चुनाव बाद क्या करेंगी अंगेला मैर्केल
२६ सितम्बर २०२१अंगेला मैर्केल को आलू के सूप एवं मक्खन की टॉपिंग वाला किशमिश-मुनक्का युक्त भुरभुरे केक बनाने में आनंद आता है. शरद ऋतु के महीने में खाई जाने वाली यह एक खास जर्मन डिश है. लेकिन, अभी इसे बनाने का समय उनके पास नहीं होगा. 26 सितंबर की शाम वे चांसलर के अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जाएंगी, लेकिन नई सरकार के बनने तक उन्हें कार्यवाहक चांसलर की भूमिका निभानी होगी.
पढ़ना और थोड़ा सोना
बीते जुलाई महीने में वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान अंगेला मैर्केल से पूछा गया था कि रिटायरमेंट के बारे में उनका क्या ख्याल है, वे इसे कैसे देख रहीं हैं. किसी अन्य मौके पर वे टालमटोल करते हुए इस प्रश्न का जवाब देतीं, किंतु इस बार उन्होंने कहा कि सबसे पहले वे एक ब्रेक लेना चाहती हैं और किसी भी आमंत्रण को स्वीकार नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि उन्हें यह अहसास होगा कि उनके पिछले काम "अब किसी और के द्वारा पूरे किए जाएंगे." साथ ही यह भी कहा, "मैं सोचती हूं कि मैं इसे खूब पसंद करूंगी."
फुरसत के नए पल में वह सोचना चाहती हैं कि "किन बातों में उनकी वास्तविक दिलचस्पी है." पिछले 16 साल के दौरान ऐसा करने के लिए उनके पास बहुत थोड़ा समय था. अभी हाल में डाक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली चांसलर ने शरारत भरी मुस्कान के साथ कहा, "इसके बाद मैं कुछ पढ़ने की कोशिश करूंगी, तब मेरी आंखें बंद हो जाएंगी क्योंकि मैं थक गई हूं और तब थोड़ी देर के लिए सो जाऊंगी और फिर हम देखेंगे कि मैं अचानक कहां नजर आती हूं."
एक भूमिका ये भी
मैर्केल के भविष्य को लेकर छविकार व अपराध उपन्यासकार आंद्रेयास मुइहे ने एक कल्पना की है. उन्होंन परीक्षण के तौर पर एक प्रदर्शनी के लिए चांसलर की हमशक्ल की शांतिपूर्ण, काफी हद तक अकेले दिखने वाले पोज में कई तस्वीरें लीं. वहीं दूसरी तरफ अपराध लेखक डेविड शेफियर को लगता है कि व्यस्ततम कार्यक्रम के बिना अंगेला मैर्केल जल्द ही ऊब जाएंगी.
उनकी हल्की-फुल्की थ्रिलर मिस मैर्केल में पूर्व चांसलर ब्रांडेनबर्ग स्थित अपने हॉलिडे होम में जाने के बाद शांत चित्त होकर जीवन के लिए संघर्ष करती हैं. लंबे समय के लिए नहीं, केवल सैर के लिए बाहर जाती हैं और केक बनाती हैं. ब्रिटिश लेखिका अगाथा क्रिस्टी की आपराधिक कहानी मिस मार्पल की तरह भावना में बहने की जगह शेफियर की मैर्केल हत्या के मामले में ठोकर खाने के बाद बड़े ही उत्साह से इसकी जांच करती है.
मैर्केल की पेंशन सुरक्षित
ये एक हास्य पुस्तक है, लेकिन उसका मूल प्रश्न जायज है कि एक व्यक्ति, जिस पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी हो और जिसका हरेक दिन दशकों से सुबह से देर शाम तक तय कार्यक्रम के तहत व्यतीत होता हो, क्या एक दिन में बदल सकता है. अंगेला मैर्केल ने हाल में ही बर्लिन में इस विषय पर कहा, "आपने क्या खोया है, इसका एहसास तभी होता है जब वह आपके पास नहीं होगा."
अंगेला मैर्केल इस साल 17 जुलाई को 67 साल की हो गईं. चांसलर नहीं रहने के बाद भी उन्हें किसी तरह की आर्थिक चिंता करने की जरूरत नहीं है. चांसलर के तौर पर वह हर महीने 25000 यूरो की तनख्वाह पाती हैं. इसके अलावा संसद सदस्य के रूप में उन्हें 10000 यूरो मिलता है, जिसकी 30 वर्षों से अधिक समय से वे सदस्य हैं. मैर्केल जब भी अपना काम बंद करेंगी, उसके अगले तीन माह तक उन्हें पूरा वेतन मिलेगा और उसके बाद अधिकतम 21 महीने तक उन्हें ट्रांजिशनल भत्ते के तौर पर आधा वेतन मिलता रहेगा.
15000 यूरो प्रति माह
उनके पेंशन की पात्रता चांसलर, उससे पहले केंद्र सरकार के मंत्री तथा बुंडेस्टाग के सदस्य के रूप बिताए गए सालों के आधार पर तय की जाएगी. मैर्केल को इस बात का फायदा मिलेगा कि उन्होंने काफी लंबे समय तक सरकार में रही हैं. इसकी गणना के लिए संक्षिप्त फार्मूला 1953 के संघीय मंत्रिस्तरीय अधिनियम से पाया जा सकता है. कम से कम चार साल तक काम करने के बाद चांसलर पेंशन के रूप में अपनी अंतिम तनख्ववाह की 27.74 प्रतिशत धनराशि के हकदार हो जाते हैं. इतना ही नहीं पद पर हर अतिरिक्त वर्ष के लिए ये राशि 2.39167 फीसद के हिसाब से बढ़ती जाती है जो अधिकतम 71.75 प्रतिशत हो सकती है.
नतीजतन, अंगेला मैर्केल को इस तरह पेंशन के तौर पर प्रतिमाह लगभग 15000 यूरो मिल सकता है. इसके अतिरिक्त उन्हें उनके शेष जीवन के लिए एक अंगरक्षक और ड्राइवर के साथ एक कार भी मिलेगी. इसके साथ ही बर्लिन में बुंडेस्टाग परिसर में दो सलाहकार एवं एक सचिव के साथ एक दफ्तर की भी वे हकदार होंगी.
दूसरे करियर से इनकार नहीं
कानून के तहत पूर्व अधिकारियों की यह प्रतिबद्धता होती है कि वे गोपनीयता बनाए रखें. भले ही उन्हें खुलकर बोलने की इजाजत नहीं हो, फिर भी अपने व्यापक राजनीतिक संबंधों की वजह से वे व्यावसायिक दुनिया में सलाहकार के रूप में लोकप्रिय बने रहते हैं. अंगेला मैर्केल के कुछ पूर्ववर्ती वाणिज्य के क्षेत्र में चले गए. 1982 में चांसलर का पद छोड़ने के बाद हेल्मुट श्मिट साप्ताहिक समाचार पत्र सलाहकार के रूप में "डी साइट" के सह प्रकाशक बन गए. वे एक लोकप्रिय वक्ता भी थे. 2012 में दिए अपने एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, "मैंने अपने लिए एक नियम बना लिया है कि मैं 15000 डॉलर से कम में कोई व्याख्यान नहीं दूंगा."
श्मिट से बहुत बेहतर पूर्व चांसलर हेल्मुट कोल तथा गेरहार्ड श्रोएडर यह जानते थे कि अपने राजनीतिक अनुभवों तथा प्रसिद्धि को कैसे नकदी में परिवर्तित करना है. इसी कड़ी में कोल ने राजनीतिक तथा रणनीतिक कंसलटेंसी के लिए एक कंपनी बनाई थी तथा एक पैरवीकार व सलाहकार के रूप काफी धन कमाया.
श्रोएडर का मामला
2005 में चांसलर का पद छोड़ने के कुछ महीने बाद गेरहार्ड श्रोएडर द्वारा गैस पाइपलाइन कंपनी नॉर्ड स्ट्रीम की सेवा में जाना उनके लिए काफी परेशानी का सबब बना. यह रूस की गासप्रोम की एक सहायक कंपनी थी. श्रोएडर जब चांसलर थे तब उन्होंने गैस पाइपलाइन की वकालत की थी.
इस बीच एक कानून बनाया गया है जिसके अनुसार किसी निजी उपक्रम को सेवा देने के पहले पूर्व सरकारी अधिकारियों को चांसलर कार्यालय से हर हाल में यह पूछना होगा कि "उनका काम क्या सार्वजनिक हित से समझौता करता है." एक एथिक्स कमेटी सरकार को सलाह देती है, जो संदेह होने की स्थिति में 18 महीने तक की प्रतीक्षा अवधि लागू कर सकती है.
अभी बर्लिन में रहेंगे पति
अंगेला मैर्केल कहीं किसी नए जॉब या किसी मानद पद के लिए तो विचार नहीं कर रहीं हैं? हालांकि इस संबंध में उन्होंने अभी तक एक शब्द भी नहीं कहा है. कम से कम इस बात की तो संभावना है कि वे अभी बर्लिन में ही रहेंगी. उनके पति व क्वांटम केमिस्ट योआखिम जॉवर अभी अपना काम बंद करने की नहीं सोच रहे हैं. यद्यपि वे बर्लिन के हुम्बोल्ट विश्वविद्यालय में एक रिटायर्ड प्रोफेसर हैं. 72 वर्षीय जॉवर ने एक वरिष्ठ शोधकर्ता के रूप में अपना अनुबंध कम से कम अगले साल तक के लिए बढ़ा दिया है.