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कारोबार

चीन में विदेशी कंपनियों की आलोचना

९ सितम्बर २०२१

चीन के सरकारी मीडिया और सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने कई विदेशी कंपनियों पर ग्राहकों को बहकाने का आरोप लगाया है. इसके पहले सरकार ने कनाडा गूस कंपनी के चीनी यूनिट पर झूठे विज्ञापनों के लिए जुर्माना लगाया था.

China C&A Modekette Eröffnung Filiale in Shanghai
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Imaginechina Shanghai Daily

यह सब ऐसे समय पर हो रहा है जब चीन और पश्चिमी देशों के तनाव की वजह से देश में राष्ट्रभक्ति को बढ़ावा मिल रहा है. इससे प्रेरित हो कर कुछ खरीदार देसी कंपनियों को चुन रहे हैं. सत्तारूढ़ पार्टी के युवा दल कम्युनिस्ट यूथ लीग ने कनाडा गूस पर लगे जुर्माने के बारे में अपने वीचैट सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, "झूठ की टोकरी और मिथ्या की लहर". सरकारी अखबार चाइना इकोनॉमिक डेली ने भी एक संपादकीय में इसी कंपनी के बारे में लिखा.

संपादकीय में रेखांकित किया गया कि कैसे शंघाई शहर में बाजार का नियमन करने वाली सरकारी संस्था ने कंपनी के स्थानीय यूनिट पर जून में झूठे विज्ञापनों के लिए 70,000 डॉलर जुर्माना लगाया था. नियामक के मुताबिक हंस के रोवों की जगह कंपनी के जैकेटों में बतख के रोवों का इस्तेमाल हो रहा है. इसके अलावा आरोप है कि कंपनी ने दावा किया कि हटराइट के नाम से जाना जाने वाला रोवां कनाडा का सबसे गर्म रोवां है और इससे ग्राहकों को बहकाया गया.

कई कंपनियां निशाने पर

अखबार ने "झूठ बोलने वाले कनाडा के हंस को पकड़ने" के लिए नियामक की प्रशंसा की. कनाडा गूस कंपनी और उसके चीनी यूनिट ने प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. हालांकि अखबार ने यह भी कहा है कि सिर्फ इसी कंपनी की आलोचना नहीं हो रही है बल्कि चीन के उपभोक्ता विदेशी सामान के बेहतर होने की अपनी ही पूर्वधारणाओं पर सवाल उठाने लगे हैं.

बीजिंग में कनाडा गूस के एक स्टोर के बाहर ग्राहकों की लाइनतस्वीर: picture-alliance/dpa/Su Weizhong

यूथ लीग ने एक लेख में कहा, "हाल ही में अंतरराष्ट्रीय कंपनियां कई बार गलत काम करते हुए पकड़ी गई हैं जिसकी वजह से इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले यह सोचने लगे हैं कि विदेशी चांद चीन के चांद से ज्यादा गोल होता है क्या." चाइना इकोनॉमिक डेली ने भी कहा, "उपभोक्ता अब यह समझ गए हैं कि यह जरूरी नहीं है कि ब्रांड विदेशी है तो उसकी गुणवत्ता ज्यादा होगी...चीनी ब्रांड भी अब बढ़ रहे हैं."

जापानी ब्रांड के खिलाफ भी कार्रवाई

अखबार ने यूनिलीवर की मैग्नम आइस क्रीम की भी आलोचना की और कहा कि कंपनी उसी आइस क्रीम को बनाने में पश्चिमी देशों के मुकाबले चीन में सस्ती सामग्री का इस्तेमाल करती है. चीन में यूनिलीवर के दफ्तर में किसी ने फोन नहीं उठाया और कंपनी ने ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया.

यूथ लीग ने जापानी दूध ब्रांड याकुल्ट की भी झूठे विज्ञापनों की वजह से आलोचना की. अगस्त में शंघाई के उसी नियामक ने याकुल्ट के एक स्थानीय यूनिट पर करीब 70,000 डॉलर का जुर्माना लगा दिया था.

नियामक का कहना था कि कंपनी ने एक विज्ञापन में दावा किया था कि प्रोबायोटिकों की कोविड-19 की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका थी. याकुल्ट के चीनी दफ्तर ने टेलीफोन कॉल और ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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