इंडोनेशिया में गिरफ्तार अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को भारत लाने की तैयारी की जा रही है. लेकिन राजन की मुस्कुराहट भरी गिरफ्तारी से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
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भारत के मोस्ट वॉटेंड अपराधी छोटा राजन को सोमवार को बाली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया. राजन ऑस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया पहुंचा था. राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन की भारतीय एजेंसियों को 1995 से तलाश थी. छोटा राजन की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी बताते हुए सीबीआई के निदेशक अनिल सिंहा ने कहा, "हम छोटा राजन की गतिविधियों को बारीकी से ट्रैक कर रहे थे और हमने इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया की पुलिस को उसके बारे में सूचित किया."
सिंहा के मुताबिक अब छोटा राजन को भारत लाने की तैयारी की जा रही है, "उसके खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमे आगे बढ़ाए जाएंगे."
छोटा राजन को 1998 में थाईलैंड में भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन तब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे भारत लाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और वह अगले ही दिन रिहा हो गया. सूत्रों की माने तो खुफिया एजेंसी रॉ का करीबी माना जाने वाला छोटा राजन बीते कुछ समय से बीमार है. वह इलाज के लिए भारत आना चाहता है. विदेशों में छुप छुपकर रहने के बजाए वह भारत में बेहद कड़ी सुरक्षा में जीना चाहता है, शायद अबू सलेम की तरह. भारत की इंडोनेशिया के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन इसके बावजूद नई दिल्ली को उम्मीद है कि राजन को भारत लाने में उसे सफलता मिलेगी.
छोटा राजन की गिरफ्तारी ऐसे वक्त में हुई है जब भारत पाकिस्तान पर दाऊद इब्राहिम को सौंपने का दबाव बना रहा है. भारत दाऊद को 1993 के मुंबई धमाकों का मास्टरमाइंड कहता है. नई दिल्ली का आरोप है कि दाऊद पाकिस्तान में छुपा है.
मुंबई धमाकों से पहले तक छोटा राजन, दाऊद के लिए ही काम करता था. लेकिन मुंबई धमाकों ने दोनों की दोस्ती में दरार पैदा कर दी और राजन ने अपना गिरोह बना लिया. भारतीय मीडिया के मुताबिक छोटा राजन ने अपनी छवि देशभक्त अंडरवर्ल्ड सरगना की बनाई. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियों की मदद से वह दाऊद के गैंग को निशाना बनाने लगा. 1993 के बाद मुंबई में अंडरवर्ल्ड का गैंग वॉर खुलकर सामने आने लगा. इसमें एक तरफ छोटा राजन का गैंग था तो दूसरी तरफ दाऊद का छोटा शकील गैंग.
लेकिन इस बात की बहुत संभावना है कि भारतीय एजेंसियों को छोटा राजन से बहुत अहम नई जानकारियां मिलेंगी. सूत्रों के मुताबिक छोटा राजन पहले ही एजेंसियों को काफी कुछ बता चुका है, ऐसे में उससे किसी नई जानकारी की उम्मीद करना गलत है. राजन पर नजर रखने वाले एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, "दिसंबर 2014 से राजन के गैंग में करीबन कोई सदस्य नहीं है. वह उत्तर प्रदेश और कुछ राज्यों के लोगों के संपर्क में था, वह काम के लिए कुछ लोगों को अस्थाई तौर पर लेना चाहता था. एक गैंग सरगना के तौर पर वह खत्म हो चुका था."
जेल से भागने वालों के हैरतअंगेज कारनामे
जेल से निकल भागने में मैक्सिको के ड्रग डीलर एक्सपर्ट होते हैं. जेल की मोटी दीवारों, लोहे की सलाखों, गार्ड और सर्च लाइटों के बावजूद कुछ दुस्साहसी कैदियों ने भागने के नायाब तरीके आजमाए हैं.
तस्वीर: Getty Images/New York State Governor's Office/D. McGee
बाथरुम में सुरंग
जुलाई 2015 में मैक्सिको के नशीले ड्रग्स का कारोबारी योआकिन "एल चापो" गुजमन आल्टीप्लानो जेल से बच निकला. उसने अपनी सेल के गुसल वाले हिस्से के नीचे से एक सुरंग खोदी थी. बेहद कड़ी सुरक्षा वाली इस जेल से बाहर निकलने की बीते 14 सालों में दूसरी कोशिश कामयाब हुई है.
तस्वीर: Reuters/PGR/Attorney General's Office
सूटकेस में!
2011 में मैक्सिको की एक जेल में बंद कैदी की पत्नी एक बड़ा सूटकेस साथ लेकर उससे मिलने गई. युआन रामिरेज टिजेरीना नामका यह कैदी अवैध हथियार रखने का दोषी पाया गया था. कैदी सूटकेस में छुप गया था लेकिन जेल से बाहर निकलने से पहले ही सुरक्षा गार्ड्स की नजर में आ गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Sspqr
डर से
1983 में यूरोप की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली जेलों में से एक 'दि मेज़' से आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के 38 कैदी भाग निकले थे. उत्तरी आयरलैंड में स्थित यह जेल रिपब्लिकन और वफादार अर्द्धसैनिक बलों को रखने का मुख्य केंद्र थी. इन कैदियों ने छुपा कर लाई गयी बंदूकों और चाकू का डर दिखाकर गार्ड्स को डराया और जेल की एक वैन लेकर भाग निकले.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Mcerlane
चम्मच और रेनकोट बने औजार
अलकाट्रास जेल में बंद तीन बैंक लुटेरों ने चम्मचों को रगड़कर तेज किया और कामचलाऊ ड्रिल का इस्तेमाल कर अपने सेल से निकलने का रास्ता बना लिया. 1962 में सैन फ्रांसिस्को की इस जेल में काफी कड़ी सुरक्षा हुआ करती थी. उन्होंने रेनकोटों का इस्तेमाल कर फूलने वाली नाव बनाई और पानी के रास्ते निकल गए.
तस्वीर: imago/Kai Koehler
जेल से हैलीकॉप्टर!
किसी हॉलीवुड फिल्म की कहानी सी लगने वाली इस वारदात में पास्कल पाएट नामक एक कैदी ने दो बार जेल से भागने के लिए हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया. 2001 में हत्या के आरोपी पाएट ने एक फ्रेंच गांव में स्थित जेल में एक हैलीकॉप्टर हाइजैक कर भागने की कोशिश की. 2007 में उसने फिर ऐसी असफल कोशिश की और इस बार अपने साथ तीन और कैदियों को भी निकालना चाहा.
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छेद से बाहर
सीरियल किलर थियोडोर रॉबर्ट बंडी एक बार छोटी सी खिड़की से कूद कर भागने में सफल हुआ. दुबारा गिरफ्तार होने के बाद उसे कोलोराडो की जेल में रखा गया, जहां से भागने के लिए उसने अपना वजन 30 पाउंड घटाया और छत के बिजली वाले छेद से निकल भागा. 1974 से 1978 के बीच अमेरिका में कई महिलाओं की हत्या करने वाले बंडी को फिर पकड़ा गया और मौत की सजा दी गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP
जेल से मैनहोल में
जून 2015 में अमेरिका के न्यूयॉर्क की एक कड़ी सुरक्षा वाली जेल से भाग निकलने में हत्या के दो आरोपी सफल रहे. डेविड स्वेट और रिचर्ड मैट ने अपने सेलों के बीच की दीवार में छेद किया, जिसका रास्ता कई पाइपों से होता हुआ मैनहोल में खुलता था. उनकी धरपकड़ की कोशिश में मैट पुलिस की गोली से मारा गया जबकि स्वेट को घायल हालत में दुबारा पकड़ लिया गया.
तस्वीर: Getty Images/New York State Governor's Office/D. McGee