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चीन में अंग प्रत्यारोपण के लिए शवों का इस्तेमाल

२७ अगस्त २००९

चीन की मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन यानि अंग प्रत्यारोपण के लिए क़ैदियों के शवों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. हालांकि चीन की सरकार ने अब इसे बदलने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है.

दो तिहाई मामलों में क़ैदियों के अंगों से प्रत्यारोपणतस्वीर: picture-alliance/ dpa

सरकारी मीडिया के एक अनुमान के मुताबिक़ अभी भी चीन में करीब 65 प्रतिशत अंग प्रत्यारोपण के मामलों में मौत की सज़ा पाए क़ैदियों के अंगों का इस्तेमाल किया जाता है. अब सरकार ने अंग प्रत्यारोपण के लिए नई व्यवस्था 'नेशनल ऑर्गन डोनेशन सिस्टम' शुरू की है. चीन के उप स्वास्थय मंत्री हुआंग जिएफ़ू ने एक अख़बार को बताया कि अंग प्रत्यारोपण के लिए क़ैदियों के शवों को इस्तेमाल में लाना ठीक नहीं है. ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर चीन की 'स्वीकरोक्ति' को अहम माना जा रहा है.

तस्वीर: picture-alliance/chromorange

अख़बार का कहना है कि दो तिहाई मामलों में अभी भी कै़दियों के शवों का इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि यह आंकड़ा कहां से मिला इस पर अख़बार ने ज़्यादा जानकारी नहीं दी है और कहा है कि एक 'विशेषज्ञ' ने इस बारे में उन्हें बताया है.

चीन में 2007 में एक नियम लागू किया गया था जिसमें सिर्फ़ उन्हीं लोगों को अंग दान करने की इजाज़त थी जो मरीज़ से भावनात्मक रूप से जुड़े हों या फिर उसके सगे-संबंधी हों फिर भी क़ैदियों पर निर्भरता कम नहीं हुई.

चीन में लगभग दस लाख से ज़्यादा लोगों को अंग प्रत्यारोपण की ज़रूरत है लेकिन महज़ एक फ़ीसदी यानि 10,000 लोगों को यह सुविधा मिल पाती है.बीजिंग के इंस्टीट्यूट ऑफ़ ऑरगन ट्रांसप्लांटेशन के अनुसार 2003 से सिर्फ़ 130 लोगों ने ही ऑर्गन डोनेशन स्कीम के लिए ख़ुद को रजिस्टर कराया है.

हाल ही में शुरू की गई योजना पर चीन सरकार का कहना है कि इससे समाज के कमज़ोर तबके के लोगों को भी लाभ पहुंचेगा और अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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