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चीन में बनेंगे भविष्य के हवाई जहाज

२१ नवम्बर २०१०

चीनी मीडिया का दावा है कि आने वाला कल उनके देश में बने जहाजों का होगा. एयरबस और बोइंग के साथ पूरी दुनिया में अगर कोई और विमान दिखेगा तो वह चीनी कंपनी कॉमेक का होगा.

तस्वीर: picture alliance/dpa

चीनी मीडिया ने तो एबीसी नाम का टर्म भी इजाद कर लिया है और दावा किया जा रहा है कि भविष्य में हवाई जहाजों की दुनिया पर इन्हीं का दबदबा होगा. एबीसी में ए एयरबस के लिए, बी बोइंग और सी कॉमेक के लिए है.

चीन ने अंतरिक्ष में अपने यहां के इंसान को पहले ही भेज दिया है लेकिन हाल के दिनों तक वह कोई ऐसा जेट बनाने में कामयाब नहीं हुए हैं जो बड़ी संख्या में लोगों या सामान को एक जगह से दूसरी जगह हवाई रास्ते से ले जा सके. इन सबके बावजूद उनका दावा है कि विमानन क्षेत्र में भविष्य उनका है. विमानन की दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार चीन है. जानकार मानते हैं कि अगले 20 सालों में वह पहले नंबर पर पहुंच जाएगा. इस हफ्ते चीन के जुहाई एयरशो में चीनी कंपनी कॉमेक ने दावा किया कि उसे 100 सी919 विमानों के लिए ऑर्डर मिले हैं.

इस विमान का एक नमूना एयरशो में भी रखा गया था और यहां आने वाले लोगों ने इसमें गहरी दिलचस्पी दिखाई है. सी919 खरीदने वालों में केवल चीनी कंपनियां ही नहीं हैं बल्कि अमेरिकी दिग्गज जनरल इलेक्ट्रिक से जुड़ी लीज पर विमान देने वाली एक कंपनी भी है. जिस तरह से मांग बढ़ी है उसे पूरा करने के लिए 4000 नए विमानों की जरूरत पड़ेगी.

190 सीटों वाला यह विमान 2014 में अपनी पहली उड़ान भरेगा. इसे खरीदने वाली कंपनियों को विमान मिलने के लिए 2016 तक इंतजार करना होगा. चीन ने यह विमान घरेलू क्षेत्र में बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया है. कॉमेक निदेशक डांग टिहोंग कहते हैं, "दुनिया की अर्थव्यवस्था का केंद्र अब बदल कर एशिया की तरफ आ गया है, एशिया एक बड़े बाजार के रूप में उभर रहा है, खासतौर से चीन आने वाले दिनों में विमानन क्षेत्र में सबसे निर्णायक भूमिका निभाएगा."

टिहोंग के मुताबिक 2029 तक एशिया में विमान यात्रियों की तादाद करीब 37 फीसदी बढ़ जाएगी. इसी दौर में विमानन के पुराने बाजारों जैसे यूरोप और अमेरिका में यात्रियों की संख्या उसके मुकाबले काफी कम होगी.

सी 919 का मुकाबला एयरबस के ए320 और बोइंग के 737 से है. अब तक चीन में एयरबस और बोइंग के विमानों की ही तूती बोलती रही है. एयरबस ने तो यूरोप के बाहर अपना पहला एसेंबलिंग प्लांट भी चीन के शहर तियानजिन में 2007 में खोला. इस प्लांट में अब तक 30 विमान तैयार हो चुके हैं. इस महीने की शुरुआत में चीनी राष्ट्रपति हू चिन ताओ की फ्रांस यात्रा के दौरान चीन ने एयरबस से 102 विमानों का सौदा किया. वैसे चीन में बना सी919 एयरबस के 320 को और बोइंग के 737 को जल्दी ही कड़ी टक्कर देगा इसमें कोइ संदेह नहीं.

एयरबस के फ्रांस मुख्यालय से जुड़े एक अधिकारी ने डॉयचे वेले से कहा, "एयरबस की ऊंची क्वॉलिटी तक पहुंचना इतना आसान नहीं है और यह रातोंरात नहीं होगा. हां, चीन विमानन की दुनिया में बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है."

रिपोर्टः मियाओ टियान/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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