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जब महिलाएं बनाएं बीयर

२१ जून २०१३

अकसर ऐसा सोचा जाता है कि बीयर पुरुषों का ड्रिंक है. महिलाओं की जहां तक बात है, तो लोग अब भी उन्हें बीयर से जोड़ कर नहीं देख पाते. लेकिन महिलाओं और बीयर का बंधन भी पुरुषों और बीयर जितना ही गहरा है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी को उसके बीयर के लिए जाना जाता है. कुछ साल पहले तक जर्मनी दुनिया में सबसे ज्यादा बीयर की खपत वाले देशों में गिना जाता था. आंकड़े बताते हैं कि जर्मनी में हर व्यक्ति साल में करीब 150 लीटर बीयर पी जाया करता था. हालांकि पिछले सालों में यह कम हो कर करीब 100 लीटर हो गया है. जर्मनी में कुछ 1,500 ब्रुअरी हैं और इनमें से कई महिलाएं चलाती हैं. फ्रीडेरीके श्ट्राटे इन्हीं में से एक हैं. वह जर्मनी के डेटमोल्ड में बीयर बनाती हैं.

बेहतरीन बीयर

फ्रीडेरीके के साथ उनकी बहन सिलविया भी एक मशहूर बीयर कंपनी में उच्च पद पर हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें बीयर बनाना अजीब नहीं लगता, तो उन्होंने कहा, "मैंने खुद इस बारे में ज्यादा कुछ सोचा नहीं. मैं महिला हूं और हमेशा से बीयर बनाना मेरे लिए बेहतरीन कारीगरी रही है. मुझे हमारी बीयर बनाने वाली फैक्ट्री बहुत पसंद है और हमारी बीयर भी. मैं यहीं बड़ी हुई हूं."

पांच पीढ़ियों से फ्रीडेरीके का परिवार पारंपरिक तरीके से बीयर बना रहा है. कंपनी में 30 लोग काम करते हैं और बीयर का प्रचार नहीं किया जाता. फिर भी बीयर चखने वाले क्लब ने फ्रीडेरीके की थूस्नेल्डा बीयर को साल की बेहतरीन बीयर बताया है. इसलिए जर्मनी के अन्य हिस्सों से भी इस बीयर के लिए मांग बढ़ी है. फ्रीडेरिके इस से खुश हैं, "हमारे जैसे एक मध्य स्तर की कंपनी के लिए यह अहम है क्योंकि टीवी में प्रचार करने वाली कंपनियों से हमें मुकाबला करने में दिक्कत होती है. बाजार में दबाव बढ़ता जा रहा है."

पारंपरिक तरीके से तांबे की इन बड़ी केतलियों में बीयर बनती है.तस्वीर: DW/Johanna Schmeller

पुरानी परंपरा

महिलाओं के हाथों से बनी बीयर, यह एक पुरानी परंपरा का हिस्सा है. मध्यकाल में बीयर बनाना महिलाओं का काम था. उस समय महिलाओं के अलावा मठों में पादरी बीयर और मदिरा बनाते थे. मिषाएला क्नोर बर्लिन में ब्रूअरी एक्सपर्ट हैं. वह बताती हैं, "बीयर और महिलाओं का रिश्ता पुराना है क्योंकि महिलाएं खाना पीना देखती थीं और बीयर भी. मिस्र की प्राचीन संस्कृति में भी ऐसा ही था, बेबीलोन में भी और पुराने जर्मनों में भी ऐसा ही हुआ करता था."

औद्योगिक युग के साथ साथ बीयर बड़े पैमाने पर बनाई जानी लगी और पुरुष इस उद्योग को देखने लगे. इन दिनों हाथ से बनाई बीयर की मांग बढ़ रही है. हैम्बर्ग में एस्थर इसाक अपनी दुकान बीयरलैंड में इस तरह की बीयर बेचती हैं. यहां दुनिया भर से 300 तरह की बीयर आती हैं. आठ साल पहले इसाक ने अनुवादक की नौकरी छोड़कर बीयर बेचना शुरू किया. अब उन्हें 'क्वीन ऑफ बीयर' के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसाक आपके व्यक्तित्व के आधार पर बता सकती हैं कि आपको कैसी बीयर पसंद आएगा.

मध्यकाल में मठों में पादरी बीयर और मदिरा बनाते थे.तस्वीर: Bayerische Staatsbrauerei Weihenstephan

बार्लीज एंजल्स

महिलाओं और पुरुषों के स्वाद के बारे में वह बताती हैं, "महिलाएं यहां आम तौर पर बीयर के स्वाद के लिए उसे खरीदने आती हैं लेकिन पुरुष प्यास बुझाने के लिए बीयर पीते हैं." शायद यही वजह है कि बार्लीज एंजेल्स संगठन की बैठक में पुरुष कम ही दिखाई देते हैं. बार्लीज एंजल्स महिलाओं का संगठन है और इसमें विश्व भर से 5,000 सदस्य हैं. छह महीने पहले एस्थर इसाक ने जर्मनी में इसकी एक शाखा की शुरुआत की.

बार्लीज एंजल्स दो साल से चल रहा है. इसकी सदस्यता बढ़ रही है और इसमें वह महिलाएं शामिल हो रही हैं जो बीयर का स्वाद खुद तय करना चाहती हैं. एस्थर इसाक कहती हैं, "हम पुरुषों के खिलाफ काम नहीं कर रहे हैं. हम बस कहना चाहते हैं कि हम उपभोक्ताओं का 50 प्रतिशत हिस्सा हैं लेकिन कोई हमारे बारे में नहीं सोचता."

बीयर जगत को महिलाओं से जोड़कर अब ये महिलाएं कुछ बदलना चाहती हैं.

रिपोर्ट: मानसी गोपालकृष्णन

संपादन: ईशा भाटिया

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