ब्राजील से लाखों टन लौह अयस्क से लेकर चीन जा रहा जहाज अटलांटिक महासागर में डूबा. शुक्रवार को जहाज से आखिरी संदेश मिला था. चालक दल के ज्यादातर सदस्य भी अटलांटिक में गुम हैं.
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दक्षिण कोरियाई कंपनी का जहाज ब्राजील से लौह अयस्क के लेकर चीन के लिए रवाना हुआ था. जहाज पर 2,60,000 टन लौह अयस्क लदा था. लेकिन शुक्रवार के बाद से जहाज का कोई सुराग नहीं है. राहत और बचावकर्मियों को लगता है कि जहाज हादसे का शिकार हो गया. माना जा रहा है कि जहाज टूटकर दक्षिण अटलांटिक महासागर की गहराई में समा चुका है. जहाज पर चालक दल के 24 सदस्य सवार थे. सिर्फ दो को बचाया जा सका. बाकी 22 का कोई अता पता नहीं है.
जहाजों, विमानों और हैलिकॉप्टरों के जरिये खोज का काम जारी है. दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी के मुताबिक अब तक सिर्फ समंदर में तैरता तेल, कुछ मलबा और खाली लाइफ बोट ही दिखाई पड़ी हैं. उरुग्वे की नौसेना के प्रवक्ता गास्तोन खुआसोलो के मुताबिक, "जैसे जैसे समय बीत रहा है, उनके मिलने की संभावना कम होती जा रही है."
माना जा रहा है कि लौह अयस्क से भरा जहाज उरुग्वे के तट से 3,700 किलोमीटर दूर समंदर में समा चुका है. चालक दल के सदस्यों में 16 फिलीपीनी नागरिक और आठ दक्षिण कोरियाई नागरिक शामिल थे. जहाज दक्षिण कोरिया की पोलारिस शिपिंग कंपनी का था. शुक्रवार को चालक दल के सदस्यों ने पोलारिस कंपनी को आखिरी बार इमरजेंसी संदेश भेजा था. संदेश में जहाज के कप्तान ने कहा कि, "पानी भर रहा है" और जहाज टूट रहा है.
खुआसोलो के मुताबिक पहले जहाज में पानी भरा और फिर वह दो हिस्सों में टूटकर समंदर में समा गया. चालक दल के सिर्फ दो सदस्य लाइफ राफ्ट में मिले. उरुग्वे की नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक हादसे के दिन मौसम भी खराब नहीं था. पोलारिस कंपनी के जहाजों के साथ साथ उरुग्वे, अर्जेंटीना और ब्राजील की नौसेना सर्च ऑपरेशन में जुटी है.
(दुनिया के सबसे बड़े बंदरगाह)
दुनिया के सबसे बड़े बंदरगाह
विशालकाय जहाजों के जरिये हर दिन लाखों टन सामान दुनिया भर के देशों में पहुंचता है. भारत का सबसे बड़ा पोर्ट मुंबई में है. दुनिया में वह 29वें नंबर पर है. एक नजर दुनिया के टॉप-10 कमर्शियल पोर्ट्स पर.
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10. तियानजिन
चीन के पास दुनिया का सबसे लंबा तटीय बंदरगाह है. टॉप 10 में से छह बंदरगाह चीन में हैं. 10वें नंबर पर चीन का तियानजिन पोर्ट है. एक साल में यह पोर्ट 1.45 करोड़ कंटेनर हैंडल करता है.
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9. दुबई
जेबेल अली पोर्ट मध्य पूर्व का सबसे बड़ा और व्यस्त इंटरनेशनल पोर्ट है. 1970 के दशक के आखिर में बने इस बंदरगाह से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल और गैस की सप्लाई होती है. 2015 में यहां 1.56 करोड़ कंटेनर पहुंचे.
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8. गुआनझो
चीन का गुआनझो पोर्ट दुनिया का आठवां बड़ा पोर्ट है. 2015 में इस पोर्ट पर दुनिया भर से 1.75 करोड़ कंटेनर पहुंचे. यह चीन के निर्यात का अहम केंद्र है.
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7. क्विनग्दाओ
एक साल में 1.66 करोड़ से ज्यादा कंटेनरों को हैंडल करने की क्षमता वाला चीन का क्विनग्दाओ पोर्ट दुनिया का सातवां बड़ा बंदरगाह है. यहां से चीन की मशीनरी दुनिया भर में भेजी जाती है.
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6. बुसान
दक्षिण कोरिया का दूसरा बड़ा शहर बुसान पूर्वी एशिया का सबसे अहम कारोबारी केंद्र है. यहां दुनिया का छठा बड़ा बंदरगाह है. 2015 में इस पोर्ट ने 1.94 करोड़ कंटेनर देखे.
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5. निन्गबो-झोशान
पूर्वी चीन सागर में बने इस बंदरगाह से जापान और ताइवान की दूरी बहुत कम है. सटीक लोकेशन और गजब के आधारभूत ढांचे की बदौलत यह दुनिया का पांचवां बड़ा पोर्ट है. इसकी सालाना कंटेनर क्षमता 1.95 करोड़ है.
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4. हांग कांग
दक्षिण चीन सागर में स्थित हांग कांग पोर्ट दुनिया का पांचवां बड़ा बंदरगाह है. इसकी क्षमता दो करोड़ स्टैंडर्ड कंटनेर से ज्यादा है. यूरोप और अमेरिका की ज्यादातर शिपिंग कंपनियों के दफ्तर भी हांग कांग में हैं.
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3. शेनझेन
हांग कांग के बगल में बना यह चीनी पोर्ट ग्लोबल रैंकिंग में तीसरे नंबर पर आता है. यह चीन का सबसे भीतरी पोर्ट भी है. इसकी वार्षिक कंटेनर क्षमता 2.43 करो़ड़ है.
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2. सिंगापुर
सिंगापुर पोर्ट हर साल 3.3 करोड़ से ज्यादा कंटेनर हैंडल करता है. कारोबारियों को सुविधा और पारदर्शिता के लिए मशहूर सिंगापुर अब भी यूरोप और एशिया के बीच सबसे बड़े पोर्ट का काम करता है.
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1. शंघाई
2010 से यह दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट बना हुआ है, वह भी बहुत बड़े फासले से. 2015 में इस पोर्ट ने 3.65 करोड़ कंटेनर हैंडल किये. जर्मनी के सबसे बड़े पोर्ट हैम्बर्ग से तीन गुना ज्यादा.