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जमाल के आगे फीकी पड़ी लेना

Anwar Jamal Ashraf१५ मई २०११

एक एक कर देशों के वोट आते जा रहे थे और लेना के साथ साथ डुसेलडॉर्फ में जमा जर्मन समर्थकों के दिल बैठे जा रहे थे. 18 की उम्र में सुपर स्टार बनीं लेना को साल भर के बाद किसी ने नहीं पूछा और उन्हें 10वें नंबर पर जा गिराया.

लेना मायरतस्वीर: dapd

यूरोविजन सांग कांटेस्ट के मेजबान देश होने के नाते डुसेलडॉर्फ में तो जर्मनी की लेना मायर का खूब समर्थन हो रहा था लेकिन इस प्रतियोगिता की मुश्किल यह है कि कोई भी अपने देश के प्रतियोगी को वोट नहीं दे सकता. जाहिर है लेना को दूसरे 24 देशों के वोटरों पर उम्मीद थी.

काली पोशाक में खूबसूरत लेना ने अच्छा गाना पेश किया लेकिन इस बार वोटरों का दिल 19 साल की लेना पर नहीं आया. उन्होंने तो अजरबैजान, इटली और स्वीडन को ही वोट देने का इरादा कर लिया था. आधा सफर तय होने तक यह साफ हो गया था कि लेना इस बार के मुकाबले में कहीं नहीं हैं. उन्हें विजेता अजरबैजान से मुकाबले आधे अंक भी नहीं मिले. अजरबैजान को 221 प्वाइंट मिले, जबकि लेना को सिर्फ 107.

तस्वीर: dapd

पिछले साल नॉर्वे की राजधानी ओसलो में यूरोविजन मुकाबला जीत कर लेना ने धमाल मचा दिया था. उन्हें गायिकी का कोई पेशेवराना अनुभव नहीं था लेकिन 18 साल की उम्र में ही उन्होंने प्रतिष्ठित मुकाबला जीत लिया. अगले दिन जब वह अपने शहर हनोवर पहुंचीं, तो लगभग 40,000 लोगों ने उनका स्वागत किया. जर्मनी ने लगभग दो दशक बाद यह प्रतियोगिता जीती थी.

उसके बाद उनका सैटेलाइट गीत खूब लोकप्रिय हुआ और जर्मनी के अंदर भी वह बेहद सम्मान के साथ देखी जाने लगीं. बड़े आयोजनों में उनकी पूछ होने लगी और लेना देखते देखते बड़ी स्टार बन गईं.

लेकिन इस बार के यूरोविजन में उनका जलवा नहीं चला. खूबसूरत लेना ने काली ड्रेस में एक रोमांटिक गीत पेश किया, जिस पर तालियां तो खूब बजीं लेकिन इनसे वोट नहीं मिल पाया. आखिर में लेना स्टेज पर तो जरूर आईं लेकिन सिर्फ अपना खिताब अजरबैजान की टीम के हवाले करने.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी

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