"अफसर होंगी कहीं और की"
८ अगस्त २०१५"कदम कदम पर मूर्ख लोग भरे पड़े हैं और हम पीड़ितों के दुख के प्रति बेहद असंवेदनशील हैं. अगर आप इस देश में पैदा हुए, तो हर कदम पर संघर्ष के लिए तैयार रहना बेहतर होगा." एक अगस्त को अदालत में अपना बयान दर्ज करवाने पहुंची रिजु बाफना ने उस दिन को याद करते हुए फेसबुक पर यह लिखा है.
भारत की शीर्ष प्रशासनिक सेवा की प्रशिक्षु अधिकारी रिजु बाफना ने मध्य प्रदेश के मानवाधिकार आयोग में कार्यरत एक अधिकारी के विरुद्ध यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई. मध्य प्रदेश के सिवनी में कार्यरत बाफना ने इसी मामले में अदालत में अपना बयान दर्ज कराने के दौरान झेली मुश्किलों का हवाला फेसबुक पर दिया. बाफना ने बताया कि यौन अपराध के मामलों में अदालत को किसी महिला शिकायतकर्ता के लिए जैसी संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी, वह नदारद थी.
"अफसर होंगी कहीं और की"
बाफना ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते समय एक वकील ललित शर्मा उनके साथ ही खड़े सारी बातें सुन रहे थे. उनके अलावा कई और लोग भी उस समय अदालत में मौजूद थे, जिससे उन्हें बयान देने में काफी सकुचाहट महसूस हो रही थी. उन्होंने जब मजिस्ट्रेट से बाकी लोगों को वहां से हटाने का अनुरोध किया, तो पास खड़े वकील शर्मा ने डांटते हुए उन्हें याद दिलाया कि वे "अफसर होंगी कहीं और की, कोर्ट में उनकी नहीं चलेगी." बफना ने साफ किया कि वह एकांत की मांग अधिकारी नहीं बल्कि एक महिला होने की हैसियत से कर रही हैं और कानून में इसकी व्यवस्था भी है.
बाफना के अनुसार काफी लंबी बहस के बाद वकील शर्मा वहां से चले गए. शर्मा से संपर्क किए जाने पर उन्होंने साफ किया कि वह बाफना से केवल कोर्ट की मर्यादा के अनुरुप आचरण करने के लिए कह रहे थे. उनका कहना है कि उन्होंने केवल बाफना से शांति बनाए रखने को कहा था और उनका अपमान नहीं किया था. दोनों पक्ष अपनी अपनी बात रख चुके हैं और अब इस मामले पर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा है कि सरकार इस वाकये को लेकर गंभीर है और इससे जुड़ी पूरी जानकारी एकत्र करवा रही है.
गौर करने वाली बात यह भी है कि बाफना के इस फेसबुक पोस्ट के साथ देश के तमाम लोगों की भावनाएं जुड़ गईं. अपने पोस्ट में बाफना ने भारत की हर महिला की चिंताजनक स्थिति पर टिप्पणी की है. 26 जुलाई को दर्ज कराई एफआईआर में बाफना ने मध्य प्रदेश के मानवाधिकार आयोग में आयोगमित्र के पद पर कार्यरत संतोष चौबे पर उन्हें अश्लील संदेश भेजने का आरोप लगाया है, जिसके चलते तुरंत कार्यवाई में चौबे को उनके पद से हटा दिया गया.
आरआर/आईबी (पीटीआई)