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जरदारी ने भारतीय कैदी की सजा माफ की

२७ मार्च २०११

भारत पाकिस्तान के रिश्तों पर क्रिकेट कूटनीति का असर दिखने लगा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भारत दौरे से पहले राष्ट्रपति जरदारी ने मानवीय आधार पर भारतीय कैदी गोपाल दास की बाकी सजा माफ कर दी है. इसी साल होनी थी रिहाई.

तस्वीर: AP

गोपाल दास को पाकिस्तान की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी और वो 27 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर ने बताया,"भारत के सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के पास भेजी गई अपील के सम्मान में ये माफी दी गई है." पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के पास इस माफी के लिए दरख्वास्त भेजी थी. भारत के सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेच ने पाकिस्तान सरकार से गोपाल दास को मानवीय आधार पर माफी देने की अपील इसी महीने की शुरुआत में भेजी थी. सुप्रीम कोर्ट की ये अपील गोपाल दास के भाई आनंद वीर की याचिका पर दायर की थी.

तस्वीर: UNI

राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने याद दिलाया कि भारत की मीडिया में सुप्रीम कोर्ट के इस अप्रत्याशित कदम की खूब चर्चा हुई. फरहतुल्लाह बाबर ने ये भी कहा कि जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने अपने फैसले में मशहूर शायर फैज की कुछ लाइनों का जिक्र किया, "कफस उदास है यारों सबा से कुछ तो कहो कहीं तो बेहर ए खुदा आज जिक्र ए यार चले."

गोपालदास के परिवार वालों का कहना है कि उन्होंने गलती से सीमा पार कर ली थी जिसके बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ये घटना जुलाई 1984 की है. इसके बाद उन पर मुकदमा चला और 1987 में गोपाल दास को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक गोपाल दास को इसी साल के आखिर में रिहा किया जाना था.

फरहतुल्लाह बाबर ने बताया,"राष्ट्रपति ने रविवार को मनमोहन सिंह का न्यौता स्वीकार करने और प्रधानमंत्री गिलानी के मोहाली जा कर मैच देखने का कार्यक्रम तय होने के तुरंत बाद सजा माफी पर दस्तखत कर दिए."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः आभा एम

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