यूरोपीय आयोग ने चीन के साथ प्रस्तावित निवेश संधि को आगे बढ़ाने की कोशिशों को कम कर दिया है. चीन ने यूरोपीय संघ के पांच सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं और संभव है कि ऐसे में संघ के सांसद संधि को स्वीकार ना करें.
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आयोग ने एक बयान में कहा है कि चीनी निवेश पर व्यापक संधि (सीएआई) को यूरोपीय संघ और चीन के बीच हो रही दूसरी घटनाओं से अलग नहीं किया जा सकता है. आयोग ने बयान में कहा कि संघ के सांसदों के खिलाफ प्रतिबंध लगाना "अस्वीकार्य और खेदजनक" है. आयोग ने यह भी कहा, "सीएआई के अनुसमर्थन के आसार अब इस पर निर्भर हैं कि स्थिति कैसे आगे बढ़ती है."
इसके पहले संघ के व्यापार प्रमुख वाल्दिस दोमब्रोव्सकीस ने कहा था कि आयोग ने "एक तरह से" राजनीतिक प्रसार की गतिविधियां रोक दी हैं और यह भी कि संधि के अनुसमर्थन के लिए इस समय सही वातावरण नहीं है. संधि पर सहमति 2020 के अंत में ही हुई थी और तब संघ ने उसे चीन के बाजारों तक यूरोपीय कंपनियों की पहुंच बेहतर बनाने और असंतुलित आर्थिक रिश्तों को सुधारने का जरिया बताया था.
दिसंबर 2020 में इसी बैठक में चीन और यूरोपीय संघ के बीच निवेश संधि पर हस्ताक्षर हुए थे.तस्वीर: Johanna Geron/AP/picture-alliance
लेकिन चीन के मानवाधिकार और श्रम-अधिकार रिकॉर्ड पर चिंताओं और अमेरिका के संशयों की वजह से संधि को स्वीकार किए जाने की प्रक्रिया पर अनिश्चितता के बादल छा गए थे और उसके बाद चीन ने जैसे को तैसा कदम उठाते हुए यूरोपीय संघ के पांच सांसदों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. इस समय यूरोपीय आयोग संधि की कानूनी समीक्षा कर रहा है और उसका संघ की भाषाओं में अनुवाद करवा रहा है. संभव है कि 2022 से पहले संसद उसकी समीक्षा ना कर पाए.
दोमब्रोव्सकीस ने इस बात को माना है कि सोशल डेमोक्रैट और ग्रीन पार्टी के सांसदों के विरोध के बीच यूरोपीय संसद में स्वीकारे जाने के लिए सीएआई को संघर्ष करना पड़ेगा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल संधि का समर्थन करते हैं, लेकिन संधि का अनुसमर्थन सितंबर में जर्मनी में होने वाले चुनावों के बाद ही हो पाएगा और अब तक मैर्केल सत्ता से जा चुकी होंगी. इस से काफी फर्क पड़ सकता है, खास कर अगर जर्मनी की अगली सरकार में ग्रीन पार्टी मौजूद हो.
सीके/एए (रॉयटर्स)
एफिल टावर मेड इन चाइना
"मेड इन चाइना" लेबल आपको कई चीजों में मिल जाएगा. चीन रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी चीजों से लेकर बड़ी बड़ी चीजें बना रहा है. साथ ही उसने दुनिया के मशहूर पर्यटन स्थलों की भी नकल कर अपने यहां तैयार कर ली है.
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चीन में एफिल टावर
एफिल टॉवर को देख कर आपको भी लग रहा होगा कि यह तस्वीर तो फ्रांस की राजधानी पेरिस की होगी. लेकिन जरा साइनबोर्ड भी देख लीजिए. यह पूर्वी चीन का शहर हांगचोऊ है.
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पिरामिड
गीजा के पिरामिड देखने के लिए हर साल लाखों लोग मिस्र जाते हैं. हूबहू ऐसे ही पिरामिड चीन के हुबेई प्रांत में तैयार किए गए हैं. यानी चीन में जाकर भी पिरामिड देखने का सपना साकार कर सकते हैं.
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ये लूव्रे नहीं है
जो लोग पेरिस गए हैं, वह झट से कहेंगे कि यह फोटो लूव्रे म्जूजियम की है. लेकिन चीनी-अमेरिकी आर्किटेक्ट आईएम पेई ने दक्षिणी चीन के शेनचेन में लोगों को लूव्रे का अहसास करा दिया है.
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ग्रीक पार्थेनन
प्राचीन ग्रीक मंदिर पार्थेनन की रेप्लिका भी आप चीन में देख सकते हैं. इसे गांसु प्रांत के चानचोऊ में बनाया गया है. यह शहर में बने पर्यटन और सांस्कृतिक पार्क का हिस्सा है.
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नकली गांव
कोई एक इमारत या स्थल ही नहीं, बल्कि चीन के गुआंगडोंग प्रांत में तो ऑस्ट्रिया के एक गांव की हूबहू नकल पेश कर दी गई है. यह ऑस्ट्रिया के हालस्टाट का रेप्लिका है, जिसे विश्व विरासत घोषित किया है.
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कैपिटल हिल
कैपिटल हिल यूं तो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में है, जहां अमेरिकी संसद बैठती है. लेकिन चीनी प्रांत गुआंगदोंग में तैयार की गई इसकी रेप्लिका भी कुछ कम नहीं है. काफी लोग यहां आकर फोटो खिंचाते हैं.
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लंदन ब्रिज
लंदन ब्रिज अगर देखना है तो आपको लंदन जाना पड़ेगा. या फिर आप चीन के सुचोऊ शहर में भी जा सकते हैं. फर्क बस इतना है कि लंदन में असली ब्रिज है जबकि सुचोऊ में इसका रेप्लिका है.
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चीनी व्हाइट हाउस
चीन में अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर और निवास व्हाइट हाउस का रेप्लिका भी मौजूद है. यह व्हाइट हाउस एक अमेरिकी रियल स्टेट कंपनी का दफ्तर है. यहां बहुत से लोग घूमने भी आते हैं.