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चीन से परेशान होते हॉन्ग कॉन्ग वासी

३० जून २०१२

चीन हॉन्ग कॉन्ग को अपने अधिकार में लेने की 15वीं वर्षगांठ मना रहा है. रविवार को चीनी राष्ट्रपति हू जिताओं को हॉन्ग कॉन्ग जाने वाले हैं. हजारों हॉन्ग कॉन्ग वासी उनका विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे.

तस्वीर: Rainer Traube

हॉन्ग कॉन्ग के लोगों पर अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए चीन सरकार ने राष्ट्रप्रेम से ओत प्रोत एक म्यूजिक वीडियो बनवाया. नामी सितारों की मदद से बनाए गये वीडियो में हॉन्ग कॉन्ग के डिजनीलैंड को, ऊंची इमारतों को और चीनी झंडों को दिखाया गया. चार हफ्ते पहले यूट्यूब पर डाले गए इस वीडियो को अब तक सिर्फ 4,000 लोगों ने देखा है.

गगनचुम्बी इमारतेंतस्वीर: Rainer Traube

इसके विरोध में एक वीडियो और तैयार किया गया. 'हू हैज स्टोलन अवर ड्रीम्स' यानी हमारे सपने किसने चुराये, इस शीर्षक वाले वीडियो में न तो कोई बड़ा स्टार है, न ही धमाकेदार ढंग से इसे लॉन्च किया गया. लेकिन इसके बावजूद एक ही दिन में इसे 14,000 से ज्यादा बार देखा गया. यह गाना मंगलवार को यूट्यूब पर डाला गया. गाने में प्रॉपर्टी के बढ़ते दाम, अमीर और गरीब के बढ़ते फासले और चीन में पूंजीवाद के बढ़ते प्रभाव का जिक्र किया गया है. यह भी कहा गया है कि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी हॉन्ग कॉन्ग को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.

1 जुलाई 1997 को ब्रिटेन ने हॉन्ग कॉन्ग को चीन के हवाले कर दिया. इससे पहले यह ब्रिटेन का उपनिवेश था. रविवार को चीन इसे जश्न की 15वीं सालगिरह के तौर पर मना रहा है. वहीं हॉन्ग कॉन्ग के कई स्थानीय संगठन विरोध में प्रदर्शन निकालने की तैयारी कर रहे हैं.

ब्रिटेन ने हॉन्ग कॉन्ग को चीन को सौंपते वक्त यह गारंटी ली थी कि बीजिंग हमेशा हॉन्ग कॉन्ग को स्वायत्त रखेगा. लेकिन अब हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को लग रहा है कि चीन उनकी स्वायत्तता का अतिक्रमण कर रहा है. हॉन्ग कॉन्ग आकर कारोबार करने वाले चीनियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. चीनी कारोबारियों की वजह से हॉन्ग कॉन्ग में जमीन जायदाद के दाम आसमान छूने लगे हैं. आम हॉन्ग कॉन्ग वासियों को लग रहा है कि उनका शहर अब पराया हो गया है.

लोकतंत्र के लिए प्रदर्शनतस्वीर: AP

चीन की एक बच्चा नीति से तंग रहने वाली महिलाएं हॉन्ग कॉन्ग के अस्पतालों में दूसरे बच्चे को जन्म दे रही हैं. इससे वहां के सरकारी अस्पतालों पर भारी दबाव पड़ रहा है. हॉन्ग कॉन्ग जाने वाले चीनी भी अब हॉन्ग कॉन्ग वासियों के व्यवहार में आ रही तल्खी महसूस करने लगे हैं. महीने में एक बार खरीदारी के लिए हॉन्ग कॉन्ग आने वाली चीनी फैशन डिजाइनर जोसेलिन हुआग कहती हैं, "पहले एक पड़ोसी की तरह हमारा स्वागत किया जाता था लेकिन अब कभी कभार हमारे साथ ऐसे व्यवहार किया जाता है जैसे हम बिन बुलाये अंजाने लोग हों."

हॉन्ग कॉन्ग में रेडियो टॉक शो करने वाली लुइजा टाम कहती हैं कि चीनियों की सफलता और बढ़ती अमीरी उनके शहर को मुश्किल में डाल रही है. समाज की मनोदशा का जिक्र करते हुए वह कहती हैं, "हम जलन और द्वेष की वजह से खुद को खा रहे हैं. अमीर चीनी बड़ी संख्या में सीमा पार से दुकानों और निवेश के क्षेत्र में आ रहे हैं. पहले हम गरीबी की वजह से चीन के लोगों का मजाक करते थे और अब हम तमीज के नाम पर उनका उपहास कर रहे हैं. हम कहते हैं देखो, वह गुची और शेनेल एक साथ टांगे हुए हैं."

धीरे धीरे यह कड़वाहट राजनीतिक रंग भी लेती जा रही है. हॉन्ग कॉन्ग वासी बीजिंग से नजदीकियां बढ़ाने वाले अपने नेताओं का विरोध करने लगे हैं. कई नेताओं को कम्युनिस्ट पार्टी का पूर्व सदस्य बताया जाने लगा है. हू जिनताओ के दौरे के बीच 5,000 चीनी पुलिस कर्मी हॉन्ग कॉन्ग में हैं. दूसरी तरफ हजारों प्रदर्शनकारी हैं. और दोनों के बीच हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता है.

ओएसजे/ एमजे (डीपीए)

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