वर्ल्ड कप जीतने के बाद जर्मनी यूरो 2016 भी जीतना चाहता है. लेकिन अर्जेंटीना से मिली करारी हार और घायल खिलाड़ियों की फौज ने कोच योआखिम लोएव के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं.
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ब्राजील में वर्ल्ड कप जीतने वाले जर्मन कोच लोएव को बड़ा झटका उस वक्त लगा जब उन्हें पता चला कि चोट की वजह से माट्स हुमेल्स यूरो 2016 के क्वालिफाइंग मैच नहीं खेल पाएंगे. थोड़ी देर बार यूलियान ड्राक्सलर की गंभीर चोट का भी पता चला. अटैकिंग मिडफील्डर मेसुत ओएजिल, सेंट्रल मिडफील्डर और कप्तान बास्टियान श्वाइनश्टाइगर और अटैकिंग मिडफील्डर सामी खेदीरा भी पहले से घायल हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो जर्मन टीम के पांच बड़े खिलाड़ी रविवार को स्कॉटलैंड के खिलाफ होने वाले क्वालिफाइंग मैच में नहीं खेल पाएंगे. अब कोच लोएव के पास कुल 19 खिलाड़ी बचे हैं इन्हीं में से उन्हें रविवार को डॉर्टमुंड में होने वाले मैच के लिए अंतिम 17 खिलाड़ी चुनने हैं.
स्कॉटलैंड की टीम बहुत मजबूत नहीं है, लेकिन टीम बीते एक साल से कोई भी मैच नहीं हारी है. वहीं जर्मन टीम बदलावों से जूझ रही है. वर्ल्ड कप के बाद उसके तीन बड़े खिलाड़ी रिटायर हो चुके हैं. स्ट्राइकर मिरोस्लाव क्लोजे, मिडफील्डर फिलिप लाम और डिफेंडर पेर मेर्टेसाकर की कमी को भरना टीम के लिए आसान नहीं. जो बचे हैं उनमें से भी आधे चोट से कराह रहे हैं.
ऊपर से क्लब फुटबॉल की वजह से युवा खिलाड़ियों को एक साथ अभ्यास करने का मौका ही नहीं मिला है. अलग अलग क्लबों के लिए खेलने वाले यह खिलाड़ी बुधवार को जब अर्जेंटीना के खिलाफ दोस्ताना मैच में टीम के रूप में साथ आए तो उनमें तालमेल की भारी कमी दिखी. अर्जेंटीना ने इसका फायदा उठाते हुए जर्मनी को 4-2 से हराया.
इस हार ने बता दिया कि लाम, मेर्टेसाकर और हुमेल्स के बिना जर्मनी का डिफेंस कमजोर पड़ जाता है. हुमेल्स कॉर्नर को हेड मारकर गोल में बदलने के लिए भी मशहूर हैं. अर्जेंटीना के खिलाफ जर्मन टीम को कई कॉर्नर मिले लेकिन हुमेल्स के बिना टीम इनका कोई फायदा नहीं उठा सकी.
ओएसजे/एएम (डीपीए)
चैंपियनों का भव्य स्वागत
वर्ल्ड कप जीतने वाली जर्मन टीम का राजधानी बर्लिन में पलक पावड़े बिछा कर स्वागत हुआ. सपने के हकीकत में बदलने पर कैसे मुग्ध है जर्मनी के लोग, देखिए इन तस्वीरों में.
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सज गया ब्रांडेनबुर्ग गेट
वर्ल्ड कप विजेता टीम का सफर बर्लिन के मशहूर ब्रांडेनबुर्ग गेट पर आकर थमा. विशाल मंच पर कोच समेत पूरी टीम आई. खिलाड़ियों ने एक एक ट्रॉफी उठाई और मुग्ध दर्शकों के साथ झूमने लगे.
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नाचते गाते सितारे
ब्रांडेनबुर्ग गेट पर फैन्स का गाकर उत्साह बढ़ाते मारियो गोएत्से. अर्जेंटीना के खिलाफ निर्णायक गोल ठोकने वाले गोएत्से के साथ डांस करते आंद्रेया शुर्ले और टोनी क्रूज.
तस्वीर: Reuters
देश के साथ झूमती टीम
खिलाड़ी हों या कोच, 5 लाख लोगों की भीड़ के सामने खुशी से झरझरा कर बहने लगी. बाहों में बांहे डाले पूरी टीम मंच पर नाचने लगी.
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हैं तैयार हम
इससे पहले सुबह दस बजे के करीब जैसे ही जर्मन टीम को ला रहा लुफ्थांसा का विशेष विमान बर्लिन के ऊपर पहुंचा, जमीन पर मौजूद हजारों फुटबॉल प्रेमियों ने झंडे लहराकर, हाथ हिलाकर विमान का स्वागत करना शुरू कर दिया.
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स्वागत से सराबोर छुट्टी
बर्लिन एयरपोर्ट के एक हिस्से को फुटबॉल प्रेमियों के लिए खोल दिया गया ताकि वो टीम को जहाज से उतरते हुए देख सकें. इस ऐतिहासिक लम्हे के गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी वहां पहुंचे. फिलहाल स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां हैं.
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पूरी तैयारी के साथ
देर में एयरपोर्ट पहुंचे लोगों को बहुत दूर जगह मिली, जहां से खिलाड़ियों को देख पाना अत्यंत ही मुश्किल था. ऐसे में कुछ लोग दूरबीन लेकर पहुंचे, ताकि वो टीम को करीब से देख सकें.
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और आ गई टीम
आम तौर पर विमान के दरवाजे बाईं तरफ खुलते हैं. लेकिन टीम दाहिनी तरफ के इमरजेंसी एक्जिट से बाहर निकली, ताकि एयरपोर्ट के खोले गए हिस्से में जुटे फैन्स एक एक कर विजेताओं को देख सकें. कप्तान फिलिप लाम ट्रॉफी हाथ में लिए सबसे पहले बाहर निकले.
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बड़े जश्न की तैयारी
एयरपोर्ट पर थोड़ी देर रुकने के बाद टीम बस में सवार हुई. बस के बाहर जर्मनी के फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने का इतिहास लिखा हुआ था. 1954, 1974, 1990 और 2014.
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लॉरी से इस्तकबाल
इसके बाद टीम खास तौर पर तैयार की गई एक लॉरी पर सवार हुई और सड़कों के किनारे जुटे फैन्स का इस्तकबाल करते हुए आगे बढ़ी गई.
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जगह जगह वर्ल्ड कप
जर्मनी के कोने कोने से बर्लिन पहुंचे कई फैन्स अपने साथ नायाब कला के नमूने भी लाए. कुछ लोग तो वर्ल्ड कप ट्रॉफी जैसी ट्रॉफी भी बना लाए.