ओबामा ने कहा रूस को मिलेगा हैकिंग का जवाब
१६ दिसम्बर २०१६अमेरिकी राष्ट्रपति के दोहरे कार्यकाल को पूरा कर जल्द ही पद छोड़ने वाले बराक ओबामा ने रूस के खिलाफ सीधा बयान दिया है. एनपीआर रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में ओबामा ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब भी कोई विदेशी सरकार हमारे चुनावों की प्रामाणिकता पर असर डालने की कोशिश करे तो हमें इस बारे में कार्रवाई करनी होगी." ओबामा ने ऐसी कार्रवाई के लिए "वक्त और जगह अपने हिसाब से चुनने" की बात भी कही.
रूस पर आरोप लग रहे हैं कि वहां से हुए साइबर हमलों ने अमेरिकी चुनाव में दखलअंदाजी कर नवंबर के चुनावी नतीजों को प्रभावित किया. इस चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर रिपब्लिकन डॉनल्ड ट्रंप नए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं.
अमेरिकी चुनाव प्रचार अभियान के दौरान क्लिंटन के ईमेलों को लीक करने में रूसी हाथ होने की आशंका जताई जा रही है. इन ईमेल लीक्स के कारण क्लिंटन पक्ष के अभियान पर बहुत बुरा असर पड़ा था और तब तक बढ़ते जा रहे उनके विजय रथ की गति काफी धीमी हो गई थी.
ओबामा के मुख्य सलाहकारों में से एक बेन रोड्स ने कहा है, "मैं नहीं मान सकता कि रूसी सरकार में ऐसा कुछ भी बिना व्लादिमीर पुतिन की जानकारी के होना संभव है." अमेरिका के एमएसएनबीसी टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में रोड्स ने कहा, "रूस की कार्यशैली के बारे में हमे जितना पता कि कैसे पुतिन का हर चीज पर नियंत्रण है, तो इससे तो यही लगता है कि अगर कोई इतना बड़ा साइबर हमला हुआ है तो उसमें सरकार उच्चतम स्तर तक लिप्त है."
चुनाव प्रचार के दौरान जुलाई में ट्रंप ने दावा किया था कि विदेश मंत्री रहते हुए हिलेरी क्लिंटन के प्राइवेट ईमेल सर्वर से भेजे गए 30,000 ईमेल लीक हो गए हैं. इसे लेकर ट्रंप ने क्लिंटन के खिलाफ जम कर लापरवाही और देश की सुरक्षा से समझौता करने के आरोप लगाए. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉश अर्नेस्ट ने कहा है, "जाहिर है मिस्टर ट्रंप जानते थे कि इस दुर्भावनापूर्ण साइबर कार्रवाई में रूस का हाथ था. वे ही सेक्रेटरी क्लिंटन के चुनाव अभियान को नुकसान पहुंचाने के लिए उनकी मदद कर रहे थे."
ट्रंप ने इन सभी आरोपों को "बकवास" बताते हुए खारिज किया है. सीआईए ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि रूस ट्रंप को जिताने में मदद कर रहा था. और वे जांच कर रहे हैं कि किस तरह साइबर हमलों ने क्लिंटन के अभियान को नुकसान पहुंचाया. ट्रंप ने पेंसिलवेनिया में विक्ट्री रैली निकाली और व्हाइट हाउस प्रवक्ता अर्नेस्ट को एक "बेवकूफ इंसान" करार देते हुए सवाल उठाया कि अगर रूसी या किसी भी बाहरी पर हैकिंग का शक था, तो व्हाइट हाउस ने हिलेरी के चुनाव हारने के बाद ही यह सब बातें क्यों उठाई हैं.
अमेरिकी कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद इस विषय की विस्तार से जांच करवाने और सीआईए, एफबीआई की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, क्रेमलिन के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति पुतिन पर लगे इन सभी आरोपों को "हास्यास्पद बकवास" बताया है.
आरपी/एमजे (एएफपी)