चुनाव से पहले मीडिया पर पाबंदी
२० अक्टूबर २०१०इस महीने की शुरुआत में सरकारी प्रसारण कंपनी नाइलसैट ने कुल 400 में से चार चैनलों पर प्रतिबंध लगाए थे. यह चैनल धार्मिक कार्यक्रमों का प्रसारण करते हैं. सरकार का कहना था कि इन चैनलों में स्वास्थ्य को लेकर गलत जानकारी दी जा रही थी. सूचना मंत्री अन्नास अल फीकी ने नाइलसैट की पाबंदियों को सही ठहराते हुए कहा कि इससे मिस्र और अरब देशों की जनता को इनके बुरे प्रभाव से बचाया जा सकेगा.
अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने हालांकि प्रतिबंधों की आलोचना की है. मिस्र में नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. विपक्षी दलों का भी मानना है कि सरकार चुनावों से पहले सारे चैनलों पर नियंत्रण रखने की कोशिश कर रही है.
पिछले हफ्ते सरकार ने नौ निजी कंपनियों से उनके लाइसेंस का नवीनीकरण कराने कहा था लेकिन इसके लिए उन्हें केवल 24 घंटों का वक्त दिया गया. हालांकि कुछ दिनों बाद पंजीकरण की तिथि को बढ़ा दिया गया था. यह कंपनियां सैटेलाइट के जरिए ताज़ा खबरों को लोगों तक पहुंचाती हैं.
इससे पहले मिस्र के राष्ट्रीय टेलिकॉम नियंत्रण निगम ने मीडिया कंपनियों से कहा था कि वे लोगों के मोबाइल फोन तक एसएमएस के जरिए समाचार पहुंचाने के लिए खास लाइसेंस की अर्जी दें. विपक्षी गुटों को इससे काफी नाराजगी हुई. मिस्र का विपक्षी मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन अपने चुनाव प्रचार के लिए एसएमएस पर जोर देना चाह रहा है. सरकार के बढ़ते नियंत्रण को विपक्षी दल लोकतंत्र का गला घोटना मान रहे हैं.
9 अक्तूबर से लेकर अब तक पुलिस ने मुस्लिम ब्रदरहुड के 150 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. संगठन के नेता ने एलान किया था कि उनका संगठन संसद में 30 प्रतिशत सीटों के लिए खड़ा होगा. मिस्र में धार्मिक पार्टियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए गए हैं जिस वजह से मुस्लिम ब्रदरहुड के उम्मीदवारों को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना पड़ता है. 2005 में हुए चुनावों में संगठन ने संसद के 20 प्रतिशत सीट जीते थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः एन रंजन