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छिन गया टीम इंडिया का सहारा

४ फ़रवरी २०१२

सहारा इंडिया ने भारतीय टीम की स्पॉन्सरशिप छोड़ दी है. साथ ही सहारा ने आईपीएल की पुणे वॉरियर्स टीम से भी हाथ पूरी तरह पीछे खींच लिए हैं. सहारा बीसीसीआई के रुख से झल्लाया हुआ है.

तस्वीर: UNI

आईपीएल की बोली से ठीक पहले शनिवार को सहारा इंडिया ने बयान जारी कर कहा, "हम बीसीसीआई के तहत आने वाले हर तरह के क्रिकेट से हट रहे हैं." टीम इंडिया के साथ 11 साल से जुड़ा सहारा इंडिया भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के व्यवहार से आहत है.

सहारा की झल्लाहट आईपीएल को लेकर है. सहारा इंडिया के मुताबिक बीते साल उसे यह जानकारी मिली कि आईपीएल में 10 टीमों के बीच 94 मैच खेले जाएंगे. इसे ध्यान में रखते हुए ही कंपनी ने बोली लगाई. लेकिन आईपीएल के दौरान सिर्फ 74 मैच खेले गए. जब सहारा ने इसका विरोध करते हुए आईपीएल और बीसीसीआई से पैसे वापस मांगे तो सख्त नियमों का हवाला देकर उसकी मांग को खारिज कर दिया गया.

तस्वीर: AP

सहारा युवराज सिंह के स्थान पर दूसरे खिलाड़ी की मांग भी कर रहा था. युवराज सिंह पुणे वॉरियर्स के कप्तान हैं. लेकिन फिलहाल वह बीमार है. फेफड़े के कैंसर से लड़ रहे युवराज चार अप्रैल से 27 मई तक होने वाला आईपीएल नहीं खेल सकते हैं. सहारा ने आईपीएल की गवर्निंग शाखा से कहा कि टीम को युवराज के स्थान पर किसी और खिलाड़ी को चुनने की अनुमति दी जाए. इस मांग को भी ठुकरा दिया गया. वहीं बीसीसीआई का कहना है कि वह नियमों से बाहर नहीं जा सकती.

भारतीय टीम का स्पॉन्सर सहारा टीम इंडिया के हर टेस्ट मैच, वनडे और टी-20 मैच के लिए 3.34 करोड़ रुपये चुका रहा है. सहारा इंडिया के बयान में कहा गया है कि, "हम बीसीसीआई और खिलाड़ियों को कोई कष्ट नहीं पहुंचाना चाहता है. लिहाजा बीसीसीआई के पास नया स्पॉन्सर खोजने के लिए दो-चार महीने वक्त है, तब तक हम स्पॉन्सरशिप का पैसा लगाते रहेंगे."

हालांकि सहारा इंडिया एक बार पहले भी स्पॉन्सरशिप छोड़ने का एलान कर चुका था. तब कुछ दिनों बाद बात बन गई. लेकिन इस बार मामला सिर्फ भारतीय टीम का नहीं बल्कि आईपीएल का है, जिसे सहारा व्यावसायिक नजरिए से देख रहा है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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