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जरदारी ने मांगी ईशनिंदा मामले में सफाई

२० अगस्त २०१२

पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सोमवार को अधिकारियों से ईशनिंदा के एक मामले पर सफाई मांगी है. रिपोर्टों के अनुसार मामला एक ईसाई लड़की का है जिसने कुरान की आयातों वाले कुछ पन्ने जला डाले. लड़की मानसिक तौर पर बीमार है.

तस्वीर: Reuters

पुलिस के अनुसार रिमशा नाम की लड़की को गुरूवार को गिरफ्तार किया गया. लड़की राजधानी इस्लामाबाद की ईसाई झुग्गियों की रहने वाली है और डाउन्स सिंड्रोम नाम की शारीरिक और मानसिक बीमारी का शिकार है. कई मुस्लिमों की शिकायत पर पुलिस ने रिमशा को 14 दिन की हिरासत में लिया है. अपना नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि लड़की की उम्र 14-15 साल होगी. हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता उसकी उम्र बस 11 साल बताते हैं.

स्थानीय मीडिया के अनुसार राष्ट्रपति ने इस मामले को बेहद संजीदगी से लिया है और गृह मंत्रालय से फौरन इस पर रिपोर्ट मांगी है. कुछ रिपोर्टों के अनुसार लड़की कूड़े में से इकट्ठा किए कागजों को खाना बनाने के लिए जला रही थी. उसी समय कोई उसके घर में आया और परिवार पर कुरान के कागजों को जलाने का इल्जाम लगाने लगा.

इलाके में मुसलामानों की नाराजगी के कारण कई ईसाइयों को अपने घरों को छोड़ना पड़ा है. इस्लामाबाद के इस इलाके में सैंकड़ों ईसाई परिवार रहते हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अकसर ईशनिंदा कानून का आपसी मतभेद में गलत इस्तेमाल किया जाता है.

महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ रही संस्था विमेंस एक्शन फोरम (डब्लूएएफ) ने रिमशा की गिरफ्तारी की निंदा की है. डब्लूएएफ की प्रवक्ता ताहिरा अब्दुल्लाह ने रिमशा की रिहाई की मांग की है और पुलिस के पास इस बच्ची के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वालों को "निर्दयी" बताया है. ताहिरा का कहना है कि पुलिस को इस मामले को बाल अपराध कानून के तहत दर्ज करना चाहिए था. उन्होंने पुलिस पर बच्ची को वकीलों और कार्यकर्ताओं से दूर रखने का भी आरोप लगाया है.

सलमान तासीरतस्वीर: DW

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानूनों पर बहस तेज है. कुरान का अनादर करने पर फांसी तक की सजा मिल सकती है. पिछले महीने भी पाकिस्तान में इस तरह का मामला सामने आया था. उस समय पंजाब प्रांत में भीड़ ने एक मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को पुलिस चौकी के बाहर पीट कर जान से मार डाला. भीड़ के अनुसार इस व्यक्ति ने भी कुरान के पन्ने जलाए थे.

इससे पहले जनवरी 2011 में पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर दी गयी थी. उन्होंने ईशनिंदा कानून की निंदा की थी. उसके लगभग दो महीने बाद ही अल्पसंख्यकों के नेता शाहबाज भट्टी की भी हत्या कर दी गई. इन दोनों ने ही एक ईसाई महिला, आसिया बीबी पर लगे ईशनिंदा के मामले का विरोध किया था. यह महिला अब भी जेल में है.

आईबी/एमजी (एएफपी)

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