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चीन को हांगकांग में और सख्ती बरतने की सलाह

३१ अक्टूबर २०१९

चीन का शीर्ष नेतृत्व हांगकांग में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहता है. बंद दरवाजों के पीछे चली चार दिन की नीति बैठक के बाद यह बात कही गई है. हांगकांग बीते कई महीने से सरकार विरोधी प्रदर्शनों में घिरा है.

Hong Kong Protests
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/K. Cheung

चीन का अर्धस्वायत्त शहर हांगकांग बीते कई महीनों से उबल रहा है. इस बीच चीन की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अब इस मामले में नीति तय करने के लिए हुई बैठक के बाद सत्ताधारी दल की तरफ से कहा गया है कि वहां कानून के मुताबिक "कठोर शासन" होना चाहिए और उसकी "दीर्घकालीन समृद्धि और स्थिरता की सुरक्षा अवश्य होनी चाहिए."

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सेंट्रल कमेटी की चार दिन की बैठक के बाद यह बयान जारी किया गया है. इससे पहले करीब 370 सदस्यों की बैठक फरवरी 2018 में हुई थी जब यह तय किया गया था कि राष्ट्रपति के कार्यकाल की सीमा खत्म कर दी जाएगी. इस तरह से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दो कार्यकाल के बाद भी देश के राष्ट्रपति बने रहने की व्यवस्था बनाई गई.

आमतौर पर सेंट्रल कमेटी साल में एक बार अपनी बैठक करती है. ऐसे में पिछली बैठक के बाद लंबे समय तक बैठक नहीं होने से इस तरह की आशंकाओं को बल मिला कि चीन के शीर्ष नेताओं में नीतियों को लेकर कुछ असहमति है. यह बैठक पार्टी कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे अहम बैठक है. पार्टी कांग्रेस की बैठक पांच साल में एक बार होती है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/S.Guneev

ऐसा लगता है कि बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के देश और खुद को चलाने पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. बैठक के बाद पार्टी की ओर से जारी बयान सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी में आया है. बयान में पार्टी के सदस्यों से कहा गया है, "घरेलू और बाहरी स्तर पर बढ़ी हुई चुनौतियों और खतरों की पृष्ठभूमि में" वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ खड़े हों. शी जिनपिंग को चीन में माओ त्सेतुंग के बाद सबसे ताकतवर नेता कहा जा रहा है.

आर्थिक सुधारों और सेना पर पार्टी के नियंत्रण को बढ़ाने के साथ ही बयान में हांगकांग और ताइवान की भी चर्चा की गई है. कमेटी ने  हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए "कानूनी तंत्र और उन्हें लागू करने की व्यवस्था को कायम और बेहतर करने" की जरूरत पर बल दिया है. 

ताइवान को चीन अपने से अलग हुए प्रांत के रूप में देखता है. कमेटी के बयान में चीन की मुख्य भूमि के साथ इस द्वीप के "शांतिपूर्ण एकीकरण" की प्रतिबद्धता दोहराई गई है.  बयान में यह भी कहा गया है, "पीपुल्स आर्मी पर पार्टी का पूर्ण नेतृत्व पीपुल्स आर्मी का आधार और एक मजबूत सेना की आत्मा है." इसके साथ ही कहा गया है कि सेना को शी जिनपिंग की सोच के मुताबिक चलना चाहिए. शी सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के भी चेयरमैन हैं.

इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को और खोलने और आर्थिक सुधारों को लागू करने की बात भी कही गई है. हालांकि अमेरिका के साथ चल रहे मौजूदा कारोबारी जंग के बारे में इसमें कुछ नहीं कहा गया है, जबकि इसकी वजह से विकास की गति धीमी पड़ रही है.

एनआर/एके(डीपीए)

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