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चेन पर चुप हैं चीन और अमेरिका

२९ अप्रैल २०१२

जब हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की विदेश मंत्री बनी थीं तो उन्होंने कहा था कि अमेरिका मानवाधिकार के विवादों को चीन के साथ सहयोग के रास्ते में आने नहीं दे सकता. अब इसी हफ्ते चीन दौरे से पहले क्लिंटन की यही चुनौती है.

तस्वीर: AP

चीन के सरकार विरोधी नेत्रहीन चेन गुआंगचेंग के अमेरिकी दूतावास भाग जाने के बाद अमेरिका के सामने यही जानने की चुनौती है कि क्या चीन भी ऐसा ही सोचता है. चेन 19 महीने की नजरबंदी के बाद सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंककर भाग निकले और कहा जा रहा है कि अब वे अमेरिकी संरक्षण में हैं. यह मामला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के राजनयिक बीजिंग में इसी सप्ताह वार्षिक आर्थिक और सुरक्षा वार्ता की तैयारी कर रहे हैं.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी भी एक राजनीतिक कांड को दबाने के लिए संघर्ष कर रही है जिसमें पार्टी के महत्वपूर्ण नेता रहे बो सिलाई शामिल हैं. उनकी पत्नी को एक ब्रिटिश कारोबारी की हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया है और बो को पार्टी और सरकार के पदों से हटा दिया गया है.

अमेरिकी अजीब सी स्थिति में हैं. यदि चेन ने अमेरिकी दूतावास में पनाह ली है तो अमेरिका उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध चीनी अधिकारियों को नहीं सौंप सकता. यह बात अमेरिका के वर्तमान और पूर्व अधिकारी एकमत से मानते हैं. इसके बाद चीन के पास एक ही विकल्प रह जाता है. या तो वह अमेरिका के साथ विवाद में व्यापक संबंधों को नुकसान पहुंचने दे या इस मुद्दे पर समझौता कर ले. पहचान न बताने की शर्त पर ओबामा प्रशासन के एक अधिकारी कहते हैं, "मैं कल्पना नहीं कर सकता कि वे संबंधों को नुकसान पहुंचाएंगे." यह प्लेन वाले मामले या तियानआनमेन चौक वाले मामले जैसा नहीं है. वे इसे सुधारने की कोशिश करेंगे.

2001 में बीजिंग और वाशिंगटन के रिश्ते काफी बिगड़ गए थे जब चीन का एक लड़ाकू विमान अमेरिका के टोही विमान के साथ टकरा गया. 1989 में तियानआनमेन चौक पर लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शकारियों को चीनी सरकार के टैंकों से कुचले जाने के बाद भी दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब हो गए थे.

रविवार तक अमेरिका या चीन ने औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है कि चेन अपने गांव की नजरबंदी से भागकर अमेरिकी दूतावास में शरण में हैं या नहीं. चीन ने इस घटना पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया लेकिन चेन को भगाने के आरोप में कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. टेक्सास के चाइनाऐड संस्था का कहना है कि चेन गुआंगचेंग के नजदीकी सूत्रों से उन्हें यह खबर मिली है कि चेन अमेरिकी संरक्षण में हैं और इस समय चीन और अमेरिका के बीच उनके मामले पर उच्चस्तरीय बातचीत चल रही है.

तस्वीर: dapd

गुरुवार और शुक्रवार को बीजिंग में अमेरिका और चीन की आर्थिक और सामरिक बातचीत हो रही है और इसके लिए अमेरिकी विदेश मंत्री और वित्त मंत्री बीजिंग जा रहे हैं. दोनों देशों की वार्ताएं इस घटना के साये में होगी. तीन महीने पहले एक चीनी अधिकारी वांग लीजून भागकर चेंगदू के अमेरिकी कंसुलेट में चला गया था, जिसके बाद पोलितब्यूरो सदस्य बो सिलाई का मामला सामने आया. चीन में इसी साल सत्ता परिवर्तन होनेवाला है.

सीआईए के मुख्य चीन विश्लेषक क्रिस जॉनसन का कहना है कि चीन अमेरिकी संबंध तूफान के करीब पहुंचने वाले हैं. चेन और बो सिलाई के अलावा ताईवान को एफ 16 लड़ाकू विमान बेचने का मसला भी दोनों के रिश्तों में कांटे की तरह चुभ रहा है. जॉनसन का कहना है, "हर चीज में साजिश देखने वाले चीन में, वे इन मुद्दों को चीन के उदय को रोकने के लिए अमेरिका की रोकथाम नीति का चक्र पूरा होना समझेंगे."

चीन का नेतृत्व इन विवादों को किस तरह निबटाता है , यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह राष्ट्रीय संवेदना और व्यवहारवादी राजनीति के बीच किस तरह से सामंजस्य बिठाता है. बीजिंग यूनीवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर शी यिनहोंग कहते हैं कि इस समय सुई समस्या के फौरी समाधान की ओर संकेत कर रही है. "मैं नहीं समझता कि अमेरिका चीन को शर्मिंदा करने के लिए इसका इस्तेमाल करेगा."

वैसे अमेरिका को सीरिया, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे मसलों पर चीन की मदद चाहिए. पहले भी दोनों देशों ने अपनी जटिल मुश्किलों को सुलझाने के रास्ते खोजे हैं. पहली अप्रैल 2001 को अमेरिकी नौसेना के जासूसी विमान और चीन के लड़ाकू विमान में हवा में टक्कर हो गई, जिसमें चीनी पायलट मारा गया और अमेरिकी जहाज को हाइनान पर उतरना पड़ा. अमेरिका के 24 सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया और चीन ने उन्हें अमेरिका के माफी मांगने के बाद ही छोड़ा.

फरवरी 2009 में क्लिंटन ने कहा कि अमेरिका चीन पर ताइवान, तिब्बत और मानवाधिकार के मामलों पर दबाव बनाए रखेगा लेकिन ये मामले वैश्विक वित्तीय संकट, वैश्विक पर्यावरण संकट और सुरक्षा संकट में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. हालांकि इस बात के संकेत हैं कि मानवाधिकार पिछली सीट पर जा रहा है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि सिद्धांत और राजनीति के कारण अमेरिका के लिए चेन की बलि देना संभव नहीं है.

रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार मिट रोमनी ने बराक ओबामा पर चीन के प्रति नरमी का आरोप लगाया है. यदि ओबामा चेन के मामले में नरमी दिखाते हैं तो चुनाव अभियान के दौरान इन आरोपों में और तेजी आएगी. विश्लेषकों का कहना है कि चेन के मामले को सुलझाने के दो संभव विकल्प हैं. चेन को उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा के आश्वासन के साथ चीन में ही रिहा किया जा सकता है या फिर उनके चीन छोड़ने में हिचकिचाहट के बावजूद वे निर्वासन में चले जाएंगे.

वाशिंगटन मे ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन में चीन केंद्र के निदेशक केनेथ लिबरथाल कहते हैं, "हम उन्हें इस भरोसे के बिना बाहर नहीं कर सकते कि उन्हें उनकी गतिविधियों के लिए सजा नहीं मिलेगी, और यदि वे चीन में रहते हैं तो इस पर भरोसा करना बहुत मुश्किल है."

एमजे/एजेए (रॉयटर्स)

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