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वह पल जिसका बरसों से इंतजार

२६ मार्च २०१४

ब्रिटेन में शुक्रवार रात 12 बजते ही समलैंगिकों के लिए नई सुबह होगी. समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाले कानून के लागू होते ही इस सप्ताहांत कई जोड़े एक दूसरे के साथ शादी के बंधन में बंधने की तैयारी में हैं.

तस्वीर: Reuters

इंग्लैंड के नॉर्थेम्पटन शहर के मैथ्यू टॉर्सेन ने बताया, "1983 में यौन संबंध बनाने की उम्र 21 साल थी. मेरा पहला शारीरिक संबंध जिससे हुआ उसकी उम्र 20 साल थी. अगर हम पकड़े जाते तो हमें जेल भी हो सकती थी. वहां से शादी होने तक का सफर, मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन भी आएगा." समलैंगिक अधिकारों के लिए सालों तक चली लड़ाई में यह अहम पड़ाव है. समलैंगिक संबंध के लिए समान उम्र का होना और बच्चा गोद लेने का अधिकार पहले ही हासिल किया जा चुका था. लेकिन शादी को भी कानूनी दर्जा मिल सकेगा, ये कम ही लोगों ने सोचा था.

पूरे अधिकारों की लड़ाई

अब 51 साल के हो चुके टॉर्सेन उस घड़ी के इंतजार में हैं जब वह अपने 45 वर्षीय साथी को कानूनी तौर पर अपना जीवनसाथी बना सकेंगे. इस समलैंगिक दंपति ने कई साल समलैंगिकों के लिए संघर्ष करते बिताए हैं. इंग्लैंड और वेल्स में समलैंगिकों के बीच संबंधों को मान्यता 2005 में दी गई, उन्हें सामान्य दंपतियों की तरह अधिकार दिए गए. लेकिन कार्यकर्ता मांग करते रहे कि उन्हें वे सारे अधिकार चाहिए जो औरों के पास हैं.

कई रूढ़िवादी समुदायों और चर्च के विरोध के बावजूद पिछले साल ब्रिटेन की संसद ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी. चर्च के विरोध के कारण उसे समलैंगिक विवाहों को अंजाम देने की प्रक्रिया से बाहर रखा गया.

तस्वीर: AFP/Getty Images

अन्य देशों को संदेश

इस शनिवार ब्रिटेन के इतिहास का ऐतिहासिक पल होगा जब पहला समलैंगिक विवाह संपन्न होगा. पीटर मैकग्रेथ और उनके पार्टनर डेविड कबरेजा भी इसी शनिवार लंदन में रजिस्ट्रार ऑफिस में परिवार वालों और दोस्तों के सामने एक दूसरे को पति स्वीकार करेंगे. शादी करते ही वे उन देशों को संदेश भेजना चाहते हैं जहां समलैंगिक विवाह केवल सपनों में ही सोचा जा सकता है. समलैंगिक विवाह को 15 देशों में कानूनी दर्जा मिल चुका है लेकिन उनके साथ असमानता का व्यवहार पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.

इंग्लैंड के यॉर्कशर में इस हफ्ते शादी कर रही टेरेसा मिलवार्ड कहती हैं, "शादी होना और समान अधिकार मिलने का मतलब है कि ज्यादा लोग अपने रिश्ते का जश्न मना सकेंगे." उन्होंने बताया जब वह 16 साल की थीं तब उन्हें अपने समलैंगिक होने का पता चला. चर्च के एक समूह ने उनका इलाज करने के लिए उन्हें तीन दिन तक कमरे में बंद कर दिया, और उनके लिए प्रार्थना करते रहे. अब शादी के दिन वह और उनकी पार्टनर दोनों उन्हीं के पिता के साथ पहुंचेंगी.

बाकी हैं मुश्किलें

मिलवार्ड इस बात से खासी खुश हैं कि उनकी खुशी में उनका परिवार भी शामिल हो रहा है. लेकिन ऐसा सबके साथ नहीं है. 46 वर्षीय लुइस मोनैको क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट हैं. अपने 23 वर्षीय पार्टनर आरन एर्बास के साथ शादी के दिन के लिए उन्होंने सुरक्षा का भी इंतजाम किया है. उन्हें डर है कि एर्बास के परिवार वाले शादी में मुश्किलें पैदा कर सकते हैं. मोनैको ने बताया, "इसके परिवार वालों को दोनों ही बातें नहीं पसंद, पहली कि ये समलैंगिक है और दूसरी यह कि अपने से बड़े पार्टनर के साथ है. इससे पहले भी पुलिस के चक्कर हो चुके हैं और वह नहीं चाहता कि अब किसी वजह से शादी का दिन बर्बाद हो." उनकी शादी में शामिल होने दुनिया के अलग अलग हिस्सों से 45 मेहमान आ रहे हैं. शादी के बाद पार्टी का इंतजाम उसी पब में है जहां वे 18 साल पहले एक दूसरे से मिले थे.

एसएफ/एएम (एएफपी)

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