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जरदारी अपनी बात लेकर पहुंचेंगे ब्रिटेन

१ अगस्त २०१०

ब्रिटिश प्रधानमंतारी डेविड कैमरन के बयान से बिगड़े रिश्तों के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी इसी हफ्ते ब्रिटेन पहुंच रहे हैं. कैमरन का कहना है कि पाकिस्तान आतंक से निपटने के लिए ज्यादा नहीं कर रहा है.

तस्वीर: Abdul Sabooh

कैमरन के बयान से नाराज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के प्रमुख अहमद शुजा पाशा ने शनिवार को ब्रिटेन दौरा रद्द कर दिया और ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि जरदारी भी अपना दौरा रद्द कर सकते हैं. लेकिन रविवार को तय हुआ कि जरदारी ब्रिटेन जा रहे हैं.

कैमरन ने भारत दौरे में कहा था कि पाकिस्तान को अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं करना चाहिए और उसे आतंकवाद का निर्यात करने से परहेज करना चाहिए. इसके बाद से पाकिस्तान में उन्हें लेकर भारी नाराजगी है. पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान में प्रमुख विपक्षी नेता नवाज शरीफ ने कहा कि जरदारी को अपना ब्रिटेन का दौरा रद्द कर देना चाहिए. शरीफ कहते हैं, "मुझे लगता है कि कैमरन का यह बयान पाकिस्तान के लोगों की बेइज्जती है."

कराची में कैमरन की तस्वीर जलाई गई और प्रमुख टेलीविजन चैनलों और अखबारों ने इस चित्र को प्रकाशित किया. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी फ्रांस होते हुए लंदन पहुंच रहे हैं. फ्रांस में उन्हें राष्ट्रपति निकोला सारकोजी से मुलाकात करनी है. शुक्रवार को वह लंदन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से मुलाकात करेंगे. इसके बाद शनिवार को वह इंग्लैंड में रह रहे पाकिस्तानी समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे.

पाकिस्तान के सूचना मंत्री कमर जमां काइरा पहले से ही लंदन पहुंच चुके हैं. उन्होंने बताया कि जरदारी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्हें बताएंगे कि पाकिस्तान ने किस तरह से आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष किया है. उन्होंने कहा कि दोनों मुल्कों के रिश्ते बेहतर करने पर भी बात होगी. काइरा ने कहा, "अगर हम इतिहास में जाकर देखें तो हमारे रिश्ते ब्रिटेन के साथ बहुत अच्छे रहे हैं. हम उन रिश्तों को बनाए रखना चाहते हैं. उन्हें मजबूत करना चाहते हैं."

काइरा ने बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की तरफ से आतंकवाद के बारे में दिया गया बयान ठीक नहीं है और उच्चतम स्तर पर इस राय को स्पष्ट किय जाएगा. अफगानिस्तान में शांति के लिए अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों को पाकिस्तान की मदद की जरूरत है.

पाकिस्तान ने अल कायदा और तालिबान के खिलाफ एक भारी भरकम सैनिक कार्रवाई शुरू की थी. लेकिन हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के लीक हुए हजारों दस्तावेजों में इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की अफगानिस्तान में तालिबान से मिलीभगत है.

इसके अलावा अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने हाल के पाकिस्तान दौरे में कहा था कि उन्हें लगता है कि अल कायदा के कुछ नेता पाकिस्तान में छिपे हैं और पाकिस्तान सरकार के कुछ लोगों को इस बारे में पता है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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