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जंगली कुत्तों का गुप्त संदेश

११ अगस्त २०११

ऑस्ट्रेलिया में जंगली कुत्तों के कारण मवेशियों को होने वाले नुकसान से बचने के लिए शोधकर्ता एक बड़ा ही रोचक शोध कर रहे हैं. शोधकर्ता कुत्तों के हथियार से ही उनसे बचाव करने के बारे में सोच रहे हैं.

तस्वीर: picture-alliance/ dpa

ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक कृत्रिम रूप से ऐसा रसायन बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो कि जंगली कुत्तों के मूत्र में पाया जाता है. उन्हें आशा है कि ऐसा करने से जंगली कुत्तों को मनुष्यों से दूर रखा जा सकता है.

जंगली कुत्तों के तांडव से हर साल ऑस्ट्रेलिया में करोड़ों डॉलर का नुकसान होता है. ऐसा माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया में जंगली कुत्ते सालाना 6.4 करोड़ डॉलर का औसत नुकसान पहुंचाते हैं. अकेले विक्टोरिया राज्य में जंगली कुत्ते 1.8 करोड़ डॉलर का नुकसान करते हैं.

शोधकर्ताओं के मुताबिक जंगली कुत्तों के मूत्र में रासायनिक संदेश होते हैं. जैसे-"यह मेरा इलाका है-बाहर रहना." जंगली कुत्ते एक तरह का "जैव सीमा" बना देते हैं. इसकी वजह से जंगली कुत्ते और दूसरे जानवर उस इलाके में घुसने से डरते हैं.

ऑस्ट्रेलियाई किसानों को जंगली कुत्तों के कारण काफी नुकसान होता है.तस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ट शोधकर्ता एलन रूबले कहते हैं, "हमें आशा है कि जंगली कुत्तों के प्रबंधन में यह उपाय गैर घातक उपकरण साबित होगा. आप इस गैर घातक उपकरण का इस्तेमाल उस जगह कर सकते हैं जहां मनुष्य जानवरों को आना पसंद नहीं करता. आप अपने घर के पिछवाड़े में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. जहां भेड़-बकरियों पर जंगली कुत्ते हमला करते हैं."

पशु अपनी सामाजिक स्थिति बताने के लिए रासायनिक संदेश का इस्तेमाल करते हैं. चाहे वह यौन संबंध के लिए उपलब्ध हैं या नहीं. या फिर प्रजनन का संकेत देना चाहते हो. जानवरों के मलत्याग करने से रासायनिक संदेश निकलते हैं. ऑस्ट्रेलिया में खास तरह के जंगली कुत्तों का मूत्र वैज्ञानिक इकट्ठा कर रहे हैं. डिंगोस नाम के ऑस्ट्रेलियाई कुत्तों के मूत्र को प्रयोगशाला में भेजा जाता है. जहां उससे विभिन्न आणविक चिह्नक निकाले जाते हैं.

रूबले कहते हैं, "यह विश्लेषण हमें बताते हैं कि वह रसायन कितने मजबूत होते हैं." रसायनों को फिर से बनाया जाता है और उन जानवरों को सूंघाया जाता है और देखा जाता है कि वह किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं.

रिपोर्ट: रॉयटर्स / आमिर अंसारी

संपादन: आभा एम

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