एपल और एंड्राएड ने अपने ऐप स्टोर से यूएई का एक चैटिंग ऐप टोटॉक हटा दिया है. इस ऐप को न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद हटाया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह ऐप जासूसी के लिए इस्तेमाल हो रहा था.
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संयुक्त अरब अमीरात में बने एक लोकप्रिय मोबाइल ऐप को गूगल और एंड्राएड ऐप स्टोर से हटा लिया गया है. टोटॉक पर आरोप है कि यूएई की सरकार इसके जरिए यूजरों की जासूसी कर रही थी.
पिछले दिनों अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि टोटॉक ऐप ने यूएई सरकार को यूजरों की बातचीत, गतिविधि और अन्य विवरण की जानकारी हासिल करने की इजाजत दी थी. टोटॉक एक चैटिंग ऐप है जिसका इस्तेमाल मध्य पूर्व, एशिया और अफ्रीका के कई देशों में लोग बातचीच के साथ-साथ वीडियो कॉलिंग के लिए करते हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी को एपल ने बताया कि ऐप स्टोर में टोटॉक ऐप की समीक्षा लंबित है जिसकी वजह से उसने इसे हटा दिया है. वहीं गूगल का कहना है कि उसने "नीतिगत मुद्दे के तहत" ऐप को गूगल स्टोर से हटाया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था, "यूएई में लाखों लोग टोटॉक का इस्तेमाल करते हैं, जो मोबाइल में इंस्टॉल करने में आसान है." अखबार का कहना है कि ऐप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यूजर्स को लगे कि इसके जरिए संदेश भेजना आसान और सुरक्षित है. इस ऐप के जरिए उन देशों में भी वीडियो और संदेश भेजे जा सकते हैं जहां अन्य मैसेजिंग सर्विस पर बैन है.
आप भी जरूर व्हाट्सऐप पर किसी ना किसी ग्रुप में शामिल होंगे, यह ग्रुप चाहे दोस्तों के हों या परिवार के, इनमें कुछ खास किस्म के लोग आपको हमेशा मिल जाएंगे.
तस्वीर: Imago/R. Peters
गुडमॉर्निंग वाले
सुबह अलार्म के बजने से पहले इनका गुडमॉर्निंग का मेसेज आ जाता है. कभी फूलों की तस्वीरें होंगी, तो कभी प्रेरणा से भरे सुविचार. दिन ढलते ढलते कई बार ये गुडनाइट भी भेज देते हैं.
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स्माइली वाले
ये लोग हर बात का जवाब स्माइली और इमोजी से देते हैं. व्हाट्सऐप में कौन सा निशान कहां है, ये इन्हें ऐसे याद होता है कि कभी किसी भी इमोजी को खोजने में वक्त ही नहीं लगता.
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ग्रुप की तस्वीर बदलने वाले
ये हर अवसर के अनुसार ग्रुप की तस्वीर बदलते हैं. स्वतंत्रता दिवस होगा तो झंडा लगेगा, दिवाली होगी तो दिया. मन में आए, तो ग्रुप का नाम भी बदल देते हैं.
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फॉरवर्ड वाले
ये शायद खुद भी हर चीज नहीं पढ़ते हैं लेकिन अपने फोन पर आया हर फॉरवर्डेड मेसेज ये आगे जरूर बढ़ा देते हैं. इनमें चुटकुले भी होते हैं और किस्से कहानियां भी.
ये दुनिया में जहां भी जाएं, सेल्फी लेना नहीं भूलते हैं. ग्रुप हमेशा इनकी सेल्फी के साथ भरा रहता है. कभी ऑफिस की सीट पर बैठे सेल्फी लेंगे, तो कभी बाथरूम में शीशे के सामने.
तस्वीर: Picture alliance/PhotoAlto/F. Cirou
एलओएल वाले
हर चुटकुले का एक तय जवाब.. LOL. इसका मतलब होता है लाफ आउट लाउड यानि मैं जोर से हंसा. लेकिन ये शायद ही कभी हंसते हों. इनका एलओएल प्रमाण होता है कि मैंने चुटकुला पढ़ लिया है.
तस्वीर: Colourbox
गलत ग्रुप में मेसेज वाले
ये इतने लोकप्रिय होते हैं कि हर ग्रुप में सक्रिय रहते हैं. लेकिन जल्दबाजी में यहां का मेसेज वहां टाइप कर देते हैं और फिर कहते हैं, "सॉरी, रॉन्ग ग्रुप."
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Pedersen
खाने वाले
ये कुछ भी खाने से पहले उसकी तस्वीर जरूर लेते हैं और सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को भी दिखाते हैं कि देखो आज खाने में क्या है, फिर खाना चाहे रेस्तरां का हो या इनके हाथ का बना.
तस्वीर: Eesha Kheny
कुछ ना करने वाले
पढ़ते ये सब हैं लेकिन जवाब किसी बात का नहीं देते. बाकी के ग्रुप वाले अक्सर इनसे नाराज रहते हैं क्योंकि व्हाट्सऐप के नीले निशान से यह तो पता चल ही जाता है कि मेसेज इन तक पहुंच गया है.
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ग्रुप छोड़ने वाले
ये बात बात पर ग्रुप छोड़ देते हैं. अधिकतर ये दिन भर फोन पर आने वाली नोटिफिकेशन से परेशान रहते हैं, इसीलिए भाग जाते हैं. लेकिन परिवार और दोस्तों के दबाव में आ कर लौट भी आते हैं.
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एडमिन टाइप के
कुछ लोगों को ग्रुप बनाने का बहुत शौक होता है. वे बात बात पर ग्रुप बना देते हैं. सामने वाले को पता भी नहीं चलता है, लेकिन ये उसे ग्रुप में शरीक कर चुके होते हैं.
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रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों और सुरक्षा रिसर्चर ने पक्के तौर पर पाया कि इस ऐप का इस्तेमाल यूएई सरकार विस्तृत निगरानी के लिए कर रही है.
अखबार की रिपोर्ट में मदद करने वाले सुरक्षा रिसर्चर पैट्रिक वार्डल ने एक ब्लॉग में लिखा, "टोटॉक ऐप बड़े पैमाने पर निगरानी ऑपरेशन का हिस्सा प्रतीत होता है, जिससे देश की बड़ी आबादी पर नजदीकी नजर रखी जा रही है."
वार्डल का कहना है कि टोटॉक मुफ्त कॉलिंग और मैसेजिंग सेवा की वजह से लोकप्रिय हो गया, क्योंकि कुछ देशों में व्हाट्सऐप और स्काइप कॉलिंग पर रोक है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्ले स्टोर पर फर्जी समीक्षा भी ऐप के लोकप्रिय होने का एक कारण है.
वार्डल का कहना है कि टोटॉक आईफोन और एंड्राएड यूजर को अपनी लोकेशन और निजी डाटा साझा करने के लिए छल करता है. वार्डल ने आगे लिखा, "आपके पास यूजर्स की एड्रेस बुक, चैट और लोकेशन तक पूरी तरह से पहुंच बिलकुल एपल द्वारा स्वीकृत तरीके से है."
वार्डल लिखते हैं, "जब आप एक बार जान जाते हैं कि कौन किससे और क्या बात कर रहा है, तब आप विशिष्ट व्यक्तियों की पहचान कर अधिक उन्नत तरीके से उन्हें निशाना बना सकते हैं."
अखबार के मुताबिक, इस साल लॉन्च हुए इस ऐप को ब्रीज होल्डिंग ने विकसित किया है. अखबार का कहना है कि ब्रीज होल्डिंग, अबू धाबी स्थित कंप्यूटर इंटेलिजेंस और हैंकिंग कंपनी डार्कमैटर से जुड़ा है.
टोटॉक ने एक ब्लॉग पोस्ट में जासूसी के आरोपों से इनकार किया है लेकिन इस बात को माना है कि कुछ "तकनीकी कारणों" से यह एपल और एंड्राएड स्टोर में उपलब्ध नहीं है. टोटॉक का कहना है कि मौजूदा यूजर इस ऐप का इस्तेमाल बिना किसी रुकावट के कर सकते हैं जबकि नए यूजर के लिए उसने कहा है कि वह एपल और गूगल के साथ तकनीकी मुद्दे को हल करने में जुटा है.
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