'चुनाव भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्त्रोत'
२६ मार्च २०११पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ''भारत में अब चुनाव भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा स्त्रोत बन गए हैं. पैसे देकर खबरें छापने का चलन तेजी से बढ़ गया है. पेड न्यूज के 86 मामले अब तक हमारे सामने आ चुके हैं.''
नई दिल्ली में एक समारोह के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये बातें कहीं. कुरैशी के मुताबिक मीडिया और राजनीतिक दलों के बीच सांठगांठ हो चुकी है. इसकी वजह से माहौल खराब होता जा रहा है. उन्होंने कहा, ''राजनीतिक दलों और मीडिया के बीच चल रहा खेल विचलित करने वाला है.''
बीते चार सालों में भारत के कई छोटे बड़े अखबारों और टीवी चैनलों पर चुनावों के दौरान पैसे लेकर खबरें छापने और दिखाने के आरोप लगने लगे हैं. किसी नेता का प्रचार के लिए असली जैसी लगने वाली रिपोर्ट छापी और दिखाई जाती है. ऐसी रिपोर्टें सच्चाई से उलट होती हैं और मतदाताओं को गुमराह करती हैं. इससे पैदा होते डर का जिक्र करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ''पहले मीडिया सिर्फ विज्ञापन करता था. लेकिन अब राजनीतिक पार्टियां और मीडिया घराने और दुस्साहसी हो गए हैं. संपादकीय के नाम पर चुनावी घोषणा पत्र पेश कर दिया जा रहा है.''
कुरैशी उम्मीद जताई है कि चुनाव आयोग भ्रष्टाचार के इस स्त्रोत को उखाड़ फेंकने में कामयाब होगा. कुछ मीडिया घराने और बड़े पत्रकार भी पेड न्यूज की परंपरा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. लेकिन कई छोटे बड़े अखबारों और टीवी चैनलों पर इसका असर होता कम ही दिखा है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य