आम तौर पर आप पुलिस के पास चोरी की शिकायत लिखवाते हैं और उसके बाद पुलिस आपका सामान ढूंढती है. लेकिन इटली में तो चोरी हुई पेंटिंग बरामद होने के बाद पता चला कि वह कभी चोरी भी हुई थी.
विज्ञापन
इटली के शहर नेपल्स के म्यूजियम को 500 साल पुरानी एक पेंटिंग लौटाई गई है. पुलिस को यह पेंटिंग नेपल्स के ही पास एक अपार्टमेंट में मिली. कमाल की बात यह थी कि म्यूजियम खुद ही नहीं जानता था कि उसके यहां से यह पेंटिंग कभी चोरी भी हुई थी. क्योंकि जब से इटली में कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू हुई है, तब से यह म्यूजियम बंद पड़ा है.
म्यूजियम का नाम सेन डॉमेनिको मागियोरे म्यूजियम है और पेंटिंग येशु की है. इसे किसने बनाया, इस पर विवाद है लेकिन माना जाता है कि 16वीं सदी के पेंटर जियाकोमो अलीब्रांडी ने इसे बनाया है, जो इटली के मशहूर पेंटर लियोनार्डो दा विंची के शागिर्द थे.
पुलिस का कहना है कि उन्हें अपने एक सूत्र से जानकारी मिली थी जिसके बाद उन्होंने अपार्टमेंट पर छापा मारा. अपार्टमेंट के बैडरूम में मौजूद एक अलमारी में उन्हें यह पेंटिंग मिली. अपार्टमेंट के 36 वर्षीय मालिक को इस मामले में हिरासत में ले लिया गया है.
पुलिस का कहना है कि जिस किसी ने भी पेंटिंग चुराई है, वह किसी बड़े गिरोह का हिस्सा है जो इस तरह की मशहूर पेंटिंगों की तस्करी करता है. वहीं, हिरासत में लिए गए व्यक्ति का कहना है कि उसने इटली के एक कबाड़ी बाजार से इसे खरीदा था. पेंटिंग पुरानी है लेकिन उसे अंदाजा नहीं था कि वह कीमती भी है.
हैरत की बात यह भी है कि म्यूजियम में कोई खिड़की दरवाजा टूटा हुआ नहीं पाया गया है यानी मुमकिन है कि चोरी में म्यूजियम के किसी कर्मचारी का हाथ था. पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीरों में वह खाली दीवार देखी जा सकती है जहां इस पेंटिंग को मूल रूप से रखा गया था.
पुलिस अधिकारी जियोवानी मेलिलो ने बताया कि पेंटिंग को ढूंढ निकालना एक "बेहद पेचीदा ऑपरेशन" था लेकिन स्थानीय पुलिस की "सूझबूझ और मेहनत" के कारण इसे पूरा किया जा सका. उन्होंने कहा, "इस बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी, बल्कि हमने खुद म्यूजियम से संपर्क किया. उसे इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी क्योंकि जिस कमरे में यह पेंटिंग रखी हुई थी, वह पिछले तीन महीनों से खोला ही नहीं गया है. पुलिस प्रमुख अल्फ्रेडो फाबरोचिनी ने इस बारे में कहा कि वे पेंटिंग के मिलने से बहुत खुश हैं "क्योंकि हमने केस शुरू होने से पहले ही उसे सुलझा दिया."
यह लियोनार्डो दा विंची की मशहूर पेंटिंग "साल्वातोर मुंडी" की एक नकल है जिसे उन्हीं के चेले अलीब्रांडी ने उनकी याद में बनाया था. असली पेंटिंग की कहानी भी दिलचस्प है. उसे 2017 में 45 करोड़ डॉलर में नीलाम किया गया था. यह नीलामी न्यूयॉर्क में हुई थी और कमाल की बात यह थी कि पेंटिंग खरीदने वाले का नाम गुप्त रखा गया था. बाद में खबर आई थी कि इसे सऊदी अरब के किसी शेख ने "लूव्र अबु धाबी" म्यूजियम के लिए खरीदा था. एक साल इस बाद इसे म्यूजियम में एक प्रदर्शनी में पेश किया जाना था लेकिन तब से अब तक किसी ने उस पेंटिंग को नहीं देखा है.
सुरक्षा कितनी भी चाक चौबंद हो जाए, लेकिन चोर फिर भी कामयाब हो जाते हैं और कई बार बेहद कीमती और शानदार कलाकृतियों को उड़ा ले जाते हैं. बर्लिन में 100 किलो का सोने का सिक्का चोरी हो जाना चोरों की महारथ को ही दिखाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. K. Techt
जब गायब हो गई मोनालिसा की मुस्कान
दुनिया का सबसे नामी पोट्रेट 'मोनालिसा' 1911 में चुरा लिया गया था. विनसेंजो पेरुगिया नाम के एक इतावली युवक ने लियोनार्डो द विंची की बनाई ये महान कृति पेरिस के लूव्रे म्यूजियम से चुरा ली. दो साल बाद 1913 में पुलिस ने इसे बरामद किया.
रेमब्रांड्ट के बनाए इस पोट्रेट 'जाक III द गैन' को ब्रिटेन की दलिच पिक्चर गैलरी से एक बार नहीं बल्कि चार बार चुराया गया. पहले 1966 में और फिर 1973, 1981 और 1986 में. अच्छी बात यह है कि हर बार इसे बरामद कर लिया गया.
तस्वीर: picture-alliance/akg-images
बॉस्टन की रहस्यमयी चोरी
1990 में इसाबेला स्टुआर्ड गार्डनर म्यूजिमय से एक साथ 13 पेटिंग चोरी हो गईं. दो लोगों ने पुलिस का भेस बनाकर म्यूजियम में सेंधमारी की और वहां से पेंटिंग निकाल कर ले गए. चुराई गई पेटिंग्स में यहां दिख रही 'कॉन्सर्ट' नाम की पेंटिंग भी शामिल थी. म्यूजियम में पेटिंग्स के फ्रेम अब भी लटके हुए हैं.
तस्वीर: Gemeinfrei
साठगांठ से चोरी
1991 में एम्सटरडैम के वान गॉग म्यूजियम के एक शौचालय में एक व्यक्ति ने खुद को बंद कर लिया और किसी को इस बात की खबर नहीं हुई. वार्डन की मदद से उसने वहां से 20 कलाकृतियां चुरा लीं. लेकिन चोरी के एक घंटे बाद ही पुलिस ने सारी कलाकृतियां बरामद कर लीं. कुछ महीनों बाद चोर भी पकड़ा गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Van Weel
कई साल गायब रहे द विंची
लियोनार्दो द विंची की बनाई 'मैडोना ऑफ द यार्नविंडर' की अनुमानित कीमत 7.6 करोड़ डॉलर है. लेकिन 2003 में एक स्कॉटिश कासल से यह कलाकृति चुरा ली गई. पर्यटक बन कर दो चोर प्रदर्शनी में घुसे और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को धुन दिया और पेटिंग को ले उड़े. चार साल बाद ग्लासगो में एक छापे के दौरान यह पेटिंग बरामद हुई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
मंच म्यूजियम पर हमला
एडवार्ड मंच की बनाई दो पेटिंग 'द स्क्रीम' और 'मडोना' 2004 में ओस्लो से चोरी हो गईं. दो हथियारबंद लुटेरों ने मंच म्यूजियम पर हमला किया और सरे आम इन पेटिंग्स को दीवार से उतार कर चलते बने. बाद में पुलिस ने ये पेटिंग बरामद कर लीं, लेकिन इस दौरान 'द स्क्रीम' को बहुत नुकसान को हो चुका था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Munch Museum Oslo
यूरोप की सबसे बड़ी आर्ट डकैती
2008 में हथियारों से लैस चोरों ने ज्यूरिख के ब्यूर्ले कलेक्शन से चार पेंटिंग चुरा लीं जिनकी कुल कीमत 18.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी. इनमें पॉल सेजाने की 'द बॉय इन द रेड वेस्ट', एडगार डुगा की 'लुडोविक लेपिक एंड हिज डॉटर्स', विंसेट फान गॉग की 'ब्लॉसमिंग चेस्टनट ब्रांचेज' और क्लौद मोने की 'पॉपी फील्ड नियर वितई' शामिल थी. बाद में ये सभी बरामद हो गईं.
तस्वीर: picture-alliance/akg-images
100 किलो का सोने का सिक्का चोरी
मार्च 2017 में बर्लिन के बोड म्यूजियम से 100 किलो का विशाल सोने का सिक्का चोरी हो गया. इसमें लगे सोने की ही कीमत 40 लाख डॉलर है. माना जाता है कि चोर खिड़की से इमारत में घुसा. सिक्का कनाडा में बना था और 53 सेंटीमीटर ऊंचा और तीन सेंटीमीटर मोटा है. इसके एक तरफ ब्रिटेन की महारानी की आकृति अंकित है.