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चीन के सूअर फार्म में मिला एक और वायरस

१ जुलाई २०२०

चीन के सूअर फार्मों में एक नया वायरस मिला है. रिसर्चर कहते हैं कि इस वायरस में भी महामारी फैलाने की क्षमता हो सकती है. एंटीबॉडी टेस्ट से पता चला है कि लगभग दस प्रतिशत सूअर फार्म नए वायरस से संक्रमित हैं.

सूअर फार्म
स्वाइन फ्लू से नए वायरस से चीन में वैज्ञाानिक चिंतित हैंतस्वीर: picture-alliance/imagechina/Y. Shuiling

चीन में रिसर्चरों ने एक नए तरह के स्वाइन फ्लू वायरस का पता लगाया है. अमेरिकी साइंस जर्नल 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि नया वायरस भी महामारी की वजह बन सकता है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से तुरंत कोई खतरा नहीं है.

अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के लेखक कहते हैं कि यह वायरस इंसानों के लिए ज्यादा संक्रामक हो गया है और इसके संभावित "महामारी वायरस" बनने की सूरत में इस पर नजर रखने की जरूरत है. चीनी यूनिवर्सिटियों और चीन के बीमारी नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च की है.

2011 से 2018 तक वैज्ञानिकों ने चीन के 10 अलग अलग प्रांतों के बूचड़खानों से सूअरों की नाक से तीन हजार से ज्यादा टेस्ट नमूने लिए. फिर एक पशु चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू के 179 वायरसों को अलग अलग किया गया. इन वायरसों में रिसर्चरों को एच1एन1 के "जी4" के प्रमाण मिले, जो महामारी फैलाने वाले वायरसों में मिलता है. इसके बाद रिसर्चरों ने कई अलग अलग प्रयोग किए. इनमें नेवलों पर किए गए प्रयोग भी शामिल हैं, जो स्वाइन फ्लू के लक्षणों को इंसानों की तरह ही महसूस करता है.

सूअर फार्मों में संक्रमण

टेस्टों के बाद रिसर्चरों ने पाया कि जी4 बेहद संक्रामक है और इंसानी कोशिशाओं में तेजी से फैलता है. इससे नेवलों में अन्य वायरसों की तुलना में कहीं ज्यादा लक्षण सामने आए. रिसर्चरों को यह भी पता चला कि सूअर फार्मों में काम करने वाले लोगों के खून में वायरसों का स्तर कहीं ज्यादा है. टेस्ट बताते हैं कि 10.4 प्रतिशत सूअर किसान इस वायरस से संक्रमित हो गए हैं. उनमें वायरस के कारण एंटीबॉडी बनने का पता चला. 4.4 प्रतिशत आबादी भी इन वायरसों के संपर्क में हो सकती है.

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टेस्ट दिखाते हैं कि मौसमी फ्लू से इंसानों के शरीर में आई प्रतिरोधक क्षमता जी4 से सुरक्षित नहीं कर पाती है. अध्ययन कहता है, "इंसानी आबादी और खासकर सूअर उद्योग में काम करने वाले लोगों की नजदीकी तौर पर निगरानी करनी होगी." वैज्ञानिक चेतावनी देते हैं कि जी4 की वजह से पैदा महामारी के जोखिम को कम करना होगा.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) ने कहा है कि वह इस अध्ययन को गंभीरता से पढ़ेगा. डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिंडमायर ने कहा, "यह इस बात पर भी जोर देता है कि इंफ्लुएंजा के प्रति हमें कोई लापरवाही नहीं बरतनी है और सजग रहना होगा, कोरोना महामारी के दौर में भी पूरी इसकी पूरी निगरानी रखनी होगी.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिचियान ने कहा, "चीन इस बारे में होने वाले घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है. हम किसी भी वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे."

एके/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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