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जब शेक्सपियर से मिले बिग बी

१८ मई २०११

अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मशहूर बोडलीयन पुस्तकालय का दौरा किया, जहां उन्होंने शेक्सपियर के लिखे नाटक को पढ़ा और हैरान रह गए. बिग बी वहां मिले सम्मान से काफी खुश हैं. उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय भी दिखाया गया.

तस्वीर: AP

भारतीय सिनेमा के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने पिछले सालों में विलियम शेक्सपियर के नाटकों के कई किरदारों को निभाया है लेकिन जब उन्हें ऐतिहासिक बोडलीयन पुस्तकालय में 1623 में उनके नाटकों का ‘फर्स्ट फोलियो' दिखाया गया तो वह हैरान रह गए और लगभग निशब्द हो गए.

40 साल के अपने करियर में बिग बी शेक्सपियर के कई नाटकों में रोल निभा चुके हैं. बिग बी ने उन डायलॉग्स को देखते हुए कहा, "यह अतुल्य है." अमिताभ ऑक्सफोर्ड सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज (ओसीएचएस) के बुलावे पर ऑक्सफोर्ड के दौरे पर गए थे.

ऐतिहासिक विश्वविद्यालय में बिग बी

अमिताभ की शान में एक दावत भी दी गई. इसके अलावा उन्हें बोडलीयन पुस्तकालय सहित 1602 में स्थापित ऐतिहासिक विश्वविद्यालय दिखाया गया. इसके बाद पुस्तकालय के विशेष संग्रहों की देखभाल करने वाले रिचर्ड ओवेनडेन ने कहा, "एक महान अभिनेता ने एक महान नाटककार के कामों को छुआ."

कई नाटकों मेंतस्वीर: AP

ओवेनडन कहते हैं, "इन दुर्लभ संग्रहों को देखने के लिए कई विद्वान आते हैं लेकिन यह पहली बार था कि एक महान अभिनेता शेक्सपियर के काम को देखने के लिए हमारे यहां आया."

इस काम को "मिस्टर विलियम शेक्सपियर कॉमेडीज, हिस्ट्रीज एंड ट्रेजेडीज" नाम दिया गया है. यह ‘फर्स्ट फोलियो' नाम से मशहूर है. फोलियो के रूप में छपे इस संग्रह में 36 नाटक शामिल हैं.

एक अन्य नायाब चीज जो बिग बी को दिखाई गई वह है कालिदास के ‘शकुंतला' की अंग्रेजी में अनुवादित पहली हस्तलिपि, जिसका विलियम जोन्स ने 1788 में अनुवाद किया था. जोन्स ने 1784 में कोलकाता में एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की थी. अमिताभ को मैग्ना कार्टा की मूल प्रति भी दिखाई गई, जिसने 1215 में शाही शक्तियों को कम किया और ऐतिहासिक विकास की एक सीरीज की नींव रखी. भारतीय छात्रों और यहां रहने वाले लोगों से मिले सम्मान से खुश अमिताभ ऑक्सफोर्ड गलियारे से बोडलियन पुरस्कालय गए जहां उनका स्वागत उप कुलपति प्रोफेसर एंड्रयू हेमिल्टन ने किया.

विलियम शेक्सपीयरतस्वीर: picture-alliance / imagestate/HIP

खुश हुए अमिताभ

इस दौरे के बाद अमिताभ ने कहा, "मैंने इस ऐतिहासिक संस्थान में सबसे खुशनुमा पल गुजारे हैं. यह ऐसा अनुभव है जो मेरे जेहन में लंबे समय तक रहेगा. ऐतिहासिक और प्रख्यात विश्वविद्यालय में ऐसा स्वागत बहुत बड़ा सम्मान है. खासकर मैं भारत और ऑक्सफोर्ड के बीच लंबे और मजबूत संबंधों और ओसीएचएस के जरिए हिंदू अध्ययनों को यहां मिल रहे सम्मान से बहुत प्रभावित हूं."

रिपोर्टः एजेंसियां/आमिर अंसारी

संपादनः ए जमाल

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