूतियाओ के नाम से विख्यात है और न्यूज फीड एप के रूप में यह कंपनी बड़ी तेजी से अपने पैर पसार रही है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

दुनिया भर से अपने लिए करोड़ों दर्शक और यूजर जुटाने वाली इंटरनेट की कई दिग्गज कंपनियों पर चीन में प्रतिबंध है. इनमें गूगल, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं.

नूडल रेस्तराओं और निर्माण स्थलों से घिरे विजडम माउंटेन ट्विन टावरों में सैकड़ों लोग इस काम में दिन रात जुटे रहते हैं. चमचमताते दफ्तर में आईपैड पर इंटनेट सामग्री की पड़ताल करते युवाओं का पहनावा अनौपचारिक है और दिखने में यह किसी स्टार्टअप कंपनी के टेक्नोक्रैट जैसे ही दिखते हैं. एक सेंसर ने बताया, "हमारे यहां की कार्पोरेट संस्कृति काफी अच्छी है, जैसे कि हर दोपहर हम लोग चाय के लिए जमा होते हैं." मैनेजमेंट भी बहुत अच्छा है, "सामान्य कर्मचारी भी किसी मुद्दे को लेकर सीधे सीईओ से बात कर सकता है."

तस्वीर: AP

तियानजिन का यह ऑडिटिंग सेंटर चीन के सेंसरशिप की कोशिशों के केंद्र में है. यहां की सरकार ने ऑनलाइन सामग्रियों की निगरानी बीते कुछ सालों में और तेज कर दी है. सरकार वीडियो और चैटिंग प्लेटफॉर्म के अलावा सोशल मीडिया पर कड़ा नियंत्रण चाहती है. अक्टूबर में कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस होने वाली है जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अगले कार्यकाल पर मुहर लगने की उम्मीद की जा रही है. इसके पहले नियंत्रण का कसाव थोड़ा और बढ़ गया है.

रोज रोज सामने आ रहे नये सोशल मीडिया के चैनलों ने सरकार की नींद उड़ा रखी है. हांगकांग यूनिर्सिटी में पत्रकारिता पढ़ाने वाले चायनीज प्रोफेसर लोकमान त्सुई कहते हैं, "वे पहले से ही बहुत नियंत्रण रखते हैं लेकिन अभी पार्टी कांग्रेस के लिए खास तौर से सफाई करने में जुटे हैं." प्रोफेसर त्सुई कहते हैं कि पार्टी कांग्रेस के बाद भी यह नियंत्रण जारी रहेगा और इसका बड़ा व्यापक और "डरावना असर" होता है.

तूतियाओ जैसी कपनियों ने इंटरनेट पर डाले जा रहे वीडियो, ब्लॉग और नये लेखों की जांच करने के लिए युवा पेशेवरों की भारी फौज को काम पर रखा है. तुतियाओ के एक सेंसर ने कहा, "दो साल पहले हमारे यहां 30-40 लोग काम करते थे लेकिन अब करीब एक हजार लोग इस काम में जुटे हैं." इस सेंसर ने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया. इमारत के गार्ड और रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि तियानजिन का दफ्तर बीते सालों में काफी बड़ा हो गया है.

रिसेप्शनिस्ट ने बताया, "यहां सारे लोग ऑडिटिंग के काम में जुटे हैं. एक साल पहले हमारे पास सिर्फ एक मंजिल का दफ्तर था अब 10 मंजिल हैं." तूतियाओ फिलहाल करीब 20 अरब डॉलर के मूल्य वाली कंपनी बतायी जा रही है. कंपनी ने एक बयान में कहा है, "हमने विश्लेषण करने वाले टूल और विषय वस्तु के कठोर प्रबंधन की प्रक्रियाओं के विकास पर निवेश किया है ताकि निचले दर्जे की गलत विषय वस्तु को चुन कर निकाला जा सके." कंपनी ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि कितने लोगों को काम पर रखा गया है.

तस्वीर: Imago Images/Zuma

तूतियाओ के कर्मचारियों से बात करने पर पता चला कि कंपनी का काम राजनेताओँ की सक्रियता के दिनों में तेज हो जाता है. यहां के कर्मचारी दिन और रात की शिफ्टों में बारी बारी से काम करते हैं. सेंसर के लिए सबसे अहम समय होता है शाम के 6 बजे से 9 बजे तक का समय. यहां काम करने वाले लोग वीडियो, पोर्ट, समाचार और राजनीतिक आलोचनाओं की छानबीन करते हैं. इसके अलावा ये लोग हिंसा, नशीली दवाओं की लत, विवाहेत्तर संबंध और धार्मिक संप्रदायों से जुड़े विषयों पर नजर रखते हैं. इसी साल जून में दिशा निर्देशों की एक लंबी सूची जारी की गयी थी जिसमें इन सबको प्रतिबंधित किया गया है. ज्यादातर सेंसर कहते हैं कि वे समाज की सेवा कर रहे हैं. अकसर इन लोगों को उन लोगों की आलोचना भी सुननी पड़ती है जिनके पोस्ट या विषय वस्तु को ये लोग डिलीट करते हैं.

चीन की सरकार ने इंटरनेट कंपनियों पर अपनी सामग्रियों को खुद सेंसर करने से जुड़े नियमों को भी सख्त कर दिया है. इसके अलवा टैंसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड, बाइडू इंक और वाइबो कॉर्प जैसी कंपनियों पर सामग्रियों की सफाई नहीं करने के लिए जुर्माना भी लगाया है. सरकार के सेंसर से अलग कंपनियों को खुद अपनी सामग्री की काट छांट करनी होती है.

तस्वीर: AP

बीजिंग में एक सेंसर ने बताया कि तूतियाओ कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल भी विषयवस्तु को सेंसर करने के लिए करती है लेकिन ये अकसर पोस्ट के मिजाज को नहीं समझ पाते.

युवा सेंसरों को नौकरी पर रखने के लिए कंपनी ने कुछ दिनों पहले विज्ञापन निकाला था जिसमें इन्हें करीब 600-900 डॉ़लर प्रतिमाह तनख्वाह देने की बात की गयी थी.

एनआर/एके (रॉयटर्स)

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