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चीन पाकिस्तान का सच्चा भरोसेमंद साथी: गिलानी

P १८ मई २०११

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने चीन को भरोसेमंद दोस्त बताया है. चीन दौरे की शुरुआत में उन्होंने कहा कि बीजिंग ने हर मुश्किल घड़ी में पाकिस्तान का साथ दिया है. एशिया में कूटनीति करवट ले रही है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

पाकिस्तान और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे होने के अवसर पर यूसुफ रजा गिलानी चीन पहुंचे हैं. पाकिस्तानी धरती पर अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद गिलानी की इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है. दो मई की रात पाकिस्तानी शहर एबटाबाद में अमेरिका ने अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. अमेरिका ने पाकिस्तान को इस ऑपरेशन की भनक तक नहीं लगने दी. लेकिन इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक मोर्चे पर गहरे मतभेद हो गए है. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार यह स्थिति पाकिस्तान को चीन के और ज्यादा करीब ले जाती दिखाई पड़ रही हैं.


मंगलवार को चीन पहुंचने पर सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के साथ इंटरव्यू में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री गिलानी ने कहा, ''हम मानते हैं कि चीन हर मुश्किल घड़ी में पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा. इसीलिए हम चीन को सच्चा दोस्त कहते हैं, जो हर परीक्षण पर खरा उतरा और हर तरह के हालात में दोस्त रहा है. हमें गर्व है कि चीन हमारा बेहतरीन और भरोसेमंद दोस्त है. चीन भी पाकिस्तान को हर वक्त अपने साथ खड़ा पाएगा.''

तस्वीर: picture alliance/dpa


पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार यूसुफ रजा गिलानी बुधवार को चीन के पूर्वी शहर सुजहोऊ में सांस्कृतिक सभा को संबोधित करेंगे. उसके बाद बीजिंग जाएंगे, जहां वह चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से मुलाकात करेंगे. उम्मीद है कि उनके इस दौरे में दोनों देशों के बीच सहयोग के कई समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. आतंकवाद से निपटने पर भी बातचीत हो सकती है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जियांग यू का कहना है कि बीजिंग आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करता है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ विश्व प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा है और बड़े बलिदान भी दिए हैं.''


चीन पाकिस्तान को हथियार देने वाला प्रमुख देश है. चीनी हथियारों की वजह से पाकिस्तान को अपने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी भारत के साथ शक्ति का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है. बीते कुछ सालों में भारत और अमेरिका के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं. इससे पाकिस्तान और चीन असहज हो रहे हैं.


रिपोर्ट: एजेंसियां, एएफपी/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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