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जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा

७ अक्टूबर २०१०

जम्मू कश्मीर विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह के भाषण के दौरान बीजेपी और पैंथर्स पार्टी के विधायकों के हंगामा किया. मुख्यमंत्री के बयान से नाराज विधायकों ने सदन के बीचोबींच शोरशराबा करने की कोशिश की.

कश्मीर एक राजनीतिक समस्यातस्वीर: DW

हंगामा करने वाले विधायकों को सदन से जबरदस्ती बाहर भेजा गया. वरिष्ठ बीजेपी नेता चमनलाल गुप्ता के मुताबिक धक्कामुक्की में बीजेपी के तीन और पैंथर्स पार्टी के एक विधायक को कुछ चोटें भी आई हैं. अब बीजेपी ने 9 अक्टूबर तक चलने वाले विधानसभा सत्र के बाकी दिनों का बहिष्कार करने का फैसला किया है. बीजेपी के विधायक कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर दो दिन तक चली बहस के समापन पर मुख्यमंत्री के बयान से नाराज हैं.

बीजेपी का कहना है कि जम्मू कश्मीर को लेकर कोई विवाद नहीं है जिसे हल किया जाना है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ऐसी बात है तो फिर शिमला समझौता, लाहौर घोषणापत्र और आगरा व दिल्ली में हुई वार्ताओं की कोई जरूरत ही नहीं पड़नी चाहिए थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर एक लंबित मुद्दा है जिसे हल करने की जरूरत है. यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसे सिर्फ विकास, रोजगार और सुशासन से हल नहीं किया जा सकता.

इस बीच अमेरिकी ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान दोतरफा स्तर पर सुलझाएं. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउली के मुताबिक, "यह ऐसा मुद्दा है जिस पर दोनों पक्ष ध्यान दे सकते हैं, लेकिन स्पष्ट तौर पर यह अहम मुद्दा है. यह भारत औऱ पाकिस्तान का मुद्दा है. हाल के सालों में दोनों पक्षों के बीच इस विषय पर कई कामयाब बैठकें हुई हैं. इस तरह की बैठक भारत और पाकिस्तान की पूर्व सरकार के बीच हुईं." नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत का दौरा करने वाले हैं.

उधर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने साफ किया है कि जब तक दोनों पक्ष नहीं कहेंगे, यूएन कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता नहीं कर सकता. संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र आम तौर पर तभी कोई पहल करता है, जब दोनों संबंधित पक्ष ऐसा करने को कहें."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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