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चुनौती से जूझता ब्राजील

२७ नवम्बर २०१२

2014 के फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी करने की तैयारी में जुटे ब्राजील के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. फुटबॉल के लाखों दीवानों के लिए रहने और यातायात की व्यवस्था आयोजकों की नींद उड़ा रहा है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

उम्मीद की जा रही है कि फुटबॉल वर्ल्ड कप के बुखार को परवान चढ़ाने ब्राजील में पांच लाख से ज्यादा दीवाने दर्शक पहुंचेंगे. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ फीफा के महासचिव जेरोम वाल्के ने कहा कि फुटबॉल टीमों को सब कुछ बढ़िया मिलेगा लेकिन दर्शकों का भी ख्याल रखना जरूरी है. फाल्के ने कहा, "आपकी प्राथमिकता ब्राजील को वर्ल्ड कप जीतते देखने की है और फीफा की प्राथमिकता मुकाबले का दोषरहित आयोजन कराने की है. हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए ताकि दर्शकों को शानदार स्वागत मिल सके."

ब्राजील में 1950 के बाद फुटबॉल वर्ल्ड कप हो रहा है. वाल्के का कहना है कि 12 मेजबान शहरों में केवल एक जगह 45,000 क्षमता वाला स्टेडियम और लोगों के रहने के लिए 17,000 कमरे हैं. फिलहाल जो स्थिति है, उनमें तो एक बिस्तर पर तीन लोगों को सोना पड़ेगा. उन्होंने माना कि अभी तैयारियां काफी पीछे चल रही हैं. इसके अलावा स्थानीय परिवहन की दिक्कत का जिक्र करते हुए वाल्के ने कहा, "हमें शहरों के साथ मिल कर काम करना होगा. लोगों को स्टेडियम से होटल लाना ले जाना और फिर दूसरे शहरों में टीम को ले जाने के लिए एयरपोर्ट को ज्यादा देर तक चालू रखने की जिम्मेदारी होगी."

तस्वीर: picture alliance/Agencia Estado

वाल्के ने माना कि दिक्कतें और चुनौतियां बहुत हैं पर उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार और आयोजन समिति मिल कर इन मुश्किलों को दूर करने का उपाय ढूंढ लेंगी.

ब्राजील की घरेलू हवाई यायायात पर पहले से ही बहुत दबाव है. ज्यादातर जगह जाने के लिए विमानों को कई बार बीच में रुकना पड़ता है और यातायात का दूसरा सरल साधन नहीं. सड़क के रास्ते जाएं तो एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में कई कई दिन लग जाते हैं और गड्ढे भरी सड़कें बदन का कचूमर निकाल देती हैं. वाल्के तो बताते हैं कि कई मुकाबलों के तुरंत बाद ही दर्शकों को हवाई जहाज से दूसरे शहर पहुंचाना होगा क्योंकि उन शहरों में लोगों के ठहरने के लिए ज्यादा कमरे नहीं हैं.

उन्होंने इसी साल की शुरुआत में जब तैयारियों के पीछे रहने का मसला उठाया तब बड़ा हो हल्ला मचा और काफी विवाद हुआ. बाद में उन्होंने माफी मांगी और साथ मिल कर चुनौतियों का सामना करने का फैसला किया गया.

इस बीच एक घटना यह हुई कि ब्राजील फुटबॉल संघ के उपाध्यक्ष और फीफा कार्यकारी समिति के सदस्य मार्को पोलो डेल नीरो को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.

तस्वीर: AFP/Getty Images

भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और आर्थिक अपराधों के एक बड़े मामले में ब्राजील की पुलिस ने 87 तलाशी के वारंट निकाले और 33 लेगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने यह नहीं बताया कि डेल नीरो के खिलाफ कोई आपराधिक मामला है या नहीं और ना ही पूछताछ का कोई ब्यौरा दिया. पुलिस ने आधी रात को उनके घर पर छापा मार कर तलाशी भी ली. पुलिस की इस कार्रवाई से फीफा को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है.

दक्षिण अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले 71 साल के मार्को पोलो ने कोई गलत काम करने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि एक निजी मामले में उनसे पुलिस ने 20 मिनट तक पूछताछ की और उसका फुटबॉल से कोई लेना देना नहीं है.

बहरहाल इन सारी मुश्किलों के बीच जनता फुटबॉल के महाकुंभ का इंतजार कर रही है और उसे भरोसा है कि मुकाबला शुरू होते होते तैयारियां पूरी हो ही जाएंगी.

एनआर/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)

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