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प्रकृति और पर्यावरणलैटिन अमेरिका

जंगल में 25 साल से अकेले रहने वाले आदमी की मौत

३० अगस्त २०२२

अमेजन के जंगलों में 25 साल से अकेले रह रहे एक मूल निवासी की मौत हो गई है. अपने कबीले का वह आखिरी इंसान था और अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उसकी स्वाभाविक मौत हुई है.

25 साल से अमेजन के जंगल में अकेले रह रहे मूल निवासी की मौत
वीडयो से ली गई इस तस्वीर में वो शख्स नजर आ रहा हैतस्वीर: National Indian Foundation/AFP

अमेजन के ब्राजील वाले हिस्से में रहने वाले इस शख्स को 'इंडियो ऑफ द होल' के नाम से जाना जाता था. ब्राजील की एक एजेंसी है नेशनल इंडियन फाउंडेशन यानी फुनाई, जो मूल निवासियों की आबादी पर नजर रखती है. फुनाई को इस शख्स पर भी नजर रखने को कहा गया था. यह आदमी हैमॉक में मरा हुआ पाया गया है. उसके शरीर पर किसी चोट या हिंसा के निशान नहीं है और उसके साथ किसी हादसे की भी कोई जानकारी नहीं मिली है.

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कबीले का आखिरी इंसान

इंडियो टोनारु या इंडियो ऑफ द होल को यह नाम इसलिये मिला था क्योंकि वह जमीन में गड्ढे खोदा करता था. इन्हीं गड्ढों के सहारे वह जानवरों को फंसा कर मारा करता था और कभी कभी खुद भी इन्हीं गड्ढों में रहता था. उसने करीब 25 साल पूरी तरह अकेले रह कर बिताये हैं. अधिकारियों ने उसकी उम्र के बारे में जानकारी नहीं दी है.

ब्राजील में अब भी 8 लाख से ज्यादा मूल निवासी मौजूद हैंतस्वीर: Ricardo Oliveira/AFP/Getty Images

माना जाता है कि वह अपने कबीले का आखिरी इंसान था जो रोंडोनिया राज्य के टोनारु इलाके में रहता था. उसे दुनिया का सबसे अकेला इंसान भी कहा जाता है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि उसके कबीले के बाकी लोग मवेशियों का फार्म बनाने वालों के हाथों मारे गये. इस इलाके में 1970 और 1980 के दशक में ऐसे फार्मों का काफी विस्तार हुआ था और इन इलाकों में रहने वाले ज्यादातर मूल निवासी या तो वहां से भाग गये या फिर मारे गये.

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बाकी साथियों को खोने के बाद उसने बाहरी दुनिया से संपर्क रखने से इनकार कर दिया था. वह शिकार और खेती के जरिये खुद को जिंदा रखे हुए था. अधिकारियों को उसके घर के आसपास कोई और नहीं मिला है.

सबसे खतरनाक वर्षावन

बोलिविया की सीमा से लगता ब्राजील का यह इलाका ब्राजील के वाइल्ड वेस्ट के नाम से जाना जाता है. यहां जमीनों के विवाद अकसर लड़ाई झगड़े से निपटाये जाते हैं. सर्वाइवल इंटरनेशन की फियोना वाटसन के मुताबिक यह आदमी, "आर्थिक फायदों और औपनिवेशिकरण के नाम पर मूल निवासियों के खिलाफ होने वाली हिंसा और क्रूरता के साथ ही उनके प्रतिरोध की निशानी था. उसकी मौत के साथ मूलनिवासियों का नरसंहार पूरा हो गया."

प्राकृतिक संसाधनों और जमीन के लिये बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई हुई हैतस्वीर: Carl de Souza/AFP/ Getty Images

इस इलाके को सबसे खतरनाक वर्षावनों के रूप में जाना जाता है. सरकार की तरफ से हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक ब्राजील में अब भी करीब 8 लाख मूल निवासी हैं जो 300 अलग अलग कबीलों में बंटे हुए हैं. इनमें आधे से ज्यादा अमेजन में रहते हैं और इन पर भी प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग करने वालों से खतरा है क्योंकि ये लोग इन्हीं संसाधनों पर निर्भर हैं. फुनाई के मुताबिक ब्राजील में अलग थलग रहने वाले मूल निवासियों के 114 समूह दर्ज हैं हालांकि इनकी संख्या घटती बढ़ती रहती है. 

एनआर/एए (डीपीए, एएफपी)

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