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चोरी की समस्या से जूझते दक्षिण अफ़्रीका के एयरपोर्ट

८ जून २०१०

11 जून को दक्षिण अफ़्रीका में फ़ुटबॉल विश्वकप शुरू हो रहा है. सारी दुनिया से मेहमान आ रहे हैं और एयरपोर्ट में उनके लगेज की सुरक्षा अधिकारियों के लिए सरदर्द की वजह बनी हुई है.

तस्वीर: AP

दक्षिण अफ़्रीका के फ़ुटबॉल अधिकारियों के अनुसार इसी हफ़्ते लगभग तीन लाख फ़ैन्स वहां पहुंचने वाले हैं, जिनमें से एक-तिहाई बुधवार और गुरुवार को वहां पहुंचेंगे. दक्षिण अफ़्रीका के एयरपोर्ट लगेज की चोरी के लिए बेहद बदनाम हैं, लेकिन विश्वकप से पहले उनकी सुरक्षा के लिए काफ़ी इंतज़ाम किए गए हैं. इलेक्ट्रानिक बैग स्कैनर सहित सुरक्षा के विभिन्न नए उपायों पर 2 करोड़ 10 लाख डालर खर्च किए गए हैं.

कई वर्षों से एयरपोर्ट सुरक्षा की सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. जोहानेसबर्ग के ऑलिवर टैम्बो अंततराष्ट्रीय एयरपोर्ट के असिस्टेंट जनरल मैनेजर टेबोगो मेकगोए का कहना है कि तीन साल पहले वहां प्रतिदिन लगेज चोरी के लगभग 40 मामले सामने आते थे. लेकिन पिछले साल कनफ़ेडरेशन कप के आयोजन के दौरान वहां कोई लगेज चोरी की शिकायत नहीं आई थी.

तस्वीर: dpa

लेकिन समस्या तो बनी हुई है. देश की सबसे बड़ी विमान सेवा साउथ अफ़्रीकन एयरवेज़ का कहना है कि प्रति हज़ार बैगों में से दो चुरा लिए जाते हैं. विमान सेवा का कहना है कि इसके लिए संगठित अपराधी गिरोह ज़िम्मेदार हैं.

अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट में कहा गया है कि ऑलिवर टैम्बो एयरपोर्ट में लगेज चोरी एक गंभीर समस्या है. दूतावास ने यात्रा करने वालों को सलाह दी है कि वे सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अनुमोदित सेफ़्टी लॉक का इस्तेमाल करें. ब्रिटिश दूतावास की सलाह है कि वे बैगों के लिए वैक्यूम रैपरों का इस्तेमाल करें.

लेकिन मेकगोए कहते हैं कि बैगेज के लिए नए लोगों को भर्ती करके, एक बैगेज रिएक्शन टीम बनाकर और चेक-इन से विमानों तक इलेक्ट्रानिक स्कैनरों की व्यवस्था करके चोरी की समस्या पर लगभग काबू पा लिया गया है. वैसे वे भी मानते हैं कि ख़ासकर जोहानेसबर्ग एयरपोर्ट को इस बदनामी से जूझना पड़ रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: महेश झा

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