द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले यूरोप में यातनाएं झेलने वाला यहूदी समाज फ्रांस में एक बार फिर बेचैन हो रहा है. देश में यहूदी विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं. फ्रांसीसी यहूदियों को लग रहा है कि एक दिन उन्हें बेघर न होना पड़े.
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पेरिस में मारे क्वार्टर सिनेगॉग (यहूदी धर्म का उपासना स्थल) के पास कई यहूदी परिवार रहते हैं. सोमवार को वहां काफी भीड़ थी. फ्रांस के गृह मंत्री बेर्ना कैजनॉएव यहूदी सुपरमार्केट और शार्ली एब्दॉ हमले के बाद यहूदी समाज को सुरक्षा का भरोसा दिलाने पहुंचे थे. मुलाकात के बाद गृह मंत्री ने फ्रांसीसी कैबिनेट मीटिंग में एलान किया कि 4,700 सैनिक और पुलिस अधिकारी फ्रांस के 717 सिनेगॉगों की रक्षा करेंगे.
लेकिन यहूदी समाज इस दावे पर भरोसा करने में हिचकिचा रहा है. 2012 में दक्षिणी फ्रांस के शहर टुलूस में एक यहूदी स्कूल पर हमला हुआ. फ्रांस के इस्लामी कट्टरपंथियों ने चार लोगों की हत्या कर दी. तब से ही डेविड बोकोब्जा जैसे युवा अपनी यहूदी टोपी को हैट के भीतर छिपा कर पहनते हैं.
बढ़ती नफरत
यूरोपियन यहूदी कांग्रेस के मुताबिक बीते कुछ सालों से फ्रांस में यहूदियों के प्रति नफरत भरी हिंसा बढ़ी है. सन 2000 से अब तक इस हिंसा में सात गुना वृद्धि देखी गई है. पेरिस हमला इसकी ताजा कड़ी है. बोकोब्जा कहते हैं, "हम यहूदी जानते है कि हम खास निशाना है. अगर कोई अकेला व्यक्ति या अकेला भेड़िया, हमले की योजना बनाए तो उसे सरकार भी नहीं टाल सकती है. वह हमें नहीं बचा सकती."
फ्रांस में यहूदियों के उच्चतम प्रतिनिधि रोजर कुकिरमान भी ऐसी ही राय रखते हैं. रिप्रेंजेटिव काउंसिल ऑफ फ्रेंच ज्यूइश इंस्टीट्यूशन्स के प्रमुख कुकिरमान के मुताबिक, "हम युद्ध जैसे हालत में हैं." यहूदी संगठन फ्रांस सरकार से बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और यहूदी विरोधी भावना से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की अपेक्षा कर रहे हैं. कुकिरमान कहते हैं कि दिसंबर 2014 में एक यहूदी जोड़े पर तीन युवकों ने हमला किया, "पूरे देश के स्कूलों में यहूदी शब्द बेइज्जती का पर्याय बन गया है. यह बुरी बात है."
मुस्लिम युवाओं में कट्टरपंथ
कुकिरमान के मुताबिक फ्रांस में रहने वाले 50 लाख मुसलमान शांतिपूर्वक रहने वाले लोग थे. लेकिन धीरे धीरे कट्टरपंथियों की संख्या बढ़ती गई. फ्रांसीसी समाजशास्त्रियों के मुताबिक मुस्लिम युवाओं में अब एक उग्र इस्लाम की विचारधारा पनप रही है. यही वजह है कि सबसे ज्यादा उग्र विचारधारा वाले युवा यूरोप से सीरिया जा रहे हैं और वहां इस्लामिक स्टेट नाम के बर्बर आतंकवादी संगठन का हिस्सा बन रहे हैं.
मारे क्वार्टर सिनेगॉग में जाने वाले जोनाथन बिबास फ्रांस सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हैं. वह कहते हैं, "खुफिया एजेंसियों ने अपना काम नहीं किया. अमेरिका और इस्राएल ने आतंकवाद से संबंधित जानकारी दी लेकिन फ्रांस ने उस पर लगातार कदम नहीं उठाए. यहूदी समाज को सुरक्षा का अहसास दिलाने के लिए सरकार को ज्यादा काम करना होगा."
बेघर होने का डर
फ्रांस में इस वक्त पांच लाख यहूदी रहते हैं. 2014 में 7,000 यहूदी फ्रांस छोड़कर इस्राएल चले गए. इस्राएल को लगता है कि इस साल फ्रांस से 10,000 लोग आएंगे. ऐसा नहीं है कि सभी लोग यहूदी विरोधी भावना के चलते फ्रांस छोड़ रहे हैं. कुछ यहूदी आर्थिक कारणों से भी फ्रांस में नहीं रहना चाहते. इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू फ्रांस छोड़ने की तैयारी कर रहे यहूदियों को इस्राएल में बसने का न्योता भी दे रहे हैं. पेरिस के ग्रेट सिनेगॉग में नेतान्याहू ने कहा, "जो यहूदी इस्राएल आना चाहते हैं, उनका खुले हाथों और गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा, वे एक विदेशी धरती पर नहीं आएंगे."
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने यहूदी विरोधी भावनाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाने का एलान किया है. यहूदी समाज को लगता है कि शायद फ्रांस डगमग होते भरोसे को फिर से मजबूत करेगा. डेविड बोकोब्जा जैसे युवाओं को ओलांद से शब्दों में उम्मीद दिखती है. लेकिन इसके बावजूद खुद को फ्रांसीसी कहने वाले डेविड एक अंतर्द्वंद्व का सामना तो कर ही रहे हैं, "मैं पेरिस से, अपने देश और इन गलियों से प्यार करता हूं. ये मेरी जिंदगी है कि लेकिन मेरे दिमाग में कहीं न कहीं ये आशंका भी है कि शायद एक दिन मुझे ये सब छो़ड़ना पड़ सकता है."
बारबरा वेसेल/ओएसजे
फ्रांस में आतंक
व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो पर आतंकी हमले से पूरा देश हैरान था. तीन दिनों तक पूरा देश सांस थामे हमलावरों के पता चलने का इंतजार करता रहा. मृतकों के परिजन शोक मना रहे हैं तो हफ्ते भर बाद शार्ली एब्दो का नया अंक आया.
तस्वीर: picture-alliance/epa/Y. Valat
अंतिम स्केच
7 जनवरी, बुधवार के दिन 11:28 मिनट पर शार्ली एब्दॉ के संपादक ने अंतिम ट्वीट किया, आईएस के नेता अल बगदादी का कार्टून. कार्टून पर लिखा है, शुभकामनाएं और सबसे बढ़कर स्वास्थ्य. यह कार्टून फिलिप ओनोरे ने बनाया था. कुछ ही मिनटों बाद उनकी हत्या कर दी गई.
तस्वीर: Screenshot Twitter
शार्ली एब्दॉ पर हमला
करीब साढ़े ग्यारह बजे शार्ली एब्दॉ के संपादकमंडल की बैठक हो रही थी. दो हथियारबंद नकाबपोश हमलावर कमरे में घुसे और 9 पत्रकारों को गोलियों से भून डाला. उनमें मुख्य संपादक स्टेफान चार्बोनिए भी थे. हमलावरों ने इमारत में घुसते समय मकान के केयरटेकर को भी मार डाला था.
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हमलावर भागे
शार्ली एब्दॉ पर हमला कुछ मिनटों तक ही चला. भागते हुए हमलावरों का सामना एक पुलिसकर्मी अहमद मेराबेत से हुआ. अपनी गाड़ी में बैठने से पहले उन्होंने पुलिस कर्मी को भी मार डाला. एक व्यक्ति ने इस हत्या की वीडियोरिकॉर्डिंग की. उसके बाद हमलावर भाग गए.
तस्वीर: Reuters
शोक में पूरा देश
हमले का पता चलने के बाद इंटरनेट में मृतकों के साथ सहानुभूति की लहर फैल गई. हैशटैग जे सुई शार्ली (मैं शार्ली हूं) का जन्म हुआ. यह ट्विटर के इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ हैश टैग बन गया है. शाम को सैकड़ों लोग मृतकों को श्रद्धांजलि देने जमा हुए.
तस्वीर: Getty Images/A. Meunier
पूरी दुनिया शार्ली
पूरी दुनिया में लाखों लोगों ने जे सुई शार्ली का बैनर लेकर अभिव्यक्ति की आजादी के लिए प्रदर्शन किया. बहुत से लोगों ने प्रेस की आजादी के समर्थन में हाथों में पेंसिलें ले रखी थीं. इस बीच पुलिस से भाग रहे हमलावरों की तस्वीरें जारी की गईं. शरीफ और सईद कुआची हत्याओं के लिए जिम्मेदार थे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B.v. Jutrczenka
प्रेस की आजादी पर हमला
पूरी दुनिया के पत्रकारों ने भी व्यंग्य पत्रिका के कार्टूनिस्टों और संपादकों के साथ सहानुभूति दिखाई. मामला जर्मनी के मीडिया में भी सुर्खियों में रहा. जर्मन पत्रकारों की राय थी कि आतंकवादियों की धमकी के आगे नहीं झुका जाएगा. फ्रांस में मीडिया दफ्तरों की सुरक्षा बढ़ी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Nietfeld
कोई अंत नहीं
शार्ली एब्दॉ के दफ्तर पर हुए हमले के एक दिन बाद 8 जनवरी को एक हथियारबंद शख्स ने पेरिस के दक्षिण में एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या कर दी. एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया. हत्यारा भागने में कामयाब रहा. उस समय यह पता नहीं था कि क्या उसका शार्ली एब्दॉ पर हमले में कोई हाथ है.
तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Samson
हत्यारे अभी भी फरार
शार्ली एब्दॉ के संदिग्ध हत्यारों ने गुरुवार को उत्तरी फ्रांस में एक पेट्रोल पंप पर हमला किया. वहां से उन्होंने अपनी गाड़ी के लिए पेट्रोल और खाने पीने का सामान चुराया. खबर आई कि गोलियां भी चलीं. लेकिन उसके बाद दोनों हत्यारे फिर भाग गए. पुलिस उन्हें खोजती रही.
तस्वीर: Reuters/P. Rossignol
मुस्लिम संस्थानों पर हमले
शार्ली एब्दॉ पर हुए हमले से कुछ फ्रांसीसियों का गुस्सा कुछ हद तक हिंसक रूप में सामने आया. पूर्वी फ्रांस में एक मस्जिद के पास स्थित कबाब की दुकान में धमाका हुआ. पश्चिमोत्तर फ्रांस में एक मस्जिद पर गोलियां चलाई गईं. हमलों में कोई घायल नहीं हुआ. सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए गए.
तस्वीर: Reuters/E. Foudrot
घर घर में तलाशी
इस बीच हमलावरों की खोज जारी रही. सरकार ने उत्तरी फ्रांस में आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी बढ़ा दी. हत्यारों को खोजने में करीब 88,000 सुरक्षाकर्मी तैनात थे. शाम को उन्होंने कई गांवों की तलाशी ली. लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा. रात 10 बजे तलाशी रोक दी गई.
तस्वीर: Reuters/C. Hartmann
तलाशी जारी
9 जनवरी को हत्यारों का संकेत मिला. उन्होंने एक महिला की गाड़ी लूट ली थी. पुलिस को जब दोनों भाई मिले तो गोलीबारी हुई. हमलावरों में शामिल दोनों कुआची भाई भागकर पेरिस के उत्तर में चार्ल्स द गॉल हवाई अड्डे के पास एक कारखाने में जा छुपे.
तस्वीर: picture-alliance/Xinhua/Chen Xiaowei
पेरिस में बंधक
फिर एक हमले की खबर आई. पूर्वी पेरिस में गोलियां चलीं. एक हथियारबंद हमलावर ने एक यहूदी सुपर बाजार पर धावा बोला और लोगों को बंधक बना लिया. अपहरणकर्ता चिल्लाया, "तुम्हें पता है मैं कौन हूं." जल्द ही साफ हो गया वह अमेदी कूलीबाली था, एक दिन पहले मारी गई पुलिसकर्मी का हत्यारा.
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प्रिंटिग हाउस में छुपे
दोनों संदिग्ध हत्यारे एक प्रिटिंग हाउस में छुप गए और वहां उन्होंने एक बंधक बनाया, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया. एक दूसरा कर्मचारी तहखाने में छुप गया और पुलिस को हत्यारों के बारे में सूचना दी. शाम पांच बजे दोनों भाई गोलियां चलाते इमारत से बाहर निकले और पुलिस की गोलियों से मारे गए.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/M. Spingler
पेरिस में चार मौतें
उसी समय पुलिस ने यहूदी सुपर बाजार पर छापा मारा. अपहरणकर्ता मारा गया. इसके पहले उसने अपने चार बंधकों को मार डाला था. उसकी गर्लफ्रेंड पर बंधक कांड में उसकी मदद करने का आरोप है. तुर्की के अधिकारियों के अनुसार 26 वर्षीया हयात बूमेदीन भागकर सीरिया चली गई है.
तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Samson
मृतकों की याद
शाम को और उसके अगले दिन लाखों लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने इसे राष्ट्र के लिए त्रासदी बताया. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और दूसरे प्रमुख राजनेताओं ने रविवार को पेरिस में एकजुटता रैली में हिस्सा लिया.