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चुपचाप नंबर दो बन जाएगा अमेरिका

९ मई २०१२

अमेरिका भले ही आज का सुपर पावर हो लेकिन आने वाला कल चीन का है. चीन जब अमेरिका को पार करता हुआ 40 साल में नंबर वन की गद्दी पर बैठेगा, तो अमेरिका इसका विरोध नहीं करेगा, बल्कि चुपचाप उसके लिए कुर्सी खाली कर देगा.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ये भविष्यवाणी की है '2050 - चालीस सालों का वैश्विक अनुमान नाम' की रिपोर्ट के लेखक यॉर्गेन रैंडर्स ने. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि 40 साल में किस तरह अमेरिकी ताकत ढलान की ओर बढ़ेगी और लगभग 10 फीसदी की दर से विकास कर रहा चीन किस तरह अमेरिका की जगह ले लेगा.

रैंडर्स के मुताबिक अमेरिका के नीति निर्माता दूरगामी मुद्दों पर आगे बढकर अपनी भूमिका निभाने में असफल साबित हुए हैं. कम समय के लिए गुणा गणित और ध्रुवीकरण की राजनीति के चलते अमेरिका वह नहीं पा सकेगा जो चाहता है. इसके कम्युनिस्ट देश चीन को एक पार्टी की वजह से आगे बढ़ने में आसानी होगी.

रिपोर्ट में कहा गया है, "चीन का शासन तंत्र अलग है और अलग रहेगा. और यह चीन को तेजी से फैसला लेने में मदद करता है. जबकि अमेरिका फैसले लेने के लिए जूझता रहता है." रैंडर्स के मुताबिक अमेरिका और चीन मैं वैचारिक मतभेद के बावजूद युद्ध की स्थिति नहीं आएगी क्योंकि चीन का ध्यान अपने विकास पर केन्द्रित रहता है. इस दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में और तेजी से उछाल आएगा जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था नीचे की ओर जाने लगेगी.

"आज की दुनिया का रईस अमेरिका इस दौरान आश्चचर्यजनक रूप से कमजोर होगा, मजदूरी स्थिर रहेगी और प्रति व्यक्ति आय में गिरावट आएगी." रिपोर्ट के मुताबिक साल 2052 तक चीन की जीडीपी प्रति व्यक्ति सालना 56 हजार अमेरिकी डॉलर हो जाएगी जो अमेरिकी औसत की तीन चौथाई होगी. रिपोर्ट में जलवायु, जनसंख्या जैसे दूसरे अहम मसलों पर भी कयास लगाए गए हैं. इसके मुताबिक आने वाले 40 साल में दुनिया को आर्थिक मंदी और जलवायु संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझना होगा. हालांकि "संपूर्ण विनाश" की संभावना जैसी बातों को खारिज कर दिया गया है.

वीडी/एजेए (डीपीए)

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