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समाज

चीन में धर दबोचे जा रहे हैं सिगरेट पीने वाले

१५ दिसम्बर २०१६

बीजिंग में कुछ लोग बाकायदा एंटी-स्मोकिंग वॉलंटियर बने हैं. ये नीली जैकेट पहने शहर के कई हिस्सों में लोगों को सिगरेट पीते, उसके बट फेंकते या धुएं के छल्ले उड़ाते दिखने पर पीछा करते हैं और फिर उन्हें सबक सिखाते हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/Hao Miao

एंटी-स्मोकिंग वॉलंटियर बने 32 साल के फाइन आर्ट्स के शिक्षक लियु ली सड़क पर लोगों को सिगरेट पीते देखते हैं तो उनके पास जाकर कहते हैं, "आज तुम्हें सजा नहीं मिलेगी. लेकिन इसकी निंदा होगी और तुम्हें सीख मिलेगी." सिगरेट पी रहे लोगों ने बार बार झुक कर माफी मांगी और उन्हें चेतावानी दे कर छोड़ दिया गया.

असल में चीन पूरे देश में सभी सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने पर रोक लगाना चाहता है. इस प्रतिबंध को लेकर देश में काफी मतभेद हैं. लगभग 18 महीने पहले रेस्तरां और कई अन्य इमारतों के भीतर स्मोकिंग पर रोक लगाई गई थी. अतिउत्साही वॉलंटियर्स और धूम्रपान विरोधी कार्यकर्ताओं ने देश के लाखों स्मोकिंग करने वालों और सरकार-नियंत्रण वाली सिगरेट कंपनी के एकाधिपत्य के खिलाफ काफी काम किया है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

चीन के लिए सिगरेट एक सांस्कृतिक प्रतीक जैसी रही है. देश के सबसे बड़े नेता हुए माओ त्से तोंग जैसे कई ताकतवर लोग स्मोकिंग किया करते थे. चीनी समाज में आज भी शादियों या दूसरे समारोहों में मेहमानों को सिगरेट परोसी जाती है. देश के तंबाकू व्यवसाय में तीन लाख से ज्यादा लोग नौकरी करते हैं और देश की राष्ट्रीय आय का एक अहम हिस्सा यहां से आता है. स्टेट टोबैको मोनोपोली एडमनिस्ट्रेशन ने पिछले साल करीब 150 अरब डॉलर तो केवल आय कर में भरे थे.

लेकिन तंबाकू चीन को बहुत मंहगा भी पड़ता है. हर साल करीब 10 लाख लोगों के सिगरेट से जुड़ी बीमारियों के कारण जान चली जाती है. अगर हालात ऐसे ही रहें तो 2050 तक इस संख्या के तीन गुना होने का अनुमान है. विश्व बैंक के आंकड़े दिखाते हैं कि चीन में लगभग 30 करोड़ लोग स्मोकिंग करते हैं और देश की करीब आधे वयस्क तो ऐसा नियमित तौर पर करते हैं.

चीन और खासकर राजधानी बीजिंग अपने वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण पूरी दुनिया में बदनाम है. विशेषज्ञ बताते हैं कि वायु प्रदूषण से कही ज्यादा स्मोकिंग का धुआं नुकसान पहुंचाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थानीय प्रतिनिधि के तौर पर कई सालों तक चीन में काम कर चुके डॉक्टर बेर्नहार्ड श्वार्टलैंडर बताते हैं, "जब बाहर हवा खराब हो, तो सब परेशान होते हैं और इस बारे में चर्चा होती है. लेकिन सच तो ये है कि किसी औसत से रेस्तरां के भीतर अगर केवल कुछ ही लोग स्मोक करें तो वो इतना वायु प्रदूषण करते हैं, जितना बीजिंग शहर के सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले दिन भी नहीं हुआ हो."

विश्व स्वास्थ्य संगठन और कुछ अन्य संगठनों के इशारे पर ही चीन में एक राष्ट्रव्यापी एंटी-स्मोकिंग अभियान शुरू हुआ है. इसे चीन के बेहद शक्तिशाली शासक माने जाने वाले राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पूरा समर्थन प्राप्त है. 2012 में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख बनने के ठीक बाद ही शी ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करने से मना किया था. 1980 के दशक की एक तस्वीर में खुद शी अपने पार्टी कैडर की सभा में हाथ में सिगरेट थामे दिखे थे लेकिन बाद में उन्होंने सिगरेट छोड़ दी. उनकी पत्नी, गायिका और अभिनेत्री पेंग लियुआन कई एंटी-स्मोकिंग प्रचार में दिखी हैं और वे एचआईवी पॉजिटिव लोगों के लिए काम करने में काफी सक्रिय हैं.

चीनी सरकार ट्रेनिंग देकर वॉलंटियर्स का एक नेटवर्क तैयार कर रही है. इसका खर्च सरकारी धन से चलने वाली बीजिंग टोबैको कंट्रोल एसोसिएशन उठा रहा है. इन वॉलंटियर्स को भी जीवन में कभी धूम्रपान ना करने की प्रतिज्ञा करनी होती है. और इसके बाद लियु ली जैसे वॉलंटियर्स को सड़कों पर स्मोकिंग करते लोगों की धर-पकड़ का लाइसेंस मिल जाता है.

आरपी/वीके (एपी)

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