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चीन में मानव तस्करी पर जागी सरकार

१० मार्च २०२२

चीन में आठ बच्चों की एक मां को जंजीरों में बांध कर रखने की घटना पिछले महीने सामने आने के बाद मानव तस्करी को लेकर चर्चा तेज हो गई है. यहां तक कि चीन में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में भी यह मामला उठाया गया.

चीन में गुमशुदा बच्चों की तस्वीरें शराब की बोतलों पर लेबल की तरह लगाई गईं थीं ताकि लोगों का ध्यान जाए.
चीन में गुमशुदा बच्चों की तस्वीरें शराब की बोतलों पर लेबल की तरह लगाई गईं थीं ताकि लोगों का ध्यान जाए.तस्वीर: Stringer/dpa/picture alliance

जंजीरों में जकड़ी महिला पूर्वी हिस्से में मौजूद शुझोउ शहर के बाहरी इलाके में पिछले महीने मिली. उसे बार-बार बेचा गया है और जिस आदमी ने उसे आखिरी बार खरीदा, उससे उसके आठ बच्चे हैं. महिला की मानसिक हालत भी अच्छी नहीं थी. चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने जब शनिवार को नेशनल पीपुल्स कांफ्रेंस (एनपीसी) में सरकार के कामकाज के बारे में सालाना रिपोर्ट पेश की, तो उसमें भी मानव तस्करी का जिक्र था. आमतौर पर ऐसा कम ही होता है.

मानव तस्करी के खिलाफ नए कदम

स्थानीय सरकारों ने महिलाओं को शिकार बना रहे मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कदमों का एलान किया है, जबकि सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय देश भर में मानव तस्करी के खिलाफ अभियान चला रहा है. इसका लक्ष्य लंबित मामलों से निपटना है और यह काम हर स्तर पर होगा. मंगलवार को चीन के शीर्ष अभियोजक झांग जुन ने घोषणा कि है कि विभाग अपहरण और तस्करी के खिलाफ कानूनों को "सख्ती से लागू" करेगा.

चीन की सरकारी मीडिया का कहना है कि कानूनी सुधार के कम से कम आधा दर्जन प्रस्ताव नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के सदस्यों और उसकी सलाहकार समिति की ओर से लाए गए हैं. इस हफ्ते नेशनल पीपुल्स कांफ्रेंस का सालाना सत्र चल रहा है. इसमें सरकार के कामकाज की समीक्षा होती है और उस पर सहमति की मुहर लगाई जाती है.यह भी पढ़ेंः मानव तस्करी में आई कमी लेकिन चिंता में हैं कार्यकर्ता

आपराधिक जुर्माना

कांग्रेस के सदस्य जियां शेंगनान ने प्रस्ताव दिया है कि तस्करी के मामलों में आपराधिक जुर्माना लगाया जाए जिससे कि बेचने वाले के साथ ही खरीदने वाले को भी सजा मिले. सरकारी अखबार बीजिंग यूथ डेली ने शेंगनान का बयान छापा है. इसमें उन्होंने कहा है, "उचित तरीके से जुर्माना बढ़ा कर और खरीदने पर आपराधिक जुर्मान लगाना एक निश्चित प्रतिरोध का काम करेगा." सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार के प्रस्तावों का स्वागत किया है. हालांकि कुछ लोगों ने सवाल उठाए हैं कि क्या आपराधिक जुर्माना लगाना इससे लड़ने का सबसे बढ़िया तरीका है. फेंग युआन बीजिंग इक्वलिटी नाम की संस्था के सहसंस्थापक हैं, जो लिंग आधारित अपराध पर ध्यान देती है. फेंग युआन का कहना है, "निजी रूप से मैं मानती हूं कि सारे प्रस्ताव बहुत सकारात्मक और सार्थक हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कई अहम बातें नहीं हैं." फेंग का कहना है कि प्रस्तावों में जरूरत से ज्यादा ध्यान खरीदने वाले के ऊपर आपराधिक जुर्मान लगाने पर दिया गया है.

मौजूदा चीनी कानूनों के तहत जो लोग महिलाओं या बच्चों की तस्करी करते हैं, उन्हें 5-10 साल की कैद या फिर मौत की सजा भी दी जा सकती है. खरीदने वाले के लिए तीन साल से ज्यादा की सजा नहीं है.

आरोपियों की संख्या घटी

जियांग के प्रस्ताव में पीड़ितों को छुड़ाए जाने के बाद उनकी स्थिति पर नजर रखने के लिए तंत्र बनाने की भी बात कही गई है.  दूसरे लोगों का यह भी कहना है कि सरकार को तस्करी के पीड़ितों की सही पहचान करनी होगी, जिनके गलत नाम दर्ज हैं. इसके लिए देश भर में अपहरण के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक अलर्ट सिस्टम बनाने के साथ ही आपराधिक जुर्माने को बढ़ाना भी होगा.

एनपीसी के सदस्य सीधे विधेयक तैयार नहीं करते हैं, बल्कि उनके प्रस्ताव संबंधित मंत्रालयों को भेजे जाते हैं. इसके बाद उनकी स्थायी समिति कानूनी जानकारों की मदद से कानून तैयार करती है.

जंजीर में बंधी महिला का मामला सामने आने के बाद लोग काफी उत्तेजित हैं और मांग कर रहे हैं कि तस्करी के खिलाफ कार्रवाई हो. झांग की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं और बच्चों की तस्करी के आरोपियों की संख्या साल 2000 में 14,458 से घट कर पिछले साल 1,135 पर आ गई है. हालांकि यह साफ नहीं है कि संख्या में कमी तस्करी घटने की वजह से है या फिर कानून का पालन नहीं होने की वजह से. पिछले महीने चीन में विंटर ओलिंपिक हो रहे थे और मुमकिन है कि ऐसे वक्त में कोई विवाद खड़ा ना हो इसलिए सरकार ने इस मुद्दे पर तेजी दिखाई हो.

महिला अधिकार कार्यकर्ता फेंग ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इस मामले को आपराधिक जुर्माने से अलग करके भी देखे. ज्यादा जरूरी चीजों में पीड़ितों की पहचान करना और छुड़ाए जाने के बाद उन्हें स्वतंत्र रूप से रहने में मदद देना शामिल है. इसके साथ ही उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तंदुरुस्त होने के लिए संसाधन मुहैया कराना भी जरूरी है. सामाजिक कार्यकर्ताओं की चिंता यह भी है कि जब नए नाम के साथ पीड़ितों का पुनर्वास कराया जाएगा, तो क्या उन्हें सार्वजनिक सेवाओं का लाभ मिल सकेगा या नहीं.

चीन की कैबिनेट ने अप्रैल 2021 में कुछ मसलों का हल निकाला था. इनमें उनके शादी के दस्तावेजों की पुष्टि और दूर-दराज के इलाकों में तस्करी के खिलाफ ज्यादा लोगों को शिक्षित करना शामिल है. नए उपाय इन कोशिशों को और मजबूती दे सकते हैं.

तस्करी का कुछ संबंध देश में बड़े लैंगिक असंतुलन से भी है. इसकी एक बड़ी वजह रही है चीन की एक बच्चा नीति, जो अब बदल दी गई है. चीन में हर साल बड़ी संख्या में लोगों की बंधुआ मजदूरी और सेक्स के लिए तस्करी की जाती है. हालांकि इनमें से ज्यादातर लोगों को चीन के अंदर ही तस्करी कर के लाया और बंधक बना कर रखा जाता है. यह समस्या दुनिया के कई देशों में है और चीन की आबादी ज्यादा होने की वजह से इसका परिमाण भी काफी ज्यादा बड़ा है.

एनआर/एसएम(एपी)

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